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मुजरिम के बच्चे को दूध पिलाकर इस पुलिस ऑफिसर ने ड्यूटी निभाई है...

    • आईचौक
    • Updated: 30 सितम्बर, 2017 07:09 PM
  • 30 सितम्बर, 2017 07:09 PM
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कई बार मुजरिमों के बारे में उनकी हैवानियत सामने लाती हुई खबर दिखती है तो कई बार पुलिस वालों की क्रूरता दिखाती हुई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं. लेकिन इस बार एक ऐसी खबर से मेरा सामना हुआ है जिसने दिल को ये तो सुकून मिला कि कहीं तो इंसानियत जिंदा है.

आजकल हर जगह क्राइम और क्रिमिनल्स की खबरें सुनने को मिलती हैं. सोशल मीडिया से लेकर न्यूज साइट्स तक हर जगह ऐसी बातें देखने और सुनने को मिलती है जहां इंसानियत को शर्मसार किया जाता है. कई बार मुजरिमों के बारे में उनकी हैवानियत सामने लाती हुई खबर दिखती है तो कई बार पुलिस वालों की क्रूरता दिखाती हुई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं. लेकिन इस बार एक ऐसी खबर से मेरा सामना हुआ है जिसने दिल को ये तो सुकून मिला कि कहीं तो इंसानियत जिंदा है.

स्तनपान कराती ये महिला असल में बच्चे की असली मां नहीं है. ये पुलिस ऑफिसर है और बच्चे की मां तो कोर्ट रूम में ट्रायल पर गई हुई है. रोते बिलखते बच्चे की भूख ने एक पुलिस वाले का दिल भी पिघला दिया.

हाओ लीना नाम की पुलिस ऑफिसर ने एक मुजरिम के चार महीने के बच्चे को अपना दूध पिलाया. एक रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला 23 सितंबर का है जब शाक्सी जिंज्हॉन्ग के पीपुल्स कोर्ट (चीन) में चार महीने के बच्चे की मां को कोर्ट रूम में जाना पड़ा.

बच्चा हाओ लीना को दे दिया गया जिसे भूख लगी थी. हाओ ने बच्चे की मां से बच्चे को दूध पिलाने की अनुमती ली और अपने मां होने का फर्ज निभाया.

बच्चे की मां को धोखाधड़ी और गैरकानूनी तरीके से पब्लिक से पैसे लेने के जुर्म में सजा मिल रही थी. जितने लोग भी उस समय कोर्ट में मौजूद थे वो ये नजारा देखकर खुश हो गए.

दरअसल हाओ खुद एक नई मां हैं और वो रोते बिलखते बच्चे का दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाईं. हाओ का कहना है कि हर पुलिस वाले को इस तरह का मानवीय व्यवहार करना चाहिए.

अब जरा इस वायरल वीडियो को देखिए....

आए दिन ऐसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं. किसी महिला की पिटाई कोई पुलिसवाला कर रहा होता है तो किसी को कोई पुलिसवाली बालों से खींच रही होती...

आजकल हर जगह क्राइम और क्रिमिनल्स की खबरें सुनने को मिलती हैं. सोशल मीडिया से लेकर न्यूज साइट्स तक हर जगह ऐसी बातें देखने और सुनने को मिलती है जहां इंसानियत को शर्मसार किया जाता है. कई बार मुजरिमों के बारे में उनकी हैवानियत सामने लाती हुई खबर दिखती है तो कई बार पुलिस वालों की क्रूरता दिखाती हुई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं. लेकिन इस बार एक ऐसी खबर से मेरा सामना हुआ है जिसने दिल को ये तो सुकून मिला कि कहीं तो इंसानियत जिंदा है.

स्तनपान कराती ये महिला असल में बच्चे की असली मां नहीं है. ये पुलिस ऑफिसर है और बच्चे की मां तो कोर्ट रूम में ट्रायल पर गई हुई है. रोते बिलखते बच्चे की भूख ने एक पुलिस वाले का दिल भी पिघला दिया.

हाओ लीना नाम की पुलिस ऑफिसर ने एक मुजरिम के चार महीने के बच्चे को अपना दूध पिलाया. एक रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला 23 सितंबर का है जब शाक्सी जिंज्हॉन्ग के पीपुल्स कोर्ट (चीन) में चार महीने के बच्चे की मां को कोर्ट रूम में जाना पड़ा.

बच्चा हाओ लीना को दे दिया गया जिसे भूख लगी थी. हाओ ने बच्चे की मां से बच्चे को दूध पिलाने की अनुमती ली और अपने मां होने का फर्ज निभाया.

बच्चे की मां को धोखाधड़ी और गैरकानूनी तरीके से पब्लिक से पैसे लेने के जुर्म में सजा मिल रही थी. जितने लोग भी उस समय कोर्ट में मौजूद थे वो ये नजारा देखकर खुश हो गए.

दरअसल हाओ खुद एक नई मां हैं और वो रोते बिलखते बच्चे का दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाईं. हाओ का कहना है कि हर पुलिस वाले को इस तरह का मानवीय व्यवहार करना चाहिए.

अब जरा इस वायरल वीडियो को देखिए....

आए दिन ऐसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं. किसी महिला की पिटाई कोई पुलिसवाला कर रहा होता है तो किसी को कोई पुलिसवाली बालों से खींच रही होती है. ये सिर्फ हिंदुस्तान में ही नहीं. अगर गौर करें तो लगभग दुनिया के हर देश में इसी तरह की बातें आम हैं. पुलिस वालों और मुजरिमों की बर्बरता दिखाई जाती है.

जहां रेप, मर्डर, टॉर्चर की खबरें तो बहुत आती रहती हैं और उन्हें पढ़कर किसी को भी आसानी से डिप्रेशन हो सकता है. अब इस खबर को जानकर क्या ऐसा नहीं लग रहा कि बस यही तो चाहिए दुनिया में. तीसरे विश्व युद्ध की खबरों के बीच, जहां लोगों की लाशें सिर्फ खबरों में बदल गई हैं ये खबर वाकई दिल को सुकून देती है.

ऐसे में इस चीनी पुलिस ऑफिसर ने जो किया है वो सिर्फ तारीफ के काबिल नहीं बल्कि सीखने योग्य है. अगर ये बात भी मिसाल नहीं बन सकती है तो फिर इसे क्या कहा जाएगा वो आप खुद ही तय कर लें.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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