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योगी आदित्यनाथ का दीपावली दीपोत्सव कार्यक्रम, बदलेगा अयोध्या की तस्वीर

    • अमित अरोड़ा
    • Updated: 21 अक्टूबर, 2017 01:07 PM
  • 21 अक्टूबर, 2017 01:07 PM
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भले ही आलोचक आलोचना करें, लेकिन अयोध्या में संपन्न हुआ कार्यक्रम बताता है कि अयोध्या के अच्छे दिन आ सकते हैं. मगर इसके लिए सरकार को गंभीर होना पड़ेगा. इस कार्यक्रम के बाद अयोध्या को एक बड़े टूरिज्म हब के रूप में देखा जा रहा है.

प्राय: जब भी अयोध्या की बात होती है तो सिर्फ रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर ही चर्चा होती है. इसके अलावा अयोध्या की मूल-भूत आवश्यकता, वहां के लोगों की समस्याओं, परेशानियों के बारे में कोई चर्चा नहीं होती है. ज्यादातर नेता जब भी अयोध्या की बात करते हैं तो उनकी बात राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद तक ही सीमित रहती है. अयोध्या की सड़क, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली, पीने का पानी, लोगों के लिए रोजगार, आदि विषय कभी भी राजनीतिक व चुनावी मुद्दे नहीं बनते हैं.

कहा जा सकता है कि योगी के इस इवेंट के बाद अयोध्या के अच्छे दिन आ सकते हैं

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ का दीपावली दीपोत्सव कार्यक्रम अयोध्या शहर की तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है. इस कार्यक्रम में लगभग 1.7 लाख दिए जलाकर, उत्तर प्रदेश सरकार गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाना चाहती है. अयोध्या में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. परंतु आज तक किसी ने उन संभावनाओं को उभारने की कोशिश नहीं की. यदि हम भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों को देखें तो पाएंगे की धार्मिक पर्यटन के कारण वहां के लोगों के जीवन में समृद्धि आई है. पर्यटन के कारण वहां की अर्थव्यवस्था सुधरी, लोगों को रोजगार मिला, लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ. वृंदावन, अमृतसर, तिरुपति, शिर्डी, वैष्णो देवी, आदि सभी स्थलों ने धार्मिक पर्यटन के कारण अद्भुत विकास देखा है.

आज तिरुपति सड़क, रेल के द्वारा पूरे देश से जुड़ा हुआ है, तिरुपति में एक हवाई अड्डा भी है. वैष्णो देवी के दर्शन के लिए माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए त्रिकुट पर्वत पर पक्के रास्ते की व्यवस्था की है. हेलीकॉप्टर सेवा का भी प्रबंध किया गया है. इसी प्रकार सुदृढ़ ढांचागत संरचना के कारण वृंदावन, अमृतसर, शिर्डी में भी पर्यटक बड़ी मात्रा में आते हैं....

प्राय: जब भी अयोध्या की बात होती है तो सिर्फ रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर ही चर्चा होती है. इसके अलावा अयोध्या की मूल-भूत आवश्यकता, वहां के लोगों की समस्याओं, परेशानियों के बारे में कोई चर्चा नहीं होती है. ज्यादातर नेता जब भी अयोध्या की बात करते हैं तो उनकी बात राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद तक ही सीमित रहती है. अयोध्या की सड़क, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली, पीने का पानी, लोगों के लिए रोजगार, आदि विषय कभी भी राजनीतिक व चुनावी मुद्दे नहीं बनते हैं.

कहा जा सकता है कि योगी के इस इवेंट के बाद अयोध्या के अच्छे दिन आ सकते हैं

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ का दीपावली दीपोत्सव कार्यक्रम अयोध्या शहर की तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है. इस कार्यक्रम में लगभग 1.7 लाख दिए जलाकर, उत्तर प्रदेश सरकार गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाना चाहती है. अयोध्या में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. परंतु आज तक किसी ने उन संभावनाओं को उभारने की कोशिश नहीं की. यदि हम भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों को देखें तो पाएंगे की धार्मिक पर्यटन के कारण वहां के लोगों के जीवन में समृद्धि आई है. पर्यटन के कारण वहां की अर्थव्यवस्था सुधरी, लोगों को रोजगार मिला, लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ. वृंदावन, अमृतसर, तिरुपति, शिर्डी, वैष्णो देवी, आदि सभी स्थलों ने धार्मिक पर्यटन के कारण अद्भुत विकास देखा है.

आज तिरुपति सड़क, रेल के द्वारा पूरे देश से जुड़ा हुआ है, तिरुपति में एक हवाई अड्डा भी है. वैष्णो देवी के दर्शन के लिए माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए त्रिकुट पर्वत पर पक्के रास्ते की व्यवस्था की है. हेलीकॉप्टर सेवा का भी प्रबंध किया गया है. इसी प्रकार सुदृढ़ ढांचागत संरचना के कारण वृंदावन, अमृतसर, शिर्डी में भी पर्यटक बड़ी मात्रा में आते हैं. इन सभी धार्मिक स्थलों में सालाना करोड़ो रुपयों का दान भी आता है. इन स्थानों की राज्य सरकारों ने एक बार ढांचागत संरचना में सुधार किया, प्रयास किया और मेहनत की. जिसके फलस्वरूप यहां समृद्धि आई है.

यदि मुख्यमंत्री इस पहल को बरक़रार रखते हैं तो निश्चित तौर पर ये शहर के विकास के लिए अच्छी पहल होगी

दीपोत्सव, लेजर द्वारा राम कथा का मंचन, सरयू आरती को बड़ी ही सुंदर प्रकार से आयोजित किया गया, परंतु सिर्फ एक बार ऐसा आयोजन करके अयोध्या का उद्धार नहीं होगा. भगवान राम भारत की आत्मा है, जिनके अयोध्या वापिस आने पर देश भर में दीपावली मनाई जाती है. अयोध्या राम की जन्म भूमि है, दीपावली दीपोत्सव जैसे कार्यक्रम यदि अयोध्या में नियमित तौर से मनाए जाएंगे तो वहां धार्मिक पर्यटन में दिन दोगुनी रात चौगुनी वृद्धि होगी.

रामजन्म भूमि - बाबरी मस्जिद विवाद के कारण अयोध्या की पर्यटन की संभावनाओं को नहीं रोकना चाहिए. अयोध्या में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का यदि ठीक प्रकार से प्रचार-प्रसार किया जाए, यात्रियों के यातायात और रहन-सहन की व्यवस्था में सुधार हो जाए तो कुछ ही वर्षो में अयोध्या धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में शीर्ष पर होगा. वर्तमान और भविष्य की सरकारों को चाहिए की वह राजनीति के फायदे - नुकसान को नजरंदाज कर अयोध्या को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करें. स्थानीय लोगों के जीवन में समृद्धि स्वयं ही आ जाएगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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