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क्या होगा अगर EVM हैक करने में नाकाम रही केजरीवाल टीम...

    • मृगांक शेखर
    • Updated: 12 मई, 2017 07:12 PM
  • 12 मई, 2017 07:12 PM
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EVM टैंपरिंग को लेकर केजरीवाल ने दो उदाहरण पेश किये थे - एक पंजाब से और दूसरा महाराष्ट्र से. महाराष्ट्र से जिस मिसाल के दम पर केजरीवाल ने ईवीएम पर सवाल उठाये थे अब उसका दम निकल चुका है.

और किसी को भले न हो चुनाव आयोग की चुनौती आम आदमी पार्टी को मंजूर है. आप नेताओं का दावा है कि वो चुनाव आयोग के ईवीएम को भी वैसे ही हैक करके दिखा देंगे जैसे दिल्ली विधानसभा में नकली ईवीएम को हैक किया.

चुनाव आयोग अब भी अपनी बात पर कायम है कि ईवीएम को किसी भी सूरत में हैक नहीं किया जा सकता. जैसा कि आप नेताओं का दावा है, अगर वाकई ईवीएम ऐसी है जिसे हैक किया जा सकता है तब तो बहुत ही गंभीर बात है और अगर सरेआम हैक हो जाती है तो मुश्किल खड़ी हो जाएगी. फर्ज कीजिए, वैसा नहीं हुआ जैसा आप नेताओं का दावा है - फिर क्या होगा?

सत्यमेव जयते!

दिल्ली विधानसभा में ईवीएम हैक करने के डेमो से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा था - सत्यमेव जयते. ये बात अलग है कि कपिल मिश्रा और केजरीवाल के अन्य विरोधी उनसे दो करोड़ कैश पर मौन तोड़ने की अपेक्षा कर रहे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक बार इन्हीं दो शब्दों का इस्तेमाल एक ट्वीट में किया था. तब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी रोहित वेमुला खुदकुशी मामले में घिरी थीं और प्रधानमंत्री ने संसद में उनके भाषण की क्लिप के साथ ये शाश्वत फ्रेज ट्वीट किया था. भला सत्यमेव जयते से इंकार किसे हो सकता है, फर्क बस इतने से पड़ता है कि सत्य वाकई किस तरफ है?

अपने ताजा ट्वीट में केजरीवाल ने ईवीएम को ही लेकर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह के एक ट्वीट पर रिएक्ट किया है.

यूपी चुनाव में हार के बाद ईवीएम पर मायावती ने सबसे पहले सवाल उठाया जिसे अखिलेश यादव ने भी एनडोर्स किया. उसके बाद मैदान में उतरे केजरीवाल ने अपने रिसर्च के आधार पर कुछ दलीलें भी पेश कीं. केजरीवाल ने दो उदाहरण पेश किये - एक पंजाब से और दूसरा...

और किसी को भले न हो चुनाव आयोग की चुनौती आम आदमी पार्टी को मंजूर है. आप नेताओं का दावा है कि वो चुनाव आयोग के ईवीएम को भी वैसे ही हैक करके दिखा देंगे जैसे दिल्ली विधानसभा में नकली ईवीएम को हैक किया.

चुनाव आयोग अब भी अपनी बात पर कायम है कि ईवीएम को किसी भी सूरत में हैक नहीं किया जा सकता. जैसा कि आप नेताओं का दावा है, अगर वाकई ईवीएम ऐसी है जिसे हैक किया जा सकता है तब तो बहुत ही गंभीर बात है और अगर सरेआम हैक हो जाती है तो मुश्किल खड़ी हो जाएगी. फर्ज कीजिए, वैसा नहीं हुआ जैसा आप नेताओं का दावा है - फिर क्या होगा?

सत्यमेव जयते!

दिल्ली विधानसभा में ईवीएम हैक करने के डेमो से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा था - सत्यमेव जयते. ये बात अलग है कि कपिल मिश्रा और केजरीवाल के अन्य विरोधी उनसे दो करोड़ कैश पर मौन तोड़ने की अपेक्षा कर रहे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक बार इन्हीं दो शब्दों का इस्तेमाल एक ट्वीट में किया था. तब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी रोहित वेमुला खुदकुशी मामले में घिरी थीं और प्रधानमंत्री ने संसद में उनके भाषण की क्लिप के साथ ये शाश्वत फ्रेज ट्वीट किया था. भला सत्यमेव जयते से इंकार किसे हो सकता है, फर्क बस इतने से पड़ता है कि सत्य वाकई किस तरफ है?

अपने ताजा ट्वीट में केजरीवाल ने ईवीएम को ही लेकर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह के एक ट्वीट पर रिएक्ट किया है.

यूपी चुनाव में हार के बाद ईवीएम पर मायावती ने सबसे पहले सवाल उठाया जिसे अखिलेश यादव ने भी एनडोर्स किया. उसके बाद मैदान में उतरे केजरीवाल ने अपने रिसर्च के आधार पर कुछ दलीलें भी पेश कीं. केजरीवाल ने दो उदाहरण पेश किये - एक पंजाब से और दूसरा महाराष्ट्र से. महाराष्ट्र से जिस मिसाल के दम पर केजरीवाल ने ईवीएम पर सवाल उठाये थे अब उसका दम निकल चुका है.

आप को मंजूर है चुनाव आयोग की चुनौती...

बतौर निर्दलीय उम्मीदवार बीएमसी चुनावों में हिस्सा लेने वाले श्रीकांत गणपत शिरसत ने 23 फरवरी को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद दावा किया था कि उन्हें अपने पोलिंग बूथ पर एक भी वोट नहीं मिला जिसमें उनका खुद का वोट भी शामिल था. श्रीकांत के दावे को आधार बनाते हुए केजरीवाल की दलील थी कि कम से कम उस उम्मीदवार का और उसकी पत्नी का वोट तो उसे मिलना चाहिये था, आखिर कहां गया?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट से मालूम हुआ है कि शिरसत का दावा तथ्यों से मेल नहीं खाता. महाराष्ट्र के उप चुनाव आयुक्त अविनाश टी सनस के हवाले से छपी इस रिपोर्ट के अनुसार श्रीकांत साकीनाका के वार्ड नंबर 164 से चुनाव लड़े थे. जांच में पता चला कि बतौर वोटर श्रीकांत का नाम दो पोलिंग बूथ पर दर्ज है, लेकिन दोनों में किसी भी बूथ पर उन्हें 'जीरो वोट' नहीं मिले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक श्रीकांत को 164 नंबर वार्ड से 44 वोट मिले हैं.

हैक करो तो जानें

चुनाव आयोग मीटिंग में हर पार्टी से तीन तीन लोगों को बुलाया था. इस सर्वदलीय बैठक में 7 राष्ट्रीय पार्टियों के अलावा 48 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों में से 35 के प्रतिनिधि शामिल हुए. मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के बाद आईआईटी से बुलाए गए आईटी एक्सपर्ट ने पार्टियों के नुमाइंदों को ईवीएम की पुख्ता सुरक्षा इंतजामों के बारे में बताया. प्रतिनिधियों को बोलने के लिए 5 मिनट का वक्त मिला था. इसमें बीजेपी से भूपेन्द्र यादव, जेडीयू से केसी त्यागी, आम आदमी पार्टी से मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज, एनसीपी से डीपी त्रिपाठी और बीएसपी से सतीश चंद्र मिश्र शामिल हुए.

चुनाव आयोग ने ये मीटिंग कांग्रेस, आप और बीएसपी सहित 16 पार्टियों की मांग पर बुलाई थी, लेकिन सभी एक राय नहीं दिखे. आप का जोर इस बात रहा कि ईवीएम के साथ VVPAT से चुनाव कराये जाएं तो बीएसपी बैलेट पेपर से चुनाव कराने के पक्ष में खड़ी हो गयी. जेडीयू के केसी त्यागी ने इन दोनों से अलग सिर्फ इतना कहा कि चुनाव आयोग विश्वास बहाल करे.

आयोग ने अब सभी दलों को चैलेंज किया है कि वो ईवीएम को हैक करके दिखाएं - और इसके लिए उन्हें दो दिन रविवार और सोमवार का वक्त दिया गया है.

अब सवाल ये है कि तब क्या होगा अगर EVM हैक करने में केजरीवाल की टीम नाकाम रही? जो भी सच का सामने आना और चाहे चुनाव आयोग हो या या कोई भी राजनीतिक दल - सभी का सच से सामना जरूरी है.

इन्हें भी पढ़ें :

केजरीवाल के नाम एक IIT के इंजीनियर का खुला पत्र

आखिर इस ईवीएम के बहाने कब तक ?

2019 का चुनाव मोबाइल पर लड़ा जाएगा या बैलट पेपर पर?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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