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मौत के बाद जहां और भी है, फेसबुक के निशां और भी हैं

    • रिम्मी कुमारी
    • Updated: 30 जून, 2017 02:13 PM
  • 30 जून, 2017 02:13 PM
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फेसबुक लॉन्च के 8 साल के अंदर 3 करोड़ यूजर्स की मौत हो गई. हर घंटे 428 फेसबुक यूजर, एक दिन में 10,273 और महीने में 3.12 लाख फेसबुक यूजर दुनिया से चले जाते हैं. लेकिन, इसके बाद उनके फेसबुक अकाउंट का क्‍या होता है ?

फेसबुक का कल एक नोटिफिकेशन आया. 'आज हमारे 200 करोड़ यूजर हो गए हैं. आपको धन्यवाद कि आप हमसे जुड़े. हमने इस खुशी को सेलिब्रेट करने के लिए आपकी यादों का एक वीडियो बनाया है.' ये जानना बड़ा ही दिलचस्प साथ था क्योंकि हमारी धरती पर रहने वाली कुल आबादी 700 करोड़ है. तो फिर ये बात भी दिमाग में कौंध गई कि इन 200 करोड़ फेसबुक अकाउंट्स में से कितने फेक प्रोफाइल हैं और कितने मृत लोगों के अकाउंट को इसमें नहीं गिना गया है !

अपने देश में ही लड़कों द्वारा एंजिल प्रिया जैसे फेक प्रोफाइल्स और एक घर में दो-तीन गाड़ियों की तरह एक ही बंदे का चार-पांच फेसबुक अकाउंट का चलन जारी है. सोशल मीडिया ऐसा छाया हुआ है कि लोगों ने आधार कार्ड बनवाया हो या नहीं लेकिन फेसबुक, ट्विटर पर अकाउंट जरुर होगा. इंस्टा में फोटो की भरमार जरूर होगी और लिंक्डइन पर नौकरी जरूर ही खोज रहे होंगे.

200 करोड़ अकाउंट होने की खुशी मना रहा है फेसबुक.

जिस तरह रोजाना लाखों बच्चे पैदा होते हैं उसी तरह रोजाना फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया अकाउंट भी रोजाना बनते हैं. लेकिन जीवन की तरह मृत्यु भी एक अटल सत्य है. पर मौत तो इंसानों को आती है लेकिन उनका फेसबुक अकाउंट तो अमर होता है! किसी मृत इंसान के सोशल मीडिया अकाउंट के साथ क्या होता है कभी सोचा है आपने?

एक आंकड़े के मुताबिक फेसबुक के लॉन्च के 8 साल के अंदर 3 करोड़ फेसबुक यूजर की मौत हो गई. हर घंटे 428 फेसबुक यूजर, एक दिन में 10,273 और एक महीने में 3,12,500 फेसबुक यूजर की मृत्यु हो जाती है. है ना ये आंकड़ा चौंकाने वाला? अब सोचिए की इन फेसबुक प्रोफाइल्स का फिर होता क्या है? क्या फेसबुक उन्हें डिलीट कर देता है? या फिर वो प्रोफाइल ऐसे ही फेसबुक के डेटा बेस में पड़ा रहता है?

तो आपकी जानकारी...

फेसबुक का कल एक नोटिफिकेशन आया. 'आज हमारे 200 करोड़ यूजर हो गए हैं. आपको धन्यवाद कि आप हमसे जुड़े. हमने इस खुशी को सेलिब्रेट करने के लिए आपकी यादों का एक वीडियो बनाया है.' ये जानना बड़ा ही दिलचस्प साथ था क्योंकि हमारी धरती पर रहने वाली कुल आबादी 700 करोड़ है. तो फिर ये बात भी दिमाग में कौंध गई कि इन 200 करोड़ फेसबुक अकाउंट्स में से कितने फेक प्रोफाइल हैं और कितने मृत लोगों के अकाउंट को इसमें नहीं गिना गया है !

अपने देश में ही लड़कों द्वारा एंजिल प्रिया जैसे फेक प्रोफाइल्स और एक घर में दो-तीन गाड़ियों की तरह एक ही बंदे का चार-पांच फेसबुक अकाउंट का चलन जारी है. सोशल मीडिया ऐसा छाया हुआ है कि लोगों ने आधार कार्ड बनवाया हो या नहीं लेकिन फेसबुक, ट्विटर पर अकाउंट जरुर होगा. इंस्टा में फोटो की भरमार जरूर होगी और लिंक्डइन पर नौकरी जरूर ही खोज रहे होंगे.

200 करोड़ अकाउंट होने की खुशी मना रहा है फेसबुक.

जिस तरह रोजाना लाखों बच्चे पैदा होते हैं उसी तरह रोजाना फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया अकाउंट भी रोजाना बनते हैं. लेकिन जीवन की तरह मृत्यु भी एक अटल सत्य है. पर मौत तो इंसानों को आती है लेकिन उनका फेसबुक अकाउंट तो अमर होता है! किसी मृत इंसान के सोशल मीडिया अकाउंट के साथ क्या होता है कभी सोचा है आपने?

एक आंकड़े के मुताबिक फेसबुक के लॉन्च के 8 साल के अंदर 3 करोड़ फेसबुक यूजर की मौत हो गई. हर घंटे 428 फेसबुक यूजर, एक दिन में 10,273 और एक महीने में 3,12,500 फेसबुक यूजर की मृत्यु हो जाती है. है ना ये आंकड़ा चौंकाने वाला? अब सोचिए की इन फेसबुक प्रोफाइल्स का फिर होता क्या है? क्या फेसबुक उन्हें डिलीट कर देता है? या फिर वो प्रोफाइल ऐसे ही फेसबुक के डेटा बेस में पड़ा रहता है?

तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर दिन लगभग 10,000 मृत फेसबुक यूजर को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा जाता है, किसी फोटो में टैग किया जाता है या फिर जन्मदिन की बधाई दी जाती है! लेकिन, एक रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक पर 2130 तक जिंदा लोगों से ज्यादा मृत लोगों का प्रोफाइल होगा.

खैर अब इतनी जानकारी के बाद आपके मन में ये सवाल जरूर आ रहे होंगे कि आखिर मौत के बाद आपका डाटा किसके पास होगा, इनएक्टिव प्रोफाइल को डिएक्टिवेट करने में कितना समय लेता है, क्या कोई और आपका यूजर नेम क्लेम कर सकता है या अगर किसी दोस्त या फिर परिवार के सदस्य की मृत्यु हो जाए तो क्या होता है, इस तरह के तमाम सवाल अब दिमाग में होंगे.

तो आइए आपको सोशल मीडिया से जुड़े इन सारे प्रश्नों के उत्तर बताएं-

1-मौत के बाद आपका डाटा किसके पास होगा

ये ऑप्शन देखा क्या?

वैसे तो ज्यादातर मामलों में यूजर की मौत के बाद भी उसकी प्राइवेसी प्रोटेक्टेड होती है और उसके प्रोफाइल को एक्सेस करने के लिए या तो कोर्ट से ऑर्डर लेना होता है या फिर यूजर ने मौत के पहले उस इंसान को अपना फेसबुक प्रोफाइल इस्तेमाल करने का अधिकार दिया हो. फेसबुक, ट्विटर, पिंटरेस्ट, लिंक्डइन और गूगल सभी कमोबेश इसी पॉलिसो को फॉलो करते हैं.

फेसबुक : अपने यूजर की मौत के बाद उसके प्रोफाइल को हैंडल करने के लिए या तो कोर्ट का ऑर्डर मांगता है या फिर मृतक ने खुद ही अपनी मौत के पहले संबंधित व्यक्ति को इसके अधिकार दे रखे हों.

ट्विटर : मृतक ने अपनी मौत के पहले संबंधित इंसान को अपने प्रोफाइल एक्सेस के अधिकार दे रखे हों या फिर मृतक के निकट संबंधी उसका प्रोफाइल चला सकते हैं. लेकिन इसके लिए पहले आपको साबित करना होगा कि आप मृतक के संबंधी हैं और मृतक का डेथ सर्टिफिकेट भी दिखाना होगा.

पिंटरेस्ट : ये ऐसे किसी पॉलिसी को नहीं मानते और इसलिए किसी भी सूरत में अपने यूजर के पर्सनल इंफॉर्मेशन या फिर लॉग इन डिटेल किसी के भी साथ शेयर नहीं करते.

लिंक्डइन : जब तक इन्हें भरोसा नहीं हो जाता कि यूजर के डिटेल कानून के मुताबिक शेयर करने होंगे या फिर किसी कानूनी जरूरत के लिए इन्हें चाहिए तब तक ये किसी से भी डिटेल शेयर नहीं करते.

गूगल : ये रेयर केस में ही अपने मृतक यूजर के डिटेल किसी के साथ शेयर करते हैं अन्यथा नहीं.

तो चलिए अब आपको पता चल ही गया कि इंसान मरता है लेकिन सोशल मीडिया अमर है. तो मरने के बाद विरासत में फेसबुक, ट्विटर या इंस्टा आईडी भी छोड़ने का ऑप्शन अब मौजूद है. तो कालजयी स्टेटस अपडेट और चार्मिंग फोटो की बाढ़ लगा दीजिए. कोई कुछ बोले तो कहिएगा अगली पीढ़ी के लिए मेरी जमा पूंजी का एक हिस्सा ये भी है. हैप्पी फेसबुकिंग...

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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