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फिर हमारे जवान शहीद हो गए...लेकिन आखिर कब तक ?

    • शुभम गुप्ता
    • Updated: 18 सितम्बर, 2016 03:06 PM
  • 18 सितम्बर, 2016 03:06 PM
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आज सारा देश ट्वीटर और फेसबुक पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा है मगर वो भी सिर्फ आज या कल तक. कल को फिर कोई दूसरी खबर आएगी और देश सब कुछ भूल जाएगा. क्या हमारे जवान ऐसे ही शहीद होते रहेंगे और हम बस श्रद्धांजलि देंगे?

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कल ही एक टीवी डिबेट में कहा- शुरुआत से ही भारत , पाकिस्तान का दुश्मन है. और ज़रुरत पढ़ने पर पाकिस्तान, भारत पर परमाणु हमला कर सकता है. और देखिये आज आंतकी हमले को अंजाम भी दे दिया!

आज एक बार फिर सुबह करीब साढ़े पांच बजे ख़बर आई कि जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में स्थित सैन्य बेस पर आतंकी हमला हो गया. शुरुआत में ऐसी कोई ख़बर नही आई कि जवान शहीद हुए हैं. मगर जैसे जैसे समय बितता गया शहींदों की संख्या भी बढ़ती गई. 4 आतंकी मारने की खबर भी आई. मगर दुख तो इस बात से है कि कि हमारे 17 जवान शहीद हो गए.

यह भी पढ़ें- क्या है जो भारत को रोकता है ओसामा जैसा ऑपरेशन करने के लिए?

ऐसा नहीं है कि कश्मीर में ये हमला अचानक है. 2015-2016 में ही लगभग 75-80 जवान शहीद हो चुके हैं. मगर आर्मी बेस पर ये आतंकी हमला इस बार बेहद कायरता वाला रहा. हमलावरों ने सुबह 5 बजे सैन्य बेस पर हमला कर दिया. जहां हमारे जवान सो रहे थे. आतंकीयों ने ग्रेनेड फेंक कर हमला किया जिसके कारण टैंट में आग लग गई और हमारे कई जवान जिंदा जल गए.

 एक और आतंकी हमला..सरकार एक्शन कब लेगी

ज़रा सोचिए क्या हालात रहे होंगे उस पल जब अचानक से हमारे जवान जल रहे होंगे. इस बात की पुष्टी स्वयं सेना ने की है.

याद कीजिए, जब पठानकोट एयरबेस पर हमला हुआ था तब भी सुबह का ही वक्त...

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कल ही एक टीवी डिबेट में कहा- शुरुआत से ही भारत , पाकिस्तान का दुश्मन है. और ज़रुरत पढ़ने पर पाकिस्तान, भारत पर परमाणु हमला कर सकता है. और देखिये आज आंतकी हमले को अंजाम भी दे दिया!

आज एक बार फिर सुबह करीब साढ़े पांच बजे ख़बर आई कि जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में स्थित सैन्य बेस पर आतंकी हमला हो गया. शुरुआत में ऐसी कोई ख़बर नही आई कि जवान शहीद हुए हैं. मगर जैसे जैसे समय बितता गया शहींदों की संख्या भी बढ़ती गई. 4 आतंकी मारने की खबर भी आई. मगर दुख तो इस बात से है कि कि हमारे 17 जवान शहीद हो गए.

यह भी पढ़ें- क्या है जो भारत को रोकता है ओसामा जैसा ऑपरेशन करने के लिए?

ऐसा नहीं है कि कश्मीर में ये हमला अचानक है. 2015-2016 में ही लगभग 75-80 जवान शहीद हो चुके हैं. मगर आर्मी बेस पर ये आतंकी हमला इस बार बेहद कायरता वाला रहा. हमलावरों ने सुबह 5 बजे सैन्य बेस पर हमला कर दिया. जहां हमारे जवान सो रहे थे. आतंकीयों ने ग्रेनेड फेंक कर हमला किया जिसके कारण टैंट में आग लग गई और हमारे कई जवान जिंदा जल गए.

 एक और आतंकी हमला..सरकार एक्शन कब लेगी

ज़रा सोचिए क्या हालात रहे होंगे उस पल जब अचानक से हमारे जवान जल रहे होंगे. इस बात की पुष्टी स्वयं सेना ने की है.

याद कीजिए, जब पठानकोट एयरबेस पर हमला हुआ था तब भी सुबह का ही वक्त था. यानी कि आतंकी अंधेरे का फायदा उठाते है. पठानकोट हमले भी में भी 7 जवान शहीद हो गए थे. तब भी देश ने प्रधानमंत्री मोदी से जवाब मांगा बदले में हुआ यही कि पाकिस्तान से ही एनआईए की टीम जांच के लिये आई और पाकिस्तान को क्लीन चीट देकर चली गई. क्या भारत सिर्फ ऐसे ही करता रहेगा. क्या 56 इंच का सीना रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी कभी कुछ कर पाएगें ? प्रधानमंत्री का एक ट्वीट है जब 2013 में आतंकी हमला हुआ था...

आज के प्रधानमंत्री तब केंद्र सरकार से पूछ रहें है कि आप कब कार्यवाई करेंगे? तो अब तो आप की सरकार है. आपने सिवाय ये बोलने के एक्शन लेंगे, उसके अलावा क्या किया? जब 2013 में आंतकी हमारे सैनिकों का सिर काट कर ले गए थे तब कहा कि हमारी सरकार आई तो एक सर के बदले 10 सर लाएगें. आज हमारे 17 जवानों को जिंदा जला दिया गया. लेकिन आज भी सिर्फ ट्वीट के अलावा कुछ नही!

यह भी पढ़ें- आतंकियों को मिटाने के लिए भारत को इजराइल बन जाने की जरूरत

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कल एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान अगर ज़रुरत पड़ा तो भारत पर परमाणु हमला कर सकता है. और आज ही पाकिस्तान ने आतंकी हमले को अंजाम दे दिया. अब हमलावर अमेरिका से तो आए नहीं होंगे. पाकिस्तान से ही आए थे. तो प्रधानमंत्री जी पाकिस्तान तो परमाणु हमले की बात कर रहा है. आप क्या नवाज़ शरीफ से दोस्ती ही निभाते रहेंगे? या फिर कोई मुंह तोड़ जवाब भी दिया जाएगा पाकिस्तान को. इंतज़ार है उस पल का.

आज सारा देश ट्वीटर और फेसबुक पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा है मगर वो भी सिर्फ आज या कल तक. कल को फिर कोई दूसरी खबर आएगी और देश सब कुछ भूल जाएगा. मगर अब भारत को कोई एक्शन लेना ही होगा. वरना हमारे जवान शहीद होते रहेंगे और हम बस श्रद्धांजलि व्यक्त करते रहेंगे.

यह भी पढ़ें- तो क्या जवान सिर्फ शहीद होने के लिये बने हैं?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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