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एक वर्किंग वुमन कैसे रखे करवाचौथ ?

    • मेधा चावला
    • Updated: 19 अक्टूबर, 2016 12:23 PM
  • 19 अक्टूबर, 2016 12:23 PM
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करवा चौथ को त्योहार तो बना दिया गया है लेकिन ऑफिसों में छुट्टी नहीं होती.

करवा चौथ का जो क्रेज फिल्मों ने शुरू किया था, उसे टीवी शोज ने बढ़ाया ही है. इतना कि अगर ये व्रत नहीं रखा तो लगता है जैसे कोई बड़ा काम छूट गया हो.

सजना-संवरना, ट्रेडिशनल कपड़े पहनना और पूरा दिन आराम से बैठना, भला किस लड़की को पसंद नहीं आएगा. लेकिन कभी सोचा है कि वर्किंग लेडीज के सामने कितनी दिक्कत आती होगी, करवा चौथ व्रत रखने में. अब इस व्रत को त्योहार तो बना दिया गया है लेकिन ऑफिसों में छुट्टी नहीं होती. ऐसे में वीक डे पर करवाचौथ आने से इसका मजा फीका लगता है.

अब आप ही सोचें कि आम दिनों में ही जब ऑफिस और घर की भागदौड़ खत्म नहीं होती, तो करवा चौथ वाले दिन सुबह उठकर सरगी खाना और फिर घर का काम करके ऑफिस निकलना कितना मुश्किल होगा.

अब टेंशन सिर्फ इतनी हो तो चलेगा. लेकिन उसके बाद करवा चौथ के लिए खासतौर पर तैयार होकर भी जाना पड़ेगा. साड़ी या सूट... अब किसे आदत रही है यह सब पूरा दिन पहनकर बैठने और घूमने की. और अगर नहीं पहना, तो ऑफिस के साथियों को सजा-संवरा देखकर वैसे ही पूरा दिन मूड ऑफ रहेगा. इन कपड़ों में मेट्रो और ऑटो पर निकलना कौन-सा आसान है.

फिर शाम को कोई काम आ जाए और ऑफिस से थोड़ा जल्दी निकलने का मौका न मिले, तो और भी परेशानी. एक तो भूख की वजह से काम में मन नहीं लगेगा अब जब पड़ोसन ही डिजाइनर ड्रेस नहीं देखेगी तो तैयार करवाने का फायदा ही क्या...  फिर पति लेट हो गए तो उनकी कम अटेंशन मिलने की टेंशन भी होगी. उन्होंने लुक की तारीफ नहीं कि पूरे दिन का खपना बेकार चला जाएगा. और अगर गिफ्ट अच्छा नहीं मिला तो कसम से रुलाई फूट जाएगी. क्योंकि ऑफिस में किसी ने भी महंगा गिफ्ट दिखा दिया तो बात दिल को लगेगी ही.

कुछ ऐसा करे ऑफिस कि... मेरा मानना है कि करवाचौथ को 'नेशनल कपल डे' मानते हुए इस दिन ऑफिसों में छुट्टी दे देनी चाहिए. और अगर ऐसा न हो तो हाफ डे कर दें. या फिर लेडीज के लिए तैयार होने का एक्स्ट्रा टाइम दें. ताकि वे इस सजने-संवरने वाले इस 'त्योहार' को पूरी श्रद्दा से मना सकें... वैसे...

करवा चौथ का जो क्रेज फिल्मों ने शुरू किया था, उसे टीवी शोज ने बढ़ाया ही है. इतना कि अगर ये व्रत नहीं रखा तो लगता है जैसे कोई बड़ा काम छूट गया हो.

सजना-संवरना, ट्रेडिशनल कपड़े पहनना और पूरा दिन आराम से बैठना, भला किस लड़की को पसंद नहीं आएगा. लेकिन कभी सोचा है कि वर्किंग लेडीज के सामने कितनी दिक्कत आती होगी, करवा चौथ व्रत रखने में. अब इस व्रत को त्योहार तो बना दिया गया है लेकिन ऑफिसों में छुट्टी नहीं होती. ऐसे में वीक डे पर करवाचौथ आने से इसका मजा फीका लगता है.

अब आप ही सोचें कि आम दिनों में ही जब ऑफिस और घर की भागदौड़ खत्म नहीं होती, तो करवा चौथ वाले दिन सुबह उठकर सरगी खाना और फिर घर का काम करके ऑफिस निकलना कितना मुश्किल होगा.

अब टेंशन सिर्फ इतनी हो तो चलेगा. लेकिन उसके बाद करवा चौथ के लिए खासतौर पर तैयार होकर भी जाना पड़ेगा. साड़ी या सूट... अब किसे आदत रही है यह सब पूरा दिन पहनकर बैठने और घूमने की. और अगर नहीं पहना, तो ऑफिस के साथियों को सजा-संवरा देखकर वैसे ही पूरा दिन मूड ऑफ रहेगा. इन कपड़ों में मेट्रो और ऑटो पर निकलना कौन-सा आसान है.

फिर शाम को कोई काम आ जाए और ऑफिस से थोड़ा जल्दी निकलने का मौका न मिले, तो और भी परेशानी. एक तो भूख की वजह से काम में मन नहीं लगेगा अब जब पड़ोसन ही डिजाइनर ड्रेस नहीं देखेगी तो तैयार करवाने का फायदा ही क्या...  फिर पति लेट हो गए तो उनकी कम अटेंशन मिलने की टेंशन भी होगी. उन्होंने लुक की तारीफ नहीं कि पूरे दिन का खपना बेकार चला जाएगा. और अगर गिफ्ट अच्छा नहीं मिला तो कसम से रुलाई फूट जाएगी. क्योंकि ऑफिस में किसी ने भी महंगा गिफ्ट दिखा दिया तो बात दिल को लगेगी ही.

कुछ ऐसा करे ऑफिस कि... मेरा मानना है कि करवाचौथ को 'नेशनल कपल डे' मानते हुए इस दिन ऑफिसों में छुट्टी दे देनी चाहिए. और अगर ऐसा न हो तो हाफ डे कर दें. या फिर लेडीज के लिए तैयार होने का एक्स्ट्रा टाइम दें. ताकि वे इस सजने-संवरने वाले इस 'त्योहार' को पूरी श्रद्दा से मना सकें... वैसे सोने पे सुहागा वाली बात ये होगी कि पति को भी करवाचौथ के नाम पर आधे दिन की छुट्टी मिल जाए और व्रत खोलने पर वह अपने हाथ से पानी ही नहीं पिलाएं, बल्किव अपने हाथ से खाना भी बनाकर खिलाएं...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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