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सरकारी नौकरी छोड़ी,एलोवेरा की खेती से बन गया करोड़पति!

    • आईचौक
    • Updated: 13 जुलाई, 2016 03:09 PM
  • 13 जुलाई, 2016 03:09 PM
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जैसेलमेर के हरीष धनदेव ने एलोवेरा की खेती से वह कर दिखाया है जो देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन सकता है. हरीश एलोवेरा की खेत से करोड़पति बन गए, जानिए कैसे-

उनके पास सरकारी नौकरी थी लेकिन उनका मन कुछ और करने का था. इसलिए उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देत हुए कुछ ऐसा किया कि वह करोड़पति बन गए. किसानों के परिवार से आने की वजह से उनका मन खेती से जुड़े किसी काम को करने का था.

इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ी और एलोवेरा की खेती करने लगे. उनका ये आइडिया हिट रहा और देखते ही देखते उनका सलाना टर्नओवर करोड़ों में जा पहुंचा. आइए जानें इस शख्स की हैरान कर देने वाली कहानी.

खेती करके करोड़पति बना ये शख्सः

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के जैसेलमेर के हरीश धनदेव को जैसेलमेर म्युनिसिपल काउंसिल में जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिली. लेकिन उनका दिल हमेशा कुछ और करना चाहता था. इसलिए उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी. उनके पास जमीन और पानी था लेकिन इनके साथ क्या किया जाए इसका विचार नहीं था. वह अपने खेत में किसी नई चीज की खेती करना चाहते थे.

हरीश को इस बात का रास्ता पिछले साल दिल्ली में हुए एक एग्रीकल्चर एक्सपो से मिला, जहां उन्हें एलोवेरा, आंवला और गुंडा उगाने का विचार मिला. रेगिस्तान में बाजरा, गेहूं, सरसो आदि उगाया जाता है लेकिन उन्होंने कुछ नया उगाने का निर्णय लिया.

जैसलमेर के हरीष धनदेव सरकारी नौकरी छोड़कर एलोवेरा की खेती से करोड़पति बन गए (तस्वीरः साभार TOI)

इसलिए उन्होंने अपनी 120 एकड़ की भूमि में 'बेबी डेन्सिस' नामक एलोवेरा की वेराइटी को...

उनके पास सरकारी नौकरी थी लेकिन उनका मन कुछ और करने का था. इसलिए उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देत हुए कुछ ऐसा किया कि वह करोड़पति बन गए. किसानों के परिवार से आने की वजह से उनका मन खेती से जुड़े किसी काम को करने का था.

इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ी और एलोवेरा की खेती करने लगे. उनका ये आइडिया हिट रहा और देखते ही देखते उनका सलाना टर्नओवर करोड़ों में जा पहुंचा. आइए जानें इस शख्स की हैरान कर देने वाली कहानी.

खेती करके करोड़पति बना ये शख्सः

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के जैसेलमेर के हरीश धनदेव को जैसेलमेर म्युनिसिपल काउंसिल में जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिली. लेकिन उनका दिल हमेशा कुछ और करना चाहता था. इसलिए उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी. उनके पास जमीन और पानी था लेकिन इनके साथ क्या किया जाए इसका विचार नहीं था. वह अपने खेत में किसी नई चीज की खेती करना चाहते थे.

हरीश को इस बात का रास्ता पिछले साल दिल्ली में हुए एक एग्रीकल्चर एक्सपो से मिला, जहां उन्हें एलोवेरा, आंवला और गुंडा उगाने का विचार मिला. रेगिस्तान में बाजरा, गेहूं, सरसो आदि उगाया जाता है लेकिन उन्होंने कुछ नया उगाने का निर्णय लिया.

जैसलमेर के हरीष धनदेव सरकारी नौकरी छोड़कर एलोवेरा की खेती से करोड़पति बन गए (तस्वीरः साभार TOI)

इसलिए उन्होंने अपनी 120 एकड़ की भूमि में 'बेबी डेन्सिस' नामक एलोवेरा की वेराइटी को उगाने का फैसला किया. शुरू में उन्होंने एलोवेरा के 80,000 छोटे पौधे लगाए थे जिनकी संख्या अब 7 लाख हो गई है. रेगिस्तान में उगाए जाने वाले एलोवेरा की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी जबर्दस्त मांग है.

उच्च गुणवत्ता वाले एलोवेरा ने पतंजलि के विशेषज्ञों को भी अपनी तरफ आकर्षित किया और उन्होंने तुरंत ही एलोवेरा की पत्तियों के लिए ऑर्डर दे दिए. हरीश बताते हैं कि उन्होंने पिछले चार महीने के दौरान हरिद्वार स्थित पतंजलि की फैक्ट्रियों को 125-150 टन एलोवेरा सप्लाई किया है. रेगिस्तान में उगाए जाने वाले एलोवेरा की मांग न सिर्फ देश बल्कि ब्राजील, हॉन्गकॉन्ग और अमेरिका जैसे देशों में भी है.

देश और विदेश की बढ़ती हुई मांगों के देखते हुए हरीश ने जैसलमेर से 45 किलोमीटर दूर धहिसर में 'नैचुरेलो एग्रो' नाम से अपनी एक कंपनी खोल ली. अब एलोवेरा की सप्लाई से हरीश को सलाना 1.5 से 2 करोड़ रुपये की कमाई हो रही है. हरीश ने एलोवेरा को आधुनिक तरीके से प्रोसेस करने के लिए एक यूनिट भी लगा ली है.

हरीश की सफलता पैसों के लिए देश छोड़कर विदेश चले जाने वाले युवाओं को राह दिखाती है कि अच्छी योजना से देश में रहकर ही बढ़िया कमाई की जा सकती है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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