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डिजिटल मैरेज: सिर्फ ऐसा दूल्हा चाहिए जो शाहरुख खान का जबरा फैन हो

    • सुशांत झा
    • Updated: 15 मार्च, 2017 01:32 PM
  • 15 मार्च, 2017 01:32 PM
offline
सोशल मीडिया पर सिर्फ चुनाव लड़ना, मकान, नौकरी, रेस्त्रां या फर्नीचर शॉप खोजने का ही काम नहीं हो रहा, यहां तलाक भी होता है और उससे ज्यादा प्यार पनप रहा है.

मेरी एक सहकर्मी मातंगी का विवाह तय हुआ तो उसने स्वीकार किया कि इस विवाह में फेसबुक का बड़ा रोल है. मेरे ऑफिस में कई अन्य विवाहों में भी फेसबुक का खासा रोल था. कहिए कि हम डिजिटल विवाह के दौर में प्रवेश कर चुके हैं. खैर, ये कोई बड़ी खबर नहीं है-हालांकि शोध इस बात पर जरूर होना चाहिए कि फेसबुक या अन्य माध्यमों ने शादी.कॉम जैसी वेबसाइट्स के बिजनेस को कितना प्रभावित किया है.

इधर मेरे ही ऑफिस की एक लड़की ने दावा किया कि वह उसी से शादी करेगी जिसका ट्विटर अकाउंट वेरीफाइड हो और जिसके इंस्टाग्राम पर कम से कम 5000 फॉलोअर हों. बात हास्य की है लेकिन इस तरफ इशारा जरूर करती है कि लोगबाग सोच कैसे रहे हैं. हाल तक कई बौद्धिक किस्म की लड़कियां कहती थीं कि वो उस लड़के से शादी नहीं करेंगी जो सलमान खान की फिल्में देखता हो! 'आजतक' की सोशल मीडिया टीम में काम करनेवाली ओजस्विनी कहती हैं कि अपनी शादी के समय वे जरूर इस बात पर ध्यान देंगी कि लड़के को शाहरुख खान पसंद हो और वो उसका ट्विटर पेज फॉलो करता हो!

मेरे एक परिचित ने अपने विवाह के लिए लड़की ढ़ूंढ़ते समय गूगल मैप का भी सहारा लिया. उनका मानना था कि वे उसी कामकाजी लड़की से शादी करेंगे जो नोएडा के खास हिस्से में रहती हो. क्योंकि वे साल भर के ट्रांसपोर्ट का इंतजाम और बजट देख रहे थे.

इंडिया टुडे की सोशल मीडिया में काम करनेवाली देवयानी श्रीवास्तव की मानें तो शादी करने के बाद इंस्टाग्राम के फॉलोअर बढ़ जाते हैं! वजह? चमकते फोटो और उसकी विविधता फॉलोअर्स की संख्या बढ़ा देते हैं. अभी तक सुनते थे कि विवाहित लोगों को किराये का मकान ही सहूलियत से मिल जाता है, अब पता चला कि सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स भी बढ़ जाते हैं.

सन् नब्बे के दशक में ढेर सारे जवान बेरोजगार लड़के पर्स में हनुमान चालीसा के साथ-साथ माधुरी का फोटो रखते...

मेरी एक सहकर्मी मातंगी का विवाह तय हुआ तो उसने स्वीकार किया कि इस विवाह में फेसबुक का बड़ा रोल है. मेरे ऑफिस में कई अन्य विवाहों में भी फेसबुक का खासा रोल था. कहिए कि हम डिजिटल विवाह के दौर में प्रवेश कर चुके हैं. खैर, ये कोई बड़ी खबर नहीं है-हालांकि शोध इस बात पर जरूर होना चाहिए कि फेसबुक या अन्य माध्यमों ने शादी.कॉम जैसी वेबसाइट्स के बिजनेस को कितना प्रभावित किया है.

इधर मेरे ही ऑफिस की एक लड़की ने दावा किया कि वह उसी से शादी करेगी जिसका ट्विटर अकाउंट वेरीफाइड हो और जिसके इंस्टाग्राम पर कम से कम 5000 फॉलोअर हों. बात हास्य की है लेकिन इस तरफ इशारा जरूर करती है कि लोगबाग सोच कैसे रहे हैं. हाल तक कई बौद्धिक किस्म की लड़कियां कहती थीं कि वो उस लड़के से शादी नहीं करेंगी जो सलमान खान की फिल्में देखता हो! 'आजतक' की सोशल मीडिया टीम में काम करनेवाली ओजस्विनी कहती हैं कि अपनी शादी के समय वे जरूर इस बात पर ध्यान देंगी कि लड़के को शाहरुख खान पसंद हो और वो उसका ट्विटर पेज फॉलो करता हो!

मेरे एक परिचित ने अपने विवाह के लिए लड़की ढ़ूंढ़ते समय गूगल मैप का भी सहारा लिया. उनका मानना था कि वे उसी कामकाजी लड़की से शादी करेंगे जो नोएडा के खास हिस्से में रहती हो. क्योंकि वे साल भर के ट्रांसपोर्ट का इंतजाम और बजट देख रहे थे.

इंडिया टुडे की सोशल मीडिया में काम करनेवाली देवयानी श्रीवास्तव की मानें तो शादी करने के बाद इंस्टाग्राम के फॉलोअर बढ़ जाते हैं! वजह? चमकते फोटो और उसकी विविधता फॉलोअर्स की संख्या बढ़ा देते हैं. अभी तक सुनते थे कि विवाहित लोगों को किराये का मकान ही सहूलियत से मिल जाता है, अब पता चला कि सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स भी बढ़ जाते हैं.

सन् नब्बे के दशक में ढेर सारे जवान बेरोजगार लड़के पर्स में हनुमान चालीसा के साथ-साथ माधुरी का फोटो रखते थे लकिन जिसे जेनरेशन वाई या कुछ लोग मिलेनियल्स कहते हैं, वो बहुत प्रैक्टिकल है. नाम नहीं छापने की शर्त पर लड़की ने कहा जब किसी लड़का का रिश्ता उसके लिए आता था और उसे शादी नहीं करनी होती थी तो वो उससे पूछ लेती थी कि ट्विटर और इंस्टा पर उसके कितने फॉलोअर हैं! जाहिर है ऐसे औचक सवाल से कई लड़के बिदक जाते थे और दुबारा नहीं आते थे!

एक अन्य मित्र जब पिता बनने वाले थे तो लोगों ने भावी बच्चे के लिए एक से एक नाम सामने रखे. दिलचस्प ये था कि अगर बेटा हो तो नाम 'हैशटैग' रखा जाए और बेटी हो तो 'मेंशन'! यानी बच्चा पैदा होते ही दुनिया में ट्रेंड करने लगे. कुछ लोगों ने 'इनसाइट', 'प्रमोशन' और 'लाइव' जैसे नाम भी सुझाए!

वो जमाना तेजी से बीत रहा है जब सिर्फ बड़े फिल्मी सितारे ही अपने बच्चे की पहली तस्वीर सोशल मीडिया पर जारी करते थे.

यानी सोशल मीडिया पर सिर्फ चुनाव लड़ना, मकान, नौकरी, रेस्त्रां या फर्नीचर शॉप खोजने का ही काम नहीं हो रहा, यहां तलाक भी होता है और उससे ज्यादा प्यार पनप रहा है.

महाभारत के बारे में पता नहीं किस विद्वान ने लिखा कि 'यन्न भारते..तन्न भारते', यानी जो महाभारत में नहीं वर्णित है वो पूरे भारतवर्ष में नहीं है. सोशल मीडिया के बारे में कह सकते हैं जो यन्न सोशल मीडिया... तन्न सोशल मीडिया! यानी जो फेसबुक पर नहीं है, वो ससुरा कहीं नहीं है.  

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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