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हिलेरी का लड़खड़ाना ट्रंप को मजबूत करता है !

    • आईचौक
    • Updated: 13 सितम्बर, 2016 04:42 PM
  • 13 सितम्बर, 2016 04:42 PM
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दिल्ली में अरविंद केजरीवाल खांसते-खांसते मुख्यमंत्री बन गए. उधर अमेरिका में हिलेरी क्लिंटन की खांसी पर डोनाल्ड ट्रंप बवाल काटते नहीं थक रहे. हिलेरी क्लिंटन का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वे लड़खड़ाती नजर आ रही हैं.

राजनीति वाकई दिलचस्प चीज है. जैसे इलाकों के बदलने और देश बदलने के साथ बोलचाल, रहन सहन और खान-पान तक बदल जाता है. राजनीति और उसे करने का ढंग भी बदल जाता है. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल खांसते-खांसते मुख्यमंत्री बन गए. उधर अमेरिका में हिलेरी क्लिंटन की खांसी पर डोनाल्ड ट्रंप बवाल काटते नहीं थक रहे.

ट्रंप ने ये ट्वीट कुछ ही दिन पहले किया था. जाहिर है, सवाल हिलेरी के स्वास्थ्य को लेकर उठाया गया. अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में स्वास्थ्य हमेशा से एक मुद्दा रहा है. शायद इसलिए हिलेरी क्लिंटन के लड़खड़ाने का वीडियो क्या वायरल हुआ, अमेरिकी सियासत में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं. चर्चा होने लगी है कि उन्हें निमोनिया हुआ है या कोई और गंभीर बीमारी है?

हिलेरी 9/11 की बरसी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में गईं थी. वहीं तबीयत थोड़ी खराब हुई तो कार्यक्रम को बीच में छोड़ कर उन्हें लौटना पड़ा. फुसफुसाहट तो तभी तेज हो गई थी लेकिन एक वायरल हुए वीडियो ने हंगामा और बढ़ दिया.

किसी शख्स ने इस वीडियो को ट्वीट किया जो देखते ही देखते वायरल हो गया. वीडियो में हिलेरी को हाथ पकड़ के उनके सहयोगी गाड़ी में बैठाते नजर आ रहे हैं. इस पूरे वीडियो में ये भी साफ दिखता है कि हिलेरी खुद से एक कदम भी हिल नहीं पा रहीं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिलेरी को गाड़ी में बैठाकर उनकी बेटी के घर ले जाया गया.

ये वीडियो भी देखिए..दूसरे एंगल से

अब दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल शख्स का इस तरह लड़खड़ाना बहस का मुद्दा तो बनेगा ही. हिलेरी भी इस बात से वाकिफ थी. शायद इसी कारण कुछ ही घंटों बाद हिलेरी बाहर आईं. पूरी...

राजनीति वाकई दिलचस्प चीज है. जैसे इलाकों के बदलने और देश बदलने के साथ बोलचाल, रहन सहन और खान-पान तक बदल जाता है. राजनीति और उसे करने का ढंग भी बदल जाता है. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल खांसते-खांसते मुख्यमंत्री बन गए. उधर अमेरिका में हिलेरी क्लिंटन की खांसी पर डोनाल्ड ट्रंप बवाल काटते नहीं थक रहे.

ट्रंप ने ये ट्वीट कुछ ही दिन पहले किया था. जाहिर है, सवाल हिलेरी के स्वास्थ्य को लेकर उठाया गया. अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में स्वास्थ्य हमेशा से एक मुद्दा रहा है. शायद इसलिए हिलेरी क्लिंटन के लड़खड़ाने का वीडियो क्या वायरल हुआ, अमेरिकी सियासत में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं. चर्चा होने लगी है कि उन्हें निमोनिया हुआ है या कोई और गंभीर बीमारी है?

हिलेरी 9/11 की बरसी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में गईं थी. वहीं तबीयत थोड़ी खराब हुई तो कार्यक्रम को बीच में छोड़ कर उन्हें लौटना पड़ा. फुसफुसाहट तो तभी तेज हो गई थी लेकिन एक वायरल हुए वीडियो ने हंगामा और बढ़ दिया.

किसी शख्स ने इस वीडियो को ट्वीट किया जो देखते ही देखते वायरल हो गया. वीडियो में हिलेरी को हाथ पकड़ के उनके सहयोगी गाड़ी में बैठाते नजर आ रहे हैं. इस पूरे वीडियो में ये भी साफ दिखता है कि हिलेरी खुद से एक कदम भी हिल नहीं पा रहीं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिलेरी को गाड़ी में बैठाकर उनकी बेटी के घर ले जाया गया.

ये वीडियो भी देखिए..दूसरे एंगल से

अब दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल शख्स का इस तरह लड़खड़ाना बहस का मुद्दा तो बनेगा ही. हिलेरी भी इस बात से वाकिफ थी. शायद इसी कारण कुछ ही घंटों बाद हिलेरी बाहर आईं. पूरी मुस्कुराहट के साथ, जैसे कुछ हुआ ही नहीं. एक बच्ची के साथ हंसते बतियाते उन्होंने फोटोग्राफर्स को तस्वीरें खींचने का भरपूर मौका दिया और ये भी कह गईं, 'मैं बिल्कुल ठीक हू्ं और न्यूयॉर्क का आज का दिन बेहद खूबसूरत है.'

लेकिन क्लिंटन का इतना भर कहना उन सभी सवालों का जवाब नहीं है जो उठ खड़े हुए हैं. डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थक पहले से हिलेरी के स्वास्थ्य को मुद्दा बनाने की कोशिश करते रहे हैं. ये और बात है खुद ट्रंप का स्वास्थ्य भी सवालों के घेरे में रहा है. वो भी अपनी पूरी मेडिकल रिपोर्ट सार्वजनित करने में कतराते रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चलेगा हेल्थ का 'ट्रंप कार्ड'?

अमेरिकी चुनावों में उम्मीदवार का स्वास्थ्य हमेशा से एक अहम मुद्दा रहा है. वहां चुनावों से पहले उम्मीदवारों द्वारा खुद अपनी मेडिकल रिपोर्ट जारी करने की परंपरा रही है. फिर चाहे जमाना 60 के दशक का रिचर्ड निक्सन का रहा हो या फिर रोलाल्ड रिगन या बिल क्लिंटन का. 1968 के चुनावी कैंपेन के दौरान न्यू यॉर्क टाइम्स ने एक खबर छापी कि निक्सन एक मनोचिकित्सक अरनॉल्ड हट्सनेकर की सेवाएं लेते रहे हैं. ऐसे ही 1984 के एक चुनावी कैंपेन के दौरान रोनाल्ड रेगन जब डेढ़ घंटे के टीवी डिबेट शो से बाहर निकले तो ये खबर चल पड़ी कि रेगन शो में थके हुए नजर आए. बाद में रेगन के डॉक्टर को बयान तक जारी करना पड़ा कि ऐसा कुछ नहीं है और रेगन पूरी तरह फिट हैं.

बहरहाल, बात हिलेरी की करें तो एक कहानी इन दिनों पश्चिमी मीडिया में छाई हुई है. एक डॉक्टर टेड नॉवेल ने टीवी चैनल नेक्सट न्यूज नेटवर्क पर दावा किया है कि क्लिंटन को पार्किंसन बीमारी है. वैसे टेड ने कभी भी हिलेरी का चेक अप या इलाज नहीं किया है. लेकिन टेड का दावा है कि उन्हें 36 साल का अनुभव है और पब्लिक डोमेन में हिलेरी के बारे में मौजूद सभी जानकारियों, तस्वीरों, वीडियो के आधार पर यह कह सकते हैं कि उन्हें गंभीर बीमारी है.

गौरतलब है कि पार्किंसन एक दिमागी बीमारी है जो धीरे-धीरे या कहें कि उम्र के साथ बढ़ती जाती है. इस बीमारी में रोगी के शरीर के अंग कंपन करते रहते हैं. चक्कर आना, बहुत देर खड़े होने में समस्या या फिर अपनी मूवमेंट पर कई बार नियंत्रण खो देना आदि इसके लक्षण हैं. पिछले हफ्ते हिलेरी एक भाषण के दौरान जब लगातार खांसती हुई नजर आईं तो भी उनकी फिटनेस को लेकर कई तरह की बातें कही गईं.

हिलेरी की जान को है खतरा!

हिलेरी के स्वास्थ्य के बारे में ठोस जानकारी मौजूद हैं, उसके मुताबिक वो एक बार 2012 में अपने बाथटब में बेहोश हो कर गिर गई थीं. फिर एमआरआई में ये बात सामने आई कि उनके दिमाग में खून का थक्का (ब्लॉड क्लॉट) जम गया है. ये बात खुद हिलेरी और उनके डॉक्टरों ने बताई थी. मशहूर मेडिकल प्रोफेसर डॉ. ड्रियू पिंस्की का दावा है कि हिलेरी सबकोर्टिकल वेस्‍कुलर डिमेंशिया से पीडि़त हैं, जिसका मरीज ज्यादा से ज्यादा पांच साल जीवित रहता है. और हिलेरी इस बीमारी की एडवांस स्टेज में पहुंच गई हैं और वे एक साल से ज्यादा जीवित नहीं रहेंगी.

पिछले ही महीने डोनाल्ड ट्रंप के एक सहयोगी जॉन जैगर्स ने कहा था कि क्लिंटन का स्वास्थ्य इतना खराब है कि वे राष्ट्रपति चुने जाने के एक साल के भीतर ही मर सकती हैं. जैगर्स ने कहा था कि हिलेरी अगस्त की गर्मी में भी कोर्ट पहन कर घूमती हैं. भला ऐसा कौन करता है. इसके पीछे एक बड़ा राज छिपा है. वो बहुत बीमार है और इस बात को ये लोग छिपा रहे हैं.

अब बात जो भी हो लेकिन सवाल है कि क्या वाकई हिलेरी की हालत इतनी नाजुक है? अगर हां तो डेमोक्रेटिक पार्टी उनमें अपनी पूरी उर्जा क्यों झोंक रही है? सवाल ये भी कि हिलेरी के बारे में जो कहानियां सामने आ रही हैं क्या उनमें सच्चाई है या ये बस विरोधियों का चुनावी कैंपेन भर है?



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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