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आखिर क्या बदला सर्जिकल स्ट्राइक के बाद

    • राकेश चंद्र
    • Updated: 28 अक्टूबर, 2016 03:45 PM
  • 28 अक्टूबर, 2016 03:45 PM
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आज यानि अक्टूबर 28 को इस ऑपरेशन को एक महीना हो गया है, पिछले एक महीने के घटना क्रम को अगर देखा जाय तो स्थिति जस की तस बनी हुई है.

इस साल सितंबर में जब पाक समर्थित चार आतंकवादियों ने 18 सितंबर को उरी में आर्मी हेडक्वार्टर पर हमला किया, जिसमें 19 जवान शहीद हुए. 10 दिन बाद (28-29 सितंबर की रात) स्पेशल फोर्स के 125 कमांडो हेलिकॉप्टर से एलओसी के पास उतरे. कमांडो पाक अधिकृत कश्मीर में घुसे और 4 इलाकों में आतंकियों के 7 कैम्प तबाह कर दिए. इस दौरान 38 आतंकी मारे गए.

 आज सर्जिकल स्ट्राइक को एक महीना हो गया है

आज यानि अक्टूबर 28 को इस ऑपरेशन को एक महीना हो गया है, पिछले एक महीने के घटना क्रम को अगर देखा जाय तो स्थिति जस की तस बनी हुई है. भारत ने दावा किया कि पाक को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में अलग- थलग कर दिया गया है, लेकिन चीन भारत के रास्ते का रोड़ा बन गया, पाक को आतंकी राष्ट्र घोषित भी नहीं कराया जा सका. मसूद अजहर, हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगनाओं पर कार्रवाई नहीं हो सकी. वे पाकिस्तान में खुले आम उरी हमले के पोस्टर लगा कर यह बता रहे हैं कि हमला हमने किया. रूस ने भारत के अनुरोध के बाबजूद पाकिस्तान में संयुक्त युद्धाभ्यास किया.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में सरकार और सेना के खिलाफ लिखने के मायने...

इस साल सितंबर में जब पाक समर्थित चार आतंकवादियों ने 18 सितंबर को उरी में आर्मी हेडक्वार्टर पर हमला किया, जिसमें 19 जवान शहीद हुए. 10 दिन बाद (28-29 सितंबर की रात) स्पेशल फोर्स के 125 कमांडो हेलिकॉप्टर से एलओसी के पास उतरे. कमांडो पाक अधिकृत कश्मीर में घुसे और 4 इलाकों में आतंकियों के 7 कैम्प तबाह कर दिए. इस दौरान 38 आतंकी मारे गए.

 आज सर्जिकल स्ट्राइक को एक महीना हो गया है

आज यानि अक्टूबर 28 को इस ऑपरेशन को एक महीना हो गया है, पिछले एक महीने के घटना क्रम को अगर देखा जाय तो स्थिति जस की तस बनी हुई है. भारत ने दावा किया कि पाक को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में अलग- थलग कर दिया गया है, लेकिन चीन भारत के रास्ते का रोड़ा बन गया, पाक को आतंकी राष्ट्र घोषित भी नहीं कराया जा सका. मसूद अजहर, हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगनाओं पर कार्रवाई नहीं हो सकी. वे पाकिस्तान में खुले आम उरी हमले के पोस्टर लगा कर यह बता रहे हैं कि हमला हमने किया. रूस ने भारत के अनुरोध के बाबजूद पाकिस्तान में संयुक्त युद्धाभ्यास किया.

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  हमारी सेना ने बड़ी ही कुशलता और अदम्य साहस के साथ इस अभियान को पूरा किया

कुल मिलाकर अगर देखा जाय तो यह एक कुशल सैन्य अभियान था जो कि हमारी सेना ने बड़ी ही कुशलता, अदम्य साहस के साथ किया, और दुनिया को बताया की भारत अब पाकिस्तान की नापाक हरकतों को सहन नहीं करेगा. प्रधानमंत्री जी को भी इसका श्रेय जाता है जिन्होंने अपनी देखरेख में इस अभियान को पूरा करवाया. लेकिन इसका राजनैतिक श्रेय किसी पार्टी विशेष को नहीं देना चाहिए. अगर श्रेय किसी है तो वह है सेना और सिर्फ सेना तथा  सेना के वे  वीर सैनिक को जिन्होंने इस अभियान को मंजिल तक पहुंचाया.

ये भी पढ़ें- सर्जिकल स्ट्राइक पर सियासी सिर फुटौव्वल में पीछे छूटा देश

भारत पाकिस्तान बॉर्डर

भारत पाकिस्तान बॉर्डर की अगर बात करें तो स्थिति जस की तस बनी हुई है. रोज सीजफायर का उल्लंघन हो रहा है. अब तक लगभग 43 बार सीजफायर का उल्लंघन हो चुका है, दोनों ओर कैसुअलटीज भी हुई हैं. सर्जिकल स्ट्राइक' के बाद पाकिस्तान से लगी सीमावर्ती गांव के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया हमले के बाद गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार ने नियंत्रण रेखा से लगे 10 किलोमीटर सीमा क्षेत्र तक के गांवों को खाली करने का आदेश जारी किया था. आज भी वे लोग बंकरों के सहारे जी रहे हैं .

क्या क्या कहा था भारत ने

सार्क सम्मलेन टल गया, लेकिन भारत पाकिस्तान व्यापार, बस सर्विस, ट्रैन सर्विस, उड़ाने ,सभी जारी हैं. भारत ने पाकिस्तान को धमकी दी थी की यदि पाकिस्तान नहीं सुधरा तो भारत को  सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. लेकिन हुवा कुछ नहीं केवल कोरी धमकी. मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीनने की बात की गई लेकिन वह भी हवा हवाई साबित हुई . गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान को 1999 में मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था.

कहां हुआ असर: माया नगरी पर सर्जिकल स्ट्राइक का असर

एमएनएस ने पाकिस्तानी कलाकारों को 48 घंटे में देश छोड़ने की धमकी दी. जिसका असर हुआ कि पाकिस्तान के कलाकार जो माया नगरी मुम्बई में भारतीय फिल्मों में काम कर रहे थे उन्हें पाकिस्तान जाना पड़ा. यह एक मात्र इंडस्ट्री थी जिस पर प्रत्यक्ष रूप में सर्जिकल स्ट्राइक का असर हुआ .

ये भी पढ़ें- राजनीतिक चक्रव्यूह में सर्जिकल स्ट्राइक

सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनैतिक किच-किच

पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक करने का मनोहर पर्रिकर का दावा सवालों में घिर गया जब फॉरेन सेक्रेटरी एस जयशंकर ने पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने यह माना कि आर्मी पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई करती रही है, लेकिन सरकार ने इस दफा इसे पहली बार पब्लिक किया है.

बीजेपी को लगा शायद यही एक मुद्दा है जिसका फायदा पार्टी आगामी विधान सभा चुनावों में उठा सकती हैं सो शुरू हो गया डुगडुगी का खेल , लगने लगे पंजाब और उत्तर प्रदेश में सर्जिकल स्ट्राइक की श्रेय लेने वाले पोस्टर. प्रधान मंत्री ने भी इस मसले पर जहा भी गए सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र नहीं छोड़ा. तो खेल में कांग्रेस और आप भी कहा पीछे रहने वाले, तो शुरू हो गया बयानबाजी का दौर. कांग्रेस के संजय निरुपम ने सबसे पहले सर्जिकल स्ट्राइक की वीडियो सार्वजनिक करने की सरकार से अपील की . कांग्रेस के संजय निरुपम ने सबसे पहले सर्जिकल स्ट्राइक की वीडियो सार्वजनिक करने की सरकार से अपील की .

राहुल गांधी पल में मासा पल में तोला

पहले तो राहुल ने मोदी की प्रशंसा की और कहा  ''मोदी ने ढाई साल में पहली बार पीएम जैसा काम किया.'' लेकिन मौके की नजाकत को समझते हुए तुरंत बयान बदल डाला और कहा  “जो हमारे जवान हैं. जिन्होंने अपना खून दिया है जम्मू-कश्मीर में. जिन्होंने हिंदुस्तान के लिए सर्जिकल स्ट्राइक किया है. उनके खून के पीछे आप छुपे हुए हो. उनकी आप दलाली कर रहे हो. ये बिल्कुल गलत है. हिंदुस्तान की सेना ने हिंदुस्तान का काम किया है. आप अपना काम कीजिए” इस वक्तव्य पर जब राहुल गांधी की आलेचना हुई तो राहुल ने ट्वीट कर सफाई में कहा, ''मैं सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के सपोर्ट में हूं. इसकी निंदा नहीं करता हूं, लेकिन राजनीतिक पोस्टरों में सेना का इस्तेमाल गलत है.''

ये भी पढ़ें- कहीं महंगी न पड़ जाए सेना और सैनिकों पर राजनीति

क्या कहा केजरीवाल ने

''पाक के अंदर घुसकर आतंकी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया. इसके लिए सेना को बधाई देता हूं. पीएम के साथ मेरे 100 मसलों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर पीएम ने जो इच्छाशक्ति दिखाई, उसके लिए मैं उन्हें सैल्यूट करता हूं''

''सेना की कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला गया है। वे गंदी राजनीति पर उतर आए हैं। इंटरनेशनल जर्नलिस्ट्स को बॉर्डर पर ले जाकर बता रहे हैं कि देखो, सर्जिकल स्ट्राइक तो हुआ ही नहीं. मेरी पीएम से अपील है कि सबूत देकर पाकिस्तान के झूठे कैम्पेन को बेनकाब करें.''

खून की दलाली वाले बयान को गलत बताया. केजरीवाल ने कहा ''सेना की शहादत को खून की दलाली बोला है, ये ठीक नहीं है, हम इसकी आलोचना करते हैं. मैं कह चुका हूं कि यह समय ऐसा है जब सरहद पर तनाव है. हमें मतभेद दूर करके सेना के साथ खड़े रहना चाहिए. मोदी देश की सुरक्षा के लिए जो भी कदम उठा रहे हैं उसमें उनका साथ देना चाहिए.''

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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