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क्यूबा की HIV पर जीत, हमें सीखने की जरूरत

    • चंदन कुमार
    • Updated: 01 जुलाई, 2015 02:24 PM
  • 01 जुलाई, 2015 02:24 PM
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क्यूबा दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने HIV संक्रमित मां से उसके बच्चे तक इस खतरनाक वायरस की पहुंच को रोकने में सफलता पाई है. 'आर्थिक शक्ति' भारत में कब होगा यह?

1 करोड़ 10 लाख की आबादी वाले अमेरिका से सटे इस देश का नाम क्यूबा है. हमेशा चर्चा में रहता है. आज फिर से है. क्यूबा दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने HIV संक्रमित मां से उसके बच्चे तक इस खतरनाक वायरस की पहुंच को रोकने में सफलता पाई है.

यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज, आम जनता तक HIV से जुड़े जांच-परीक्षण की पहुंच, मातृत्व देखभाल को बढ़ावा देना - HIV पर क्यूबा की जीत (मां से बच्चे में जाने वाले संक्रमण) में इनकी भूमिका अहम है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO: World Health Organization) और PAHO (Pan American Health Organization) ने क्यूबा की इस उपलब्धि को मील का पत्थर माना है.   

क्यूबा से सीखें अन्य देश
किसी देश के लिए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज पर जोर देते हुए PAHO के निदेशक कैरिसा एटीन ने कहा 'HIV जैसी गंभीर चुनौती पर क्यूबा की सफलता यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज और आम जनता तक इनकी पहुंच के महत्व को दर्शाती है. वास्तव में यही सफलता की कुंजी है. क्यूबा की सफलता से दुनिया के अन्य देशों को सीख लेने की जरूरत है.'

और शोध की गुंजाइश
2010 से लेकर अब तक प्रसव के 1 लाख मामले में केवल 50 मामले ऐसे आए हैं, जहां मां से बच्चे में HIV के खतरनाक वायरस का संक्रमण हो पाया है. वो भी इसलिए क्योंकि मां से बच्चे को होने वाले संभावित HIV संक्रमण को रोकने के लिए जो एंटीरेट्रोवायरल (antiretroviral) ट्रीटमेंट दिया जाता है, वो शत-प्रतिशत प्रभावी नहीं है. इसे और प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक शोध चल रहे हैं.

हर साल 14 लाख बच्चों पर HIV का खतरा
पूरी दुनिया में हर साल 14 लाख HIV संक्रमित महिलाएं गर्भवती होती हैं. बिना इलाज के इन मांओं से इनके होने वाले बच्चों में HIV संक्रमण का खतरा 15 से 45 प्रतिशत तक होता है. जन्म से पहले गर्भवती महिला और जन्म के बाद जच्चा-बच्चा दोनों को एंटीरेट्रोवायरल उपचार से इस संक्रमण को 1 प्रतिशत कर लाया जा सकता है.   
 
HIV संक्रमण के...

1 करोड़ 10 लाख की आबादी वाले अमेरिका से सटे इस देश का नाम क्यूबा है. हमेशा चर्चा में रहता है. आज फिर से है. क्यूबा दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने HIV संक्रमित मां से उसके बच्चे तक इस खतरनाक वायरस की पहुंच को रोकने में सफलता पाई है.

यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज, आम जनता तक HIV से जुड़े जांच-परीक्षण की पहुंच, मातृत्व देखभाल को बढ़ावा देना - HIV पर क्यूबा की जीत (मां से बच्चे में जाने वाले संक्रमण) में इनकी भूमिका अहम है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO: World Health Organization) और PAHO (Pan American Health Organization) ने क्यूबा की इस उपलब्धि को मील का पत्थर माना है.   

क्यूबा से सीखें अन्य देश
किसी देश के लिए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज पर जोर देते हुए PAHO के निदेशक कैरिसा एटीन ने कहा 'HIV जैसी गंभीर चुनौती पर क्यूबा की सफलता यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज और आम जनता तक इनकी पहुंच के महत्व को दर्शाती है. वास्तव में यही सफलता की कुंजी है. क्यूबा की सफलता से दुनिया के अन्य देशों को सीख लेने की जरूरत है.'

और शोध की गुंजाइश
2010 से लेकर अब तक प्रसव के 1 लाख मामले में केवल 50 मामले ऐसे आए हैं, जहां मां से बच्चे में HIV के खतरनाक वायरस का संक्रमण हो पाया है. वो भी इसलिए क्योंकि मां से बच्चे को होने वाले संभावित HIV संक्रमण को रोकने के लिए जो एंटीरेट्रोवायरल (antiretroviral) ट्रीटमेंट दिया जाता है, वो शत-प्रतिशत प्रभावी नहीं है. इसे और प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक शोध चल रहे हैं.

हर साल 14 लाख बच्चों पर HIV का खतरा
पूरी दुनिया में हर साल 14 लाख HIV संक्रमित महिलाएं गर्भवती होती हैं. बिना इलाज के इन मांओं से इनके होने वाले बच्चों में HIV संक्रमण का खतरा 15 से 45 प्रतिशत तक होता है. जन्म से पहले गर्भवती महिला और जन्म के बाद जच्चा-बच्चा दोनों को एंटीरेट्रोवायरल उपचार से इस संक्रमण को 1 प्रतिशत कर लाया जा सकता है.   
 
HIV संक्रमण के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश
NAIDS की रिपोर्ट की मानें तो भारत में 21 लाख लोग HIV से संक्रमित हैं. देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की जो स्थिति है, वो किसी भी सरकारी अस्पताल में जा कर देखी जा सकती है. मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित इस देश में HIV संक्रमित लोगों के उपचार की कल्पना भर की जा सकती है. कई खबरें तो ऐसी आती हैं, जहां डॉक्टरों ने HIV संक्रमित मरीजों को छूने से मना कर दिया है.

भारत के लाल भी खतरे में
भारत में HIV से संक्रमित जितने भी लोग हैं, उनमें पांच प्रतिशत ऐसे हैं, जिनमें यह संक्रमण उनकी मां से आया है. अभी भी हर साल लगभग 21000 बच्चे HIV से संक्रमित होते हैं. वर्ष 2009 में भारत में 49000 HIV संक्रमित गर्भवती महिलाओं में से सिर्फ 11489 महिलाओं को एंटीरेट्रोवायरल उपचार मिल पाया.

भारत भी अगर क्यूबा जैसी सफलता पाना चाहता है तो यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज ही एकमात्र उपाय है... अनिवार्य शर्त यह है कि यह भ्रष्टाचार मुक्त होना चाहिए.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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