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जानिए किसने तैयार किया GST

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 02 जुलाई, 2017 07:21 PM
  • 02 जुलाई, 2017 07:21 PM
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क्या आप जानते हैं कि जीएसटी की लॉन्चिंग किसी एक इंसान के बस की बात नहीं थी, ये पूरी टीम की मेहनत का नतीजा है. इन सूरमाओं की वजह से मोदी का ये सपना साकार हो पाया.

1 जुलाई से भारत में जीएसटी आ चुका है. लोग अभी भी इसे समझने की कोशिश में लगे हैं. कई चीजें महंगी हुईं और कुछ सस्ती. लेकिन क्या आपको पता है किस चीज पर कितना टैक्स लगाना है इसके पीछे किन लोगों का हाथ है. मोदी ने कुछ लोगों की टीम बनाई थी जिन लोगों ने जीएसटी तैयार किया.

जीएसटी लागू हो पाना इतना भी आसान नहीं था. जीएसटी लागू हो पाने की राह में न केवल कई रोड़े सामने आए बल्कि विपक्ष के विरोध के साथ सरकार को उसके कुतर्कों का भी जवाब देना पड़ा. जीएसटी की लॉन्चिंग किसी एक इंसान के बस की बात नहीं थी, ये पूरी टीम की मेहनत का नतीजा है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर कौन हैं मोदी सरकार के वो सूरमा जिनकी बदौलत सरकार का जीएसटी को सपना हो सका साकार.

नवीन कुमार

नवीन कुमार गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क के चेयरमैन रह चुके हैं और पूर्व में बिहार के चीफ सेक्रटरी भी रहे हैं. उन्हें वित्तीय मामलों की अच्छी समझ है. उन्होंने जीएसटी के तकनीकी प्लैटफॉर्म को विकसित करने का काम किया.

अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली पिछले तीन सालों में जीएसटी से सम्बंधित सभी कानूनी पेंचों को ठीक करने में लगे हुए थे. जिसमें से एक संविधान संशोधन भी है. जेटली ने जीएसटी काउंसिल के पहले चेयरमैन के तौर पर सभी फैसलों पर राज्यों की आम सहमति बनाने की का काम किया.

शक्तिकांत दास

1 जुलाई से भारत में जीएसटी आ चुका है. लोग अभी भी इसे समझने की कोशिश में लगे हैं. कई चीजें महंगी हुईं और कुछ सस्ती. लेकिन क्या आपको पता है किस चीज पर कितना टैक्स लगाना है इसके पीछे किन लोगों का हाथ है. मोदी ने कुछ लोगों की टीम बनाई थी जिन लोगों ने जीएसटी तैयार किया.

जीएसटी लागू हो पाना इतना भी आसान नहीं था. जीएसटी लागू हो पाने की राह में न केवल कई रोड़े सामने आए बल्कि विपक्ष के विरोध के साथ सरकार को उसके कुतर्कों का भी जवाब देना पड़ा. जीएसटी की लॉन्चिंग किसी एक इंसान के बस की बात नहीं थी, ये पूरी टीम की मेहनत का नतीजा है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर कौन हैं मोदी सरकार के वो सूरमा जिनकी बदौलत सरकार का जीएसटी को सपना हो सका साकार.

नवीन कुमार

नवीन कुमार गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क के चेयरमैन रह चुके हैं और पूर्व में बिहार के चीफ सेक्रटरी भी रहे हैं. उन्हें वित्तीय मामलों की अच्छी समझ है. उन्होंने जीएसटी के तकनीकी प्लैटफॉर्म को विकसित करने का काम किया.

अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली पिछले तीन सालों में जीएसटी से सम्बंधित सभी कानूनी पेंचों को ठीक करने में लगे हुए थे. जिसमें से एक संविधान संशोधन भी है. जेटली ने जीएसटी काउंसिल के पहले चेयरमैन के तौर पर सभी फैसलों पर राज्यों की आम सहमति बनाने की का काम किया.

शक्तिकांत दास

मोदी सरकार के शासन में आने के बाद से ही पूर्व रेवेन्यू और इकॉनमिक अफेयर्स सेक्रटरी शक्तिकांत दास जीएसटी लागू करने की तैयारी कर रहे थे. इसके लिए वह जेटली और संसदीय कमिटी के साथ मिलकर इस काम में जुटे थे. दास ने राज्यों से बात करके सभी परेशानियों को दूर किया और बिल का ड्राफ्ट तैयार किया.

नजीब शाह

नजीब शाह सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज ऐंड कस्टम्स के चेयरमैन रह चुके है, जब सरकार ने जीएसटी की नींव डालने के बारे में भी विचार नहीं किया था तब उन्होंने ये प्लान पेश करते हुए एक सूत्रधार की तरह काम किया. उन्होंने जीएसटी के वर्तमान स्वरूप को निर्धारित करने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.

हसमुख अधिया

रेवेन्यू सेक्रटरी हसमुख अधिया ने जीएसटी को कामयाब बनाने के लिए सभी सरकारी एजेंसियों, कारोबारी और औद्योगिक संगठनों के संपर्क किया और उनके परेशानियां जान कर उन्हें दूर करने की कोशिश की.

वनजा सरना

सीबीईसी की चेयरपर्सन वनजा सरना ने अप्रैल से ही उस एजेंसी की अध्यक्षता की जिसे मोदी सरकार ने जीएसटी को सफल बनाने का जिम्मा सौंपा था.

अरुण गोयल

जीएसटी काउंसिल के अडिशनल सेक्रटरी अरुण उत्तराखंड कैडर के आईएएस अफसर हैं. अरुण गोयल को जीएसटी से जुड़े नियम-कायदों का विशेषज्ञ माना जाता है.

उपेंद्र गुप्ता

सीबीईसी के कमिश्नर उपेंद्र गुप्ता पर जीएसटी के तकनीकी पक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, जब कोई तकनीकी दिक्कत या परेशानी होती थी तो वो उसे सुलझा देते थे.

उदय सिंह

राजस्व विभाग के जॉइंट सेक्रटरी उदय सिंह अपनी टीम के साथ जीएसटी से संलंग्न कानून और नियमों पर मेहनत करते रहे.

आलोक शुक्ला और अमिताभ कुमार

आलोक शुक्ला और अमिताभ कुमार दोनों ही सीबीईसी के टैक्स रिसर्च यूनिट के जॉइंट सेक्रटरी हैं. इन दोनों ने जीएसटी के टैक्स रेट और इनडायरेक्ट टैक्स पर काम किया और प्रॉडक्ट और सर्विस से संबंधित टैक्स स्लैब तैयार किया. इस सभी की महनत से मोदी का भारत में जीएसटी लाने का सपना पूरा हुआ. इन सभी लोगों ने पर्दे के पीछे रहकर काम किया. जिससे 1 जुलाई को सक्सेसफुली जीएसटी भारत में आ गया.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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