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समाज

आसाराम ने समझाया पृथ्वीराज चौहान क्यों हारे...

    • चंदन कुमार
    • Updated: 25 अप्रिल, 2018 10:41 AM
  • 08 अक्टूबर, 2015 01:52 PM
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वीर्य के क्षरण को लेकर आसाराम बापू के अपने तर्क और उदाहरण हैं. इन सबका एक किताबी संकलन छत्तीसगढ़ के स्कूलों तक जा पहुंचा था.

किशोरावस्था से गुजर रहे लड़कों के लिए यौन भावना की अनुभूति अलग-अलग हो सकती है, अलग-अलग समय पर हो सकती है - किसी के लिए यह सातवीं में तो किसी के लिए आठवीं में. लेकिन जहां तक इसके पीछे के विज्ञान को पढ़ाने की बारी आती है तो NCERT से लेकर विभिन्न स्टेट बोर्ड नौंवी से ही शुरुआत करते हैं. अपने ढंग से. लेकिन आसाराम के समर्थकों को देश की शिक्षा व्यवस्था पर शायद यकीन ही नहीं. यही कारण है कि वे लोग छत्तीसगढ़ के स्कूलों में वीर्य का विज्ञान पढ़ाने के मकसद से आसाराम की किताबें बांट आए. और तो और, कुछ स्कूलों में इससे संबंधित परीक्षा भी ले ली.

छत्तीसगढ़ सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं - कुछ लोग जेल जा सकते हैं, कुछ सस्पेंड होंगे. लेकिन सामान्य सी शारीरिक क्रिया के पीछे के जिस 'खौफनाक' विज्ञान को आसाराम की किताब में दिखाया गया है, वो हास्यास्पद होने के साथ-साथ डरावना भी है. हास्यास्पद क्यों है, वह आप नीचे की तस्वीरों को देखते ही समझ जाएंगे. लेकिन डरावना इसलिए क्योंकि जिन उम्र के लड़कों को यह सामग्री परोसी जा रही है, उनके लिए यह अधकचरा ज्ञान दिमाग की बत्ती बुझाने वाला होगा.

सबसे महत्वपूर्ण चीज सबसे आखिर में... जो इंसान रेप (जहां वीर्य का क्षरण होता है) के आरोप में पिछले दो वर्षों से जेल में बंद हो, उसी इंसान के नाम पर छपने वाली किताब के जरिए देश के युवाओं को वीर्य संरक्षण पर ज्ञान बांटा जा रहा है!!!

वैधानिक चेतावनी :

'दिव्य प्रेरणा-प्रकाश युवाधन सुरक्षा' किताब के कुछ चुनिंदा अंश पढ़ें और हंसे. इसका विज्ञान से कोई लेना-देना नहीं है. अगर आपने इसे सत्य मान लिया तो वीर्य का तो पता नहीं, मानसिक क्षरण निश्चित हो जाएगा.

किशोरावस्था से गुजर रहे लड़कों के लिए यौन भावना की अनुभूति अलग-अलग हो सकती है, अलग-अलग समय पर हो सकती है - किसी के लिए यह सातवीं में तो किसी के लिए आठवीं में. लेकिन जहां तक इसके पीछे के विज्ञान को पढ़ाने की बारी आती है तो NCERT से लेकर विभिन्न स्टेट बोर्ड नौंवी से ही शुरुआत करते हैं. अपने ढंग से. लेकिन आसाराम के समर्थकों को देश की शिक्षा व्यवस्था पर शायद यकीन ही नहीं. यही कारण है कि वे लोग छत्तीसगढ़ के स्कूलों में वीर्य का विज्ञान पढ़ाने के मकसद से आसाराम की किताबें बांट आए. और तो और, कुछ स्कूलों में इससे संबंधित परीक्षा भी ले ली.

छत्तीसगढ़ सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं - कुछ लोग जेल जा सकते हैं, कुछ सस्पेंड होंगे. लेकिन सामान्य सी शारीरिक क्रिया के पीछे के जिस 'खौफनाक' विज्ञान को आसाराम की किताब में दिखाया गया है, वो हास्यास्पद होने के साथ-साथ डरावना भी है. हास्यास्पद क्यों है, वह आप नीचे की तस्वीरों को देखते ही समझ जाएंगे. लेकिन डरावना इसलिए क्योंकि जिन उम्र के लड़कों को यह सामग्री परोसी जा रही है, उनके लिए यह अधकचरा ज्ञान दिमाग की बत्ती बुझाने वाला होगा.

सबसे महत्वपूर्ण चीज सबसे आखिर में... जो इंसान रेप (जहां वीर्य का क्षरण होता है) के आरोप में पिछले दो वर्षों से जेल में बंद हो, उसी इंसान के नाम पर छपने वाली किताब के जरिए देश के युवाओं को वीर्य संरक्षण पर ज्ञान बांटा जा रहा है!!!

वैधानिक चेतावनी :

'दिव्य प्रेरणा-प्रकाश युवाधन सुरक्षा' किताब के कुछ चुनिंदा अंश पढ़ें और हंसे. इसका विज्ञान से कोई लेना-देना नहीं है. अगर आपने इसे सत्य मान लिया तो वीर्य का तो पता नहीं, मानसिक क्षरण निश्चित हो जाएगा.

 
 
 
 
 
 
 
 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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