• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

बवाना में बीजेपी आएगी या कांग्रेस का खाता खुलेगा, या फिर से केजरीवाल?

    • आईचौक
    • Updated: 20 अगस्त, 2017 05:34 PM
  • 20 अगस्त, 2017 05:34 PM
offline
आम आदमी पार्टी के टिकट पर 2015 में चुनाव जीतने वाले वेद प्रकाश के इस्तीफा देने के कारण यहां उपचुनाव हो रहा है. वेद प्रकाश फिलहाल बीजेपी के उम्मीदवार हैं, इसलिए कांग्रेस और आप इसे मुद्दा बना रहे हैं.

बवाना में बीजेपी के लिए बेहतर तो आम आदमी पार्टी के लिए बदतर हालात हैं - कांग्रेस के लिए निर्विकार भाव जैसी स्थिति है. जीत गये तो कहना ही क्या और हार गये तो कौन सी नई बात होगी. फिर भी सभी ने अपनी ओर से सारी ताकत झोंक रखी है और खास जोर जाट वोटों को अपने पक्ष में करने पर है.

बवाना राजधानी दिल्ली की सुरक्षित सीटों में से एक है जहां कुल 2, 94, 282 वोटर हैं. खास बात ये है कि इनमें चार हजार ऐसे वोटर हैं जो पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने जा रहे हैं. वोटों की गिनती स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में 28 अगस्त को सुबह 8 बजे से होगी.

आम आदमी पार्टी के टिकट पर 2015 में चुनाव जीतने वाले वेद प्रकाश के इस्तीफा देने के कारण यहां उपचुनाव हो रहा है. वेद प्रकाश फिलहाल बीजेपी के उम्मीदवार हैं, इसलिए कांग्रेस और आप इसे मुद्दा बना रहे हैं.

बवाना में बीजेपी!

मनोज तिवारी जहां भी जा रहे हैं लोग उनके साथ सेल्फी लेना चाहते हैं, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान हुए हमले में वो बाल बाल बचे भी हैं. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर किसने उन पर लकड़ी के टुकड़ों और पत्थर से हमला किया. ढोल-नगाड़े के साथ गलियों में घूम घूम कर वोट मांग रहे मनोज तिवारी जब भी इलाके में होते हैं वेद प्रकाश साथ में जरूर नजर आते हैं.

तिवारी पर पत्थर किसने फेंके?

चुनाव प्रचार में मनोज तिवारी दिल्ली सरकार की नाकामियां गिनाते रहते हैं - 'दिल्ली में न सीसीटीवी लगे और न ही डीटीसी बसों में मार्शलों की तैनाती हुई.'

अप्रैल में हुए एमसीडी चुनावों में इस विधानसभा सीट के दायरे में आने वाले छह वार्डों में से तीन में बीजेपी को जीत मिली थी जबकि एक-एक सीट आप, बीएसपी और निर्दल उम्मीदवार के खाते में गयी थी. इस हिसाब से देखें तो समीकरण बीजेपी...

बवाना में बीजेपी के लिए बेहतर तो आम आदमी पार्टी के लिए बदतर हालात हैं - कांग्रेस के लिए निर्विकार भाव जैसी स्थिति है. जीत गये तो कहना ही क्या और हार गये तो कौन सी नई बात होगी. फिर भी सभी ने अपनी ओर से सारी ताकत झोंक रखी है और खास जोर जाट वोटों को अपने पक्ष में करने पर है.

बवाना राजधानी दिल्ली की सुरक्षित सीटों में से एक है जहां कुल 2, 94, 282 वोटर हैं. खास बात ये है कि इनमें चार हजार ऐसे वोटर हैं जो पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने जा रहे हैं. वोटों की गिनती स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में 28 अगस्त को सुबह 8 बजे से होगी.

आम आदमी पार्टी के टिकट पर 2015 में चुनाव जीतने वाले वेद प्रकाश के इस्तीफा देने के कारण यहां उपचुनाव हो रहा है. वेद प्रकाश फिलहाल बीजेपी के उम्मीदवार हैं, इसलिए कांग्रेस और आप इसे मुद्दा बना रहे हैं.

बवाना में बीजेपी!

मनोज तिवारी जहां भी जा रहे हैं लोग उनके साथ सेल्फी लेना चाहते हैं, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान हुए हमले में वो बाल बाल बचे भी हैं. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर किसने उन पर लकड़ी के टुकड़ों और पत्थर से हमला किया. ढोल-नगाड़े के साथ गलियों में घूम घूम कर वोट मांग रहे मनोज तिवारी जब भी इलाके में होते हैं वेद प्रकाश साथ में जरूर नजर आते हैं.

तिवारी पर पत्थर किसने फेंके?

चुनाव प्रचार में मनोज तिवारी दिल्ली सरकार की नाकामियां गिनाते रहते हैं - 'दिल्ली में न सीसीटीवी लगे और न ही डीटीसी बसों में मार्शलों की तैनाती हुई.'

अप्रैल में हुए एमसीडी चुनावों में इस विधानसभा सीट के दायरे में आने वाले छह वार्डों में से तीन में बीजेपी को जीत मिली थी जबकि एक-एक सीट आप, बीएसपी और निर्दल उम्मीदवार के खाते में गयी थी. इस हिसाब से देखें तो समीकरण बीजेपी के पक्ष में लगते हैं. वैसे यहां के 26 गांवों और कुछ अनधिकृत कॉलोनियों में जाटों और दूसरी जातियों के साथ साथ पूर्वांचल के लोग भी रहते हैं.

आप की आशा

चुनाव प्रचार के मामले में तो लगता है जैसे आप ने सबको पीछे छोड़ दिया है - हर तरह आप के ही पोस्टर नजर आते हैं. आप प्रत्याशी रामचंद्र लोगों से स्मार्ट गांव बनाने का वादा कर रहे हैं और उनका स्लोगन है - ‘दारू से न नोटों से, जीतेंगे वोटों से’. घर घर दस्तक वाले अंदाज में प्रचार कर रहे रामचंद्र जहां भी जाते हैं बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना नहीं भूलते.

इस चुनाव की जिम्मेदारी तो गोपाल राय पर है, लेकिन प्रचार के लिए केजरीवाल ने यहां बीजेपी छोड़ कर आये गुग्गन सिंह और पूर्व पार्षद नारायण सिंह को भी साथ ले लिया है.

किसका होगा बवाना?

चुनाव के नतीजे ही बताएंगे कि केजरीवाल पर दिल्ली के लोगों का गुस्सा अभी कम हुआ है या नहीं?

कांग्रेस की किस्मत!

जाट बहुल इलाका होने के कारण कांग्रेस ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को यहां स्टार प्रचारक बनाया हुआ है - लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात के बाद चर्चाओं ने अटकलों की भरमार लगा दी है. तीन बार बवाना से विधायक रहे सुरेंद्र कुमार को ही कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. वोट मांगते वक्त सुरेंद्र कुमार विधायक रहते अपने कामकाज की दुहाई दे रहे हैं - और उन्हें चुनाव जिताने की जिम्मेदारी कांग्रेस के दिग्गज नेता सज्जन कुमार ने संभाल रखी है.

एमसीडी चुनावों से पहले राजौरी गार्डन विधानसभा के लिए उपचुनाव में भाजपा की जीत हुई - और आप उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गयी. कांग्रेस की खुशकिस्मती ये रही कि वो दोनों के बीच फिट हो गयी.

दिल्ली नगर निगम के चुनावों में केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा था, "बीजेपी को वोट दिया तो अगले पांच साल कूड़ा, मच्छर ऐसे ही रहेंगे. कल अगर आपके घर डेंगू हो जाए तो आप खुद उसके जिम्मेदार होगे क्योंकि आपने बीजेपी को वोट दिया."

एमसीडी चुनावों की तरह ही एक बार फिर केजरीवाल लोगों को उसी अंदाज में आगाह कर रहे हैं. एक बानगी देखिये - "दिल्ली में हमारी सरकार है आप कांग्रेस को वोट दोगे तो काम नहीं होंगे. आप बीजेपी को वोट दोगे तो वो लड़ेगा तो बहुत लेकिन काम नही होंगे..."

इन्हें भी पढ़ें :

बवाना में फिर कसौटी पर केजरीवाल!

केजरीवाल पर निर्णायक हमले की तैयारी में अमित शाह!

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत के 6 कारण


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲