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समाज

नामी स्कूलों में असुरक्षित होते बच्चे !

    • अरविंद मिश्रा
    • Updated: 10 सितम्बर, 2017 04:17 PM
  • 10 सितम्बर, 2017 04:17 PM
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रेयान इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली-एनसीआर के प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक है. लेकिन इससे पहले भी यह विवादों में रहा है. इसी साल 9 मई को स्कूल के वसंत कुंज शाखा पर एक बच्चे की स्कूल के पानी के टंकी में डूब जाने से मौत हो गई थी.

बढ़ते प्रतियोगिता के युग में हर मां-बाप की एक ही चाहत होती है कि उनका बच्चा सबसे अच्छे स्कूल में शिक्षा ग्रहण करे. ताकि उसकी शिक्षा में किसी तरह की कमी न रह जाए. चाहे इसके लिए औकात से ज्यादा भी खर्च करना पड़े तो कोई बात नहीं. सबसे पहले सवेरे उठकर बच्चे को तैयार करना. लंच बॉक्स तैयार करना. रुटीन के मुताबिक बैग सेट कर हर मां-बाप अपने बच्चे को दिल में इस आशा के साथ स्कूल भेजते हैं कि उनका बच्चा स्कूल में सुरक्षित होगा और सकुशल घर वापस आएगा. लेकिन रायन इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र प्रद्युम्न की उसके स्कूल में ही हुई हत्या ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं.  

स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों से इस मंदिर की इमेज इतनी खराब हो चुकी है कि लोगों के मन में चिंता का भाव पैदा हो गया है. अब स्थिति ये है कि लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि वो कैसे और किसके भरोसे अपने बच्चे को स्कूल में छोड़ें?

स्कूल में बच्चे किसके भरोसे? गुरु या गोविंद के?

क्या है मामला

गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को दूसरी क्लास में पढ़ने वाले 7 साल के बच्चे प्रद्युम्न का शव टॉयलेट में मिला था. इस मामले में बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार अशोक ने मासूम प्रद्युम्न का कत्ल किया है. अशोक गुरूग्राम के रेयान स्कूल में पिछले आठ महीने से काम कर रहा था.

बच्चे की हत्या के बाद इन सवालों का जवाब कौन देगा?

• जब पैरंट्स तक को स्कूल में जाने की इजाजत नहीं होती है तो ऐसे में कैसे कंडक्टर और ड्राइवर स्कूल परिसर के अंदर दाखिल हुए?

• बच्चों के टॉयलेट में कंडक्टर क्या कर रहा था?

• स्कूल के अंदर...

बढ़ते प्रतियोगिता के युग में हर मां-बाप की एक ही चाहत होती है कि उनका बच्चा सबसे अच्छे स्कूल में शिक्षा ग्रहण करे. ताकि उसकी शिक्षा में किसी तरह की कमी न रह जाए. चाहे इसके लिए औकात से ज्यादा भी खर्च करना पड़े तो कोई बात नहीं. सबसे पहले सवेरे उठकर बच्चे को तैयार करना. लंच बॉक्स तैयार करना. रुटीन के मुताबिक बैग सेट कर हर मां-बाप अपने बच्चे को दिल में इस आशा के साथ स्कूल भेजते हैं कि उनका बच्चा स्कूल में सुरक्षित होगा और सकुशल घर वापस आएगा. लेकिन रायन इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र प्रद्युम्न की उसके स्कूल में ही हुई हत्या ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं.  

स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों से इस मंदिर की इमेज इतनी खराब हो चुकी है कि लोगों के मन में चिंता का भाव पैदा हो गया है. अब स्थिति ये है कि लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि वो कैसे और किसके भरोसे अपने बच्चे को स्कूल में छोड़ें?

स्कूल में बच्चे किसके भरोसे? गुरु या गोविंद के?

क्या है मामला

गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को दूसरी क्लास में पढ़ने वाले 7 साल के बच्चे प्रद्युम्न का शव टॉयलेट में मिला था. इस मामले में बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार अशोक ने मासूम प्रद्युम्न का कत्ल किया है. अशोक गुरूग्राम के रेयान स्कूल में पिछले आठ महीने से काम कर रहा था.

बच्चे की हत्या के बाद इन सवालों का जवाब कौन देगा?

• जब पैरंट्स तक को स्कूल में जाने की इजाजत नहीं होती है तो ऐसे में कैसे कंडक्टर और ड्राइवर स्कूल परिसर के अंदर दाखिल हुए?

• बच्चों के टॉयलेट में कंडक्टर क्या कर रहा था?

• स्कूल के अंदर कंडक्टर चाकू के साथ कैसे आया?

• किसी को भी चाहे वह कंडक्टर हो या टीचर, उसे स्कूल परिसर के अंदर चाकू लाने की इजाजत कैसे दी गयी?

• स्कूल बिल्डिंग का सीसीटीवी कैमरा खराब कैसे था?

• अगर सीसीटीवी कैमरा खराब था तो ठीक क्यों नहीं करवाया गया था?

• स्कूल में मेडिकल इमरजेंसी के कोई इंतजाम क्यों नहीं थे?

CBSE की गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया

CBSE की गाइडलाइंस में साफ़ -साफ़ लिखा हुआ है कि-1- स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए.2- टॉयलेट में अटेंडेंट होना अनिवार्य है. इस स्कूल में ये दोनों महत्वपूर्ण गाइडलाइंस की अनदेखी की गयी.

चाहे पुलिस हो या स्कूल, प्रशासन कब जागेगा?

इससे पहले भी इस स्कूल में गयी है मासूमों की जान

रेयान इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली-एनसीआर के बड़े प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक है. लेकिन इससे पहले भी यह विवादों में रहा है. इसी साल 9 मई को स्कूल के वसंत कुंज वाली शाखा पर एक बच्चे की स्कूल के पानी के टंकी में डूब जाने से मौत हो गई थी.

इसी साल जनवरी में भी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित रेयान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ने वाला 6 साल के बच्चे की वॉटर टैंक में डूबने से मौत हो गई थी. उस समय भी स्कूल प्रशासन की भूमिका को लेकर सवाल उठे थे और काफी हंगामा हुआ था. इन घटनाओं के बावजूद भी कोई सावधानी नहीं बरती गयी.

हमारे शिक्षा के मंदिर में समय-समय पर ऐसी खौफनाक वारदातें होती रहती हैं. लेकिन प्रशासन इससे सबक नहीं लेता. इन बढ़ते हादसों के लिए व्यवस्था की संवेदनहीनता भी काफी हद तक जिम्मेदार होती है. जहां मां-बाप अपने बच्चों को उचित शिक्षा पाने के लिए हर साल लाखों रूपये खर्च करते हैं. स्कूल, सुरक्षा के नाम पर मोटी रकम वसूलता है. प्रशासन अगर ऐसे लापरवाही बरतने वाले लोगों पर शिकंजा कसेगा तो ऐसे हादसे रुक सकते हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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