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इंटरनेट कनेक्शन नहीं, लेकिन देखिए कितना कनेक्टेड है ये गांव

    • आईचौक
    • Updated: 03 मई, 2016 06:30 PM
  • 03 मई, 2016 06:30 PM
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इटली का एक गांव ऐसा है जो भले ही इंटरनेट से न जुडा हो लेकिन अपने खास अंदाज की वजह से जगह-जगह वेब दुनिया की छाप लिए हुए है.

इंटरनेट आज जहां जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है, वहीं कई गांव ऐसे हैं जहां इंटरनेट क्या है कोई नहीं जानता. लेकिन इटली का एक गांव ऐसा है जो भले ही इंटरनेट से न जुडा हो लेकिन अपने खास अंदाज की वजह से जगह-जगह वेब दुनिया की छाप लिए हुए है. 

मिलान के कलाकार बियांकोशॉक इटली के कैंपोबासो प्रांत के एक गांव सिविटाकैंपोमारनो में अपने प्रोजेक्ट 'वेब 0.0' के लिए गए थे. वहां उन्होंने सोशल मीडिया की ऐसी छटा गांव के परिवेश में बिखेरी कि गांव दूर से ही एडवांस और वेब कनेक्टेड लगने लगा.

टेलीफोन बूथ भले ही शहरों से गायब हो गए हों, लेकिन इस गांव में आज भी मौजूद हैं.

 

फेसबुक की आभासी वॉल को भूल जाइए, क्योंकि यहां वास्तविक वॉल मौजूद है, जहां हर तरह की जानकारी चस्पा होती हैं, लोग यहां आकर चर्चा करते हैं, गप्पे मारते हैं और मिलजुलकर ठहाके भी लगाते हैं.

ये भी पढ़ें- ...जब मधुबाला और सत्यजीत रे ने खिंचवाई सेल्फी

 

ये वो बेंच है जहां नागरिक आकर बैठते हैं और बतियाते हैं, ट्विटर का मतलब भी यही है...

इंटरनेट आज जहां जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है, वहीं कई गांव ऐसे हैं जहां इंटरनेट क्या है कोई नहीं जानता. लेकिन इटली का एक गांव ऐसा है जो भले ही इंटरनेट से न जुडा हो लेकिन अपने खास अंदाज की वजह से जगह-जगह वेब दुनिया की छाप लिए हुए है. 

मिलान के कलाकार बियांकोशॉक इटली के कैंपोबासो प्रांत के एक गांव सिविटाकैंपोमारनो में अपने प्रोजेक्ट 'वेब 0.0' के लिए गए थे. वहां उन्होंने सोशल मीडिया की ऐसी छटा गांव के परिवेश में बिखेरी कि गांव दूर से ही एडवांस और वेब कनेक्टेड लगने लगा.

टेलीफोन बूथ भले ही शहरों से गायब हो गए हों, लेकिन इस गांव में आज भी मौजूद हैं.

 

फेसबुक की आभासी वॉल को भूल जाइए, क्योंकि यहां वास्तविक वॉल मौजूद है, जहां हर तरह की जानकारी चस्पा होती हैं, लोग यहां आकर चर्चा करते हैं, गप्पे मारते हैं और मिलजुलकर ठहाके भी लगाते हैं.

ये भी पढ़ें- ...जब मधुबाला और सत्यजीत रे ने खिंचवाई सेल्फी

 

ये वो बेंच है जहां नागरिक आकर बैठते हैं और बतियाते हैं, ट्विटर का मतलब भी यही है न.

 

शायद ये महिला इस इलाके के बारे में सारी जानकारी रखती है, इसीलिए तो इनके घर के बाहर विकीपीडिया का निशान बनाया गया है.

 

गांव की ये बनिये की ये दुकान ई-बे से कम पॉपुलर नहीं है.

 

ये लोग जी मेल नहीं जानते, चिट्ठी पत्री का ये सिलसिला आज भी कायम है.

 

गांव की कैमिस्ट की दुकान भी तो बीमारियां दूर करती है, अवास्ट एंटी वायरस की ही तरह.

 

ये है यहां का लोकर यू-ट्यूब, जहां एक साथ ही वीडियो देखते हैं गांववाले, वो भी बिना बफरिंग के.

 

आपकी लाइफ में भले ही टिंडर हो, लेकिन यहां के लोगों के लिए गांव में एक रोमांटिक जगह भी है.

 

ये भी पढ़ें- प्राइस टैग के साथ ऑनलाइन बिक रहे हैं रिश्ते

वी ट्रांसफर पर तो फिर भी लिमिट है, लेकिन ये सर्विस बिना किसी लिमिट के हमेशा चलती रहती है

 

ये रहा इस गांव का वीडियो-

तो सोशल मीडिया के एडिक्ट लोगों के लिए भले ही ये जगह थोडी बोरिंग लगे, लेकिन ये जगह सोशल मीडिया जैसी आभासी दुनिया से कहीं ज्यादा अच्छी है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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