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इस खबर को पढ़कर आप 'Sarahah' से करेंगे तौबा

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 10 अगस्त, 2017 07:57 PM
  • 10 अगस्त, 2017 07:57 PM
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Sarahah नामक एप जहर की तरह फैल चुका है. इसकी चपेट में तेजी से लोग आ रहे हैं. लोगों को भले ही मजेदार लग रहा हो. लेकिन काफी खतरनाक साबित हो सकता है.

मोबाइल पर जो नया आया और लोगों को अट्रैक्ट किया वो फिर चलन में आ जाता है. चलन भी नहीं युवाओं में नशा सा चढ़ जाता है. फेसबुक और वॉट्सएप तो अब पुराने हो गए. जो नई चीज आई है उसका क्रेज इतना है कि हर जगह इसी चीज की बात हो रही है और वो है sarahah.

बता दें, गूगल प्ले स्टोर से 5 से 10 लाख यूजर्स इस ऐप को इन्सटॉल कर चुके हैं और लगातार इसकी संख्या बढ़ती जा रही है. एंड्रॉयड और आईफोन के जरिए ये एप जहर की तरह फैल रहा है. ऐप का दावा है कि इसके जरिए यूजर्स अपने साथ काम करने वाले कर्मचारियों और दोस्तों को ईमानदार फीडबैक भेज सकते हैं. लोगों को भले ही ये एप बहुत मजेदार लग रहा हो. लेकिन सच्चाई ये है कि ये काफी खतरनाक साबित हो सकता है.

साइबर बुलिंग का खतरा

इस एप के जरिए यूजर्स किसी को भी मैसेज भेज सकते हैं, रिसीव करने वाला नहीं जान पाएगा किसने मैसेज भेजा है. इससे 'साइबर बुलिंग' का खतरा बढ़ सकता है. नेगेटिविटी बढ़ सकती है. दावा किया जा रहा है कि इस एप को दुनियाभर में फेसबुक और स्नेपचैट से ज्यादा तवज्जो मिल रही है और यह यूजर्स के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

ये एप भरोसेमंद भी नहीं. न कभी किसी ने सुना और न इसके बारे में किसी को जानकारी है. बता दें, सऊदी अरब के जैनुल आबेदीन ने इस एप को इजाद किया है. जो दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रहा है. जो मैसेज आ रहे हैं यूजर्स उसे फेसबुक पर भी शेयर कर रहे हैं. ये एप एक दिन में इतना फेमस हो गया है कि आज युवाओं के फोन में ये एप मिल सकता है. कुछ लोगों ने ये एप इंस्टॉल इसलिए नहीं किया क्योंकि उन्हें पता नहीं कि ये काम कैसे करता है. अगर इस एप की ऐसी ही पॉपुलेरिटी दिखी तो हर मोबाइल पर ये मौजूद होगा.

मोबाइल पर जो नया आया और लोगों को अट्रैक्ट किया वो फिर चलन में आ जाता है. चलन भी नहीं युवाओं में नशा सा चढ़ जाता है. फेसबुक और वॉट्सएप तो अब पुराने हो गए. जो नई चीज आई है उसका क्रेज इतना है कि हर जगह इसी चीज की बात हो रही है और वो है sarahah.

बता दें, गूगल प्ले स्टोर से 5 से 10 लाख यूजर्स इस ऐप को इन्सटॉल कर चुके हैं और लगातार इसकी संख्या बढ़ती जा रही है. एंड्रॉयड और आईफोन के जरिए ये एप जहर की तरह फैल रहा है. ऐप का दावा है कि इसके जरिए यूजर्स अपने साथ काम करने वाले कर्मचारियों और दोस्तों को ईमानदार फीडबैक भेज सकते हैं. लोगों को भले ही ये एप बहुत मजेदार लग रहा हो. लेकिन सच्चाई ये है कि ये काफी खतरनाक साबित हो सकता है.

साइबर बुलिंग का खतरा

इस एप के जरिए यूजर्स किसी को भी मैसेज भेज सकते हैं, रिसीव करने वाला नहीं जान पाएगा किसने मैसेज भेजा है. इससे 'साइबर बुलिंग' का खतरा बढ़ सकता है. नेगेटिविटी बढ़ सकती है. दावा किया जा रहा है कि इस एप को दुनियाभर में फेसबुक और स्नेपचैट से ज्यादा तवज्जो मिल रही है और यह यूजर्स के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

ये एप भरोसेमंद भी नहीं. न कभी किसी ने सुना और न इसके बारे में किसी को जानकारी है. बता दें, सऊदी अरब के जैनुल आबेदीन ने इस एप को इजाद किया है. जो दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रहा है. जो मैसेज आ रहे हैं यूजर्स उसे फेसबुक पर भी शेयर कर रहे हैं. ये एप एक दिन में इतना फेमस हो गया है कि आज युवाओं के फोन में ये एप मिल सकता है. कुछ लोगों ने ये एप इंस्टॉल इसलिए नहीं किया क्योंकि उन्हें पता नहीं कि ये काम कैसे करता है. अगर इस एप की ऐसी ही पॉपुलेरिटी दिखी तो हर मोबाइल पर ये मौजूद होगा.

कब हुआ लॉन्च

Sarahah ऐप फरवरी 2017 में वेबसाइट के तौर पर लॉन्च हुआ था. लॉन्चिंग के 30 दिन के अंदर मिस्त्र में इस ऐप के यूजर्स संख्या 25 लाख, अरब में 12 लाख और ट्यूनिशिया में 17 लाख पहुंच गई थी. इसके बाद इसे ऐप के रूप में बनाया गया और जून में यह ऐप्पल ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर आया. यह ऐप अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन समेत 30 से ज्यादा देशों में ऐप्पल ऐप स्टोर पर मौजूद है.

इस ऐप को बनाने की वजह के बारे में इसके फाउंडर आबेदीन ने कहा कि इसके जरिये लोग अब किसी से भी वो सब कह सकते हैं जिसे सामने कहने में हिचकिचाहट महसूस करते हैं. चूंकि मैसेज भेजने वाले का पता नहीं चलने के कारण कहीं इसका गलत इस्तेमाल न हो इसके बारे में आबेदीन ने कहा कि इस ऐप में ब्लॉक या फिल्टर करने की सुविधा भी मौजूद है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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