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अगले जनम मोहे सुंदर न कीजो..

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 01 सितम्बर, 2016 05:33 PM
  • 01 सितम्बर, 2016 05:33 PM
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26 साल की एक महिला ने खुद को जला लिया, वजह दहेज नहीं बल्कि वो ताने और प्रताड़ना थी जो उसके पति और ससुर उसकी खूबसूरती पर दिया करते थे.

अपनी एक दोस्त के पति का व्यवहार मुझे बड़ा अजीब लगता था. वो दिन में कभी भी उसे घर से बाहर लेकर नहीं जाता, किसी से मिलने भी जाना हो तो मियां-बीवी दिन छिपने के बाद ही निकलते थे. पूछने पर मेरी दोस्त ने बताया कि 'मैं सुंदर हूं न इसलिए वो नहीं चाहते कि लोगों की नजरें मुझपर पड़े. इसीलिए अंधेरे में ही बाहर लेकर जाते हैं.' तब जुबान पर यही शब्द आए कि 'पति से कहो कि बुर्का दिलवा दें तुम्हें'. लेकिन इस कहानी की याद आज 15 सालों के बाद एक खबर ने ताजा कर दी. उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले में 26 साल की रेखा ने खुद को जला लिया. वजह दहेज नहीं बल्कि वो ताने और प्रताड़ना थी जो उसके पति और ससुर उसकी खूबसूरती पर दिया करते थे.

रेखा सुंदर और मिलनसार थी लेकिन उसके इंसिक्योर पति और ससुर उसके सुंदर होने पर हमेशा तंज किया करते थे, जिससे वो इतनी आहत थी कि रोज-रोज के तानों से निपटने का उसे केवल एक ही हल सूझा कि वो अपने सुंदर चेहरे को बदसूरत बना ले, लिहाजा उसने अपना चेहरा ही जला डाला.  

ये भी पढ़ें- पहले गैंगरेप, फिर चेहरे पर तेजाब...एक नारी, कितनी मौतें?

 रेखा का चेहरा 20 से 25 फीसदी जला चुका है

रेखा की शादी को 6 साल हो चुके हैं लेकिन जब भी कोई उसकी खूबसूरती के बारे में बात करता तो पति को बहुत बुरा लगता था. पति उसे कहीं आने-जाने नहीं देता था, किसी से मिलने-जुलने और बात करने पर भी पाबंदी थी....

अपनी एक दोस्त के पति का व्यवहार मुझे बड़ा अजीब लगता था. वो दिन में कभी भी उसे घर से बाहर लेकर नहीं जाता, किसी से मिलने भी जाना हो तो मियां-बीवी दिन छिपने के बाद ही निकलते थे. पूछने पर मेरी दोस्त ने बताया कि 'मैं सुंदर हूं न इसलिए वो नहीं चाहते कि लोगों की नजरें मुझपर पड़े. इसीलिए अंधेरे में ही बाहर लेकर जाते हैं.' तब जुबान पर यही शब्द आए कि 'पति से कहो कि बुर्का दिलवा दें तुम्हें'. लेकिन इस कहानी की याद आज 15 सालों के बाद एक खबर ने ताजा कर दी. उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले में 26 साल की रेखा ने खुद को जला लिया. वजह दहेज नहीं बल्कि वो ताने और प्रताड़ना थी जो उसके पति और ससुर उसकी खूबसूरती पर दिया करते थे.

रेखा सुंदर और मिलनसार थी लेकिन उसके इंसिक्योर पति और ससुर उसके सुंदर होने पर हमेशा तंज किया करते थे, जिससे वो इतनी आहत थी कि रोज-रोज के तानों से निपटने का उसे केवल एक ही हल सूझा कि वो अपने सुंदर चेहरे को बदसूरत बना ले, लिहाजा उसने अपना चेहरा ही जला डाला.  

ये भी पढ़ें- पहले गैंगरेप, फिर चेहरे पर तेजाब...एक नारी, कितनी मौतें?

 रेखा का चेहरा 20 से 25 फीसदी जला चुका है

रेखा की शादी को 6 साल हो चुके हैं लेकिन जब भी कोई उसकी खूबसूरती के बारे में बात करता तो पति को बहुत बुरा लगता था. पति उसे कहीं आने-जाने नहीं देता था, किसी से मिलने-जुलने और बात करने पर भी पाबंदी थी. ऐसे में दोनों में झगड़े आम हो गए थे. लेकिन पति की देखा-देखी जब ससुर भी करने लगे तो मामला और गंभीर हो गया. वो दो तरफा मानसिक प्रताड़ना झेल नहीं पाई और ये बेहद गंभीर कदम उठा लिया. रेखा का चेहरा 20 से 25 फीसदी जला चुका है, लेकिन उसने अपने पति के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है. शायद अब उसके पति और ससुर चैन से सो पाएंगे. 

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रेखा बर्दाश्त नहीं कर पाई और अपना चेहरा जलाकर उसने किस्सा ही खत्म कर दिया, लेकिन देश में कितनी ही रेखाएं हैं जो खुद को बदसूरत बनाने की हिम्मत नहीं कर पातीं और खूबसूरत होने की सजा पाती हैं, जैसे खूबसूरत होना कोई गुनाह हो. लेकिन यही हमारा सामाजिक ताना-बाना है जिसे इस घटना ने उजागर कर दिया है.  

सुनने में अजीब जरूर लगता है कि किसी का सुंदर होना ही उसके लिए परेशानी का सबब बन जाए, लेकिन सच यही है. सुंदर होने की वजह से शादी से पहले भी लड़कियों पर अंकुश रखा जाता है और शादी के बाद भी. लेकिन यही समाज हमेशा सुंदरता पर मरता आया है. कोई भी इश्तेहार उठाकर देख लीजिए शादी के लिए लड़केवालों की पहली शर्त यही होती है कि लड़की गोरी और सुंदर हो. लेकिन कुछ लोग इसी सुंदरता को पचा नहीं पाते और अपनी असुरक्षा की भावना को नियम बनाकर पत्नी पर थोपते हैं और उन्हें मनवाने के लिए मजबूर भी करते हैं. कमाल है, लड़की सुंदर भी चाहिए, लेकिन शर्त ये कि कोई देखे भी न. लेकिन इतिहास गवाह है महिलाओं की सुंदरता ही बड़े-बड़े युद्ध और महाभारत की वजह बनी है.  

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अजीब विडंबना है लड़की की, सुंदर न हो, तब तो ताने सुनने ही हैं, और जो सुंदर हो गई तो भी समाज उसे नहीं बख्शता. लड़कियों को हमेशा अपना दिल ताने सुनने के लिए मजबूत रखना पड़ता है. और यहां बात सिर्फ खूबसूरती की नहीं है, कोई भी महिला किसी भी वजह से अगर समाज में सर उठाकर चल रही है तो हमारा समाज उसे पचा नहीं पाता. इस मामले में भी सुंदरता तो एक बहाना थी, असल वजह सिर्फ पुरुष की असुरक्षा की भावना थी जिसका खामियाजा रेखा को अपना चेहरा जलाकर भुगतना पड़ा. आज ऐसी ही कई रेखाओं के मन की पीड़ा यही है कि 'अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो, और बिटिया जो कीजो तो सुंदर न कीजो.'

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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