• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

बनारस में एक निर्णायक रोड शो की दिलचस्‍प होड़ !

    • आईचौक
    • Updated: 24 फरवरी, 2017 09:34 PM
  • 24 फरवरी, 2017 09:34 PM
offline
यूपी चुनाव में आखिरी दो दौर से पहले चुनाव प्रचार काफी दिलचस्प हो गया है. बीजेपी आलाकमान बनारस में डेरा डाले हुए हैं तो निगाहें राहुल गांधी और अखिलेश यादव के रोड शो पर भी लगी हैं.

यूपी चुनाव में आखिरी दो दौर से पहले चुनाव प्रचार काफी दिलचस्प हो गया है. ये दो दौर 4 और 8 मार्च हैं जब पूर्वांचल में वोट डाले जाने हैं. बीजेपी आलाकमान बनारस में डेरा डाले हुए हैं तो निगाहें राहुल गांधी और अखिलेश यादव के रोड शो पर भी लगी हैं.

27 फरवरी से लेकर 6 मार्च तक के कार्यक्रमों की तारीख भी बताई जा चुकी है. फिर भी सस्पेंस बना हुआ है - कहीं इस बार भी अखिलेश और राहुल का रोड शो टल तो नहीं जाएगा? क्या प्रधानमंत्री की प्रस्तावित रैली और अमित शाह का रोड शो भी उसी दिन होगा जो बताया गया है?

तारीख पर तारीख

चुनावी मुहिम के हाइटेक दौर में हर पार्टी विरोधियों की गतिविधियों पर बारीक नजर रखती है. एक एक कार्यक्रम घंटों की माथापच्ची के बाद काफी सोच विचार कर तैयार की जाती है. अगर एक ने शह दिया तो उसे किस तरीके से जल्द से मात देने के लिए घेरेबंदी की जाये, सभी का इसी बात पर जोर होता है.

राहुल गांधी और अखिलेश यादव का रोड शो बनारस में 11 फरवरी को होना था, लेकिन किन्हीं वजहों से टल गया. कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार चाहते हैं कि जिस दिन भी मतदान हो दोनों को हर घर में टीवी स्क्रीन पर साथ नजर आना चाहिये.

साथ दिखना जरूरी है...

जब बनारस का कार्यक्रम टल गया तो लखनऊ में प्रोग्राम बना - और बताया गया कि दोनों पार्टियां साथ मिल कर क्या क्या करने वाली हैं.

फिर बनारस के लिए नई तारीख आई - 27 फरवरी. अब इस तारीख पर भी सस्पेंस खड़ा हो गया है. बनारस में कार्यकर्ता कुछ अंदाजा नहीं लगा पा रहे. इस बार पक्का होगा? और ऐसी खामोशी छा जाती है जैसे 'नो कमेंट्स' भी कहना भारी पड़ रहा हो.

ऐसी भी कोई वजह नहीं कि वहां अमेठी या रायबरेली की तरह गठबंधन के साथियों में भी फ्रेंडली मैच चल रहा हो.

हर...

यूपी चुनाव में आखिरी दो दौर से पहले चुनाव प्रचार काफी दिलचस्प हो गया है. ये दो दौर 4 और 8 मार्च हैं जब पूर्वांचल में वोट डाले जाने हैं. बीजेपी आलाकमान बनारस में डेरा डाले हुए हैं तो निगाहें राहुल गांधी और अखिलेश यादव के रोड शो पर भी लगी हैं.

27 फरवरी से लेकर 6 मार्च तक के कार्यक्रमों की तारीख भी बताई जा चुकी है. फिर भी सस्पेंस बना हुआ है - कहीं इस बार भी अखिलेश और राहुल का रोड शो टल तो नहीं जाएगा? क्या प्रधानमंत्री की प्रस्तावित रैली और अमित शाह का रोड शो भी उसी दिन होगा जो बताया गया है?

तारीख पर तारीख

चुनावी मुहिम के हाइटेक दौर में हर पार्टी विरोधियों की गतिविधियों पर बारीक नजर रखती है. एक एक कार्यक्रम घंटों की माथापच्ची के बाद काफी सोच विचार कर तैयार की जाती है. अगर एक ने शह दिया तो उसे किस तरीके से जल्द से मात देने के लिए घेरेबंदी की जाये, सभी का इसी बात पर जोर होता है.

राहुल गांधी और अखिलेश यादव का रोड शो बनारस में 11 फरवरी को होना था, लेकिन किन्हीं वजहों से टल गया. कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार चाहते हैं कि जिस दिन भी मतदान हो दोनों को हर घर में टीवी स्क्रीन पर साथ नजर आना चाहिये.

साथ दिखना जरूरी है...

जब बनारस का कार्यक्रम टल गया तो लखनऊ में प्रोग्राम बना - और बताया गया कि दोनों पार्टियां साथ मिल कर क्या क्या करने वाली हैं.

फिर बनारस के लिए नई तारीख आई - 27 फरवरी. अब इस तारीख पर भी सस्पेंस खड़ा हो गया है. बनारस में कार्यकर्ता कुछ अंदाजा नहीं लगा पा रहे. इस बार पक्का होगा? और ऐसी खामोशी छा जाती है जैसे 'नो कमेंट्स' भी कहना भारी पड़ रहा हो.

ऐसी भी कोई वजह नहीं कि वहां अमेठी या रायबरेली की तरह गठबंधन के साथियों में भी फ्रेंडली मैच चल रहा हो.

हर चाल पर नजर

बनारस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली 3 मार्च को प्रस्तावित है - और अमित शाह का रोड शो 6 मार्च को. 8 मार्च को बनारस में चुनाव होने हैं. आखिरी दौर की तैयारियों को लेकर अमित शाह पूरे अमले के साथ बनारस में डेरा डाले हुए हैं. जहां तक रैली और रोड शो का सवाल है वो भी आखिर में ही कंफर्म किया जाएगा, पत्रकारों को पार्टी सूत्रों से भी ऐसा ही जवाब मिल रहा है.

पूरे पूर्वांचल पर निगाह...

माना जा रहा है कि ये आखिरी दौर में लोगों से अपनी बात कहने और कनेक्ट होने की कवायद है - और इसीलिए पहले तुम, पहले तुम का गेम चल रहा है. कोई किसी को मौका भी नहीं देना चाहता.

बीजेपी की कोशिश है कि चुनाव से पहले बड़ा कार्यक्रम उसके नेताओं की हो. निश्चित तौर पर समाजवादी गठबंधन भी इसी ताक में होगा. खासकर प्रशांत किशोर क्योंकि यही तो उनकी खूबी है.

अब 27 फरवरी को राहुल और अखिलेश रोड शो करते हैं तो उनका कार्यक्रम बीजेपी के कार्यक्रमों से पहले हो जाएगा. बीजेपी के दोनों कार्यक्रम इस तरह रखे गये हैं कि एक छठे चरण के चुनाव की पूर्व संध्या पर पड़े और दूसरा आखिरी दौर के चुनाव के लिए प्रचार के आखिरी दिन.

अब अगर राहुल-अखिलेश के रोड शो के लिए नयी तारीख सिर्फ एक ही बचती है - 4 मार्च. ये पीके के फॉर्मूले में भी फिट हो जाता है - वोटिंग के दिन दोनों साथ नजर आये.

इन्हें भी पढ़ें :

यूपी को छोड़िये, सोनिया को भी ये 'साथ' कितना पसंद है?

यूपी चुनाव प्रचार की 12 अहम बातें जो बड़ा इशारा हैं

'अच्छे दिन...' पर अखिलेश की जवाबदेही भी है और सवाल पूछने का हक भी

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲