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मोदी ने बनाया 2019 का 'विजय प्लान', जानिए

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 02 अप्रिल, 2017 05:12 PM
  • 02 अप्रिल, 2017 05:12 PM
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यूपी में धमाकेदार जीते के बाद मोदी ने 2019 चुनाव के लिए कमर कस ली है. उन्होंने विजय प्लान तैयार कर लिया है और विजय रथ को जारी रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश में लगे हैं.

यूपी जीतने के बाद बीजेपी जीत के रथ पर सवार है और मोदी बिलकुल नहीं चाहते कि किसी भी तरह ये विजय रथ रुके. इसके लिए पीएम मोदी ने 2019 के लिए फ्यूचर प्लानिंग शुरू कर दी है. बता दें, 2018 और 2019 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव हैं. ऐसे में मोदी ने अभी से कमर कस ली है.

यूपी में शानदार जीत के बाद पीएम मोदी ने सभी बीजेपी सांसदों को चुनाव की तैयारी के निर्देश दे दिए हैं. मोदी का अब पूरा फोकस आने वाले चुनावों पर है. आइए जानते लोकसभा और विधानसभा चुनावों में क्या है मोदी की प्लानिंग...

मोबाइल फोन से लड़ेंगे चुनाव

पीएम मोदी का जीत का फॉर्मूला होगा मोबाइल फोन. जी हां, 2019 का चुनाव बीजेपी मोबाइल फोन पर लड़ेगी. मोदी का मानना है कि युवाओं तक पहुंचने के लिए मोबाइल सबसे अच्छा माध्यम है. पीएम मोदी ने गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश के सांसदों से मुलाकात की और बता दिया कि अब समय के साथ सियासत भी बदल चुकी है.

मोदी ने सांसदों से फ्यूचर प्लानिंग की और बोला कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के कनेक्ट रहें और मोबाइल फोन को 2019 में होने वाले चुनावों में अपना हथियार बनाएं. पीएम मोदी का कहना है कि सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सरकार के कामों को मोबाइल के जरिेए पहुंचाना है और सांसदों से यह भी कहा है कि वो सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहें.

लगातार जारी है मोदी की मीटिंग

यूपी चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी लगातार कभी कार्यकर्ताओं से तो कभी सांसदों से मीटिंग कर रहे हैं. अमित शाह से लेकर पीएम मोदी आने वाले विधानसभा और लोकसभा...

यूपी जीतने के बाद बीजेपी जीत के रथ पर सवार है और मोदी बिलकुल नहीं चाहते कि किसी भी तरह ये विजय रथ रुके. इसके लिए पीएम मोदी ने 2019 के लिए फ्यूचर प्लानिंग शुरू कर दी है. बता दें, 2018 और 2019 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव हैं. ऐसे में मोदी ने अभी से कमर कस ली है.

यूपी में शानदार जीत के बाद पीएम मोदी ने सभी बीजेपी सांसदों को चुनाव की तैयारी के निर्देश दे दिए हैं. मोदी का अब पूरा फोकस आने वाले चुनावों पर है. आइए जानते लोकसभा और विधानसभा चुनावों में क्या है मोदी की प्लानिंग...

मोबाइल फोन से लड़ेंगे चुनाव

पीएम मोदी का जीत का फॉर्मूला होगा मोबाइल फोन. जी हां, 2019 का चुनाव बीजेपी मोबाइल फोन पर लड़ेगी. मोदी का मानना है कि युवाओं तक पहुंचने के लिए मोबाइल सबसे अच्छा माध्यम है. पीएम मोदी ने गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश के सांसदों से मुलाकात की और बता दिया कि अब समय के साथ सियासत भी बदल चुकी है.

मोदी ने सांसदों से फ्यूचर प्लानिंग की और बोला कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के कनेक्ट रहें और मोबाइल फोन को 2019 में होने वाले चुनावों में अपना हथियार बनाएं. पीएम मोदी का कहना है कि सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सरकार के कामों को मोबाइल के जरिेए पहुंचाना है और सांसदों से यह भी कहा है कि वो सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहें.

लगातार जारी है मोदी की मीटिंग

यूपी चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी लगातार कभी कार्यकर्ताओं से तो कभी सांसदों से मीटिंग कर रहे हैं. अमित शाह से लेकर पीएम मोदी आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए अभी से सक्रिय हो गए हैं. वो लगातार बैठक और चुनाव के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं. पीएम यह मीटिंग कर सांसदों को अपनी प्राथमिकताएं भी बता रहे हैं.

उनका संदेश यही है कि युवाओं को पता चले कि मोदी सरकार ने सत्ता के बाद क्या-क्या काम किए. कैसे उनकी सरकार ने मॉर्डन इंडिया का मॉडल तैयार किया. गरीबों और पिछड़ी जातियों के लिए कैसा काम हुआ. मोदी हर तरह से लोगों को बीजेपी के साथ खड़े रहने के लिए हर तरह की कोशिश कर रहे हैं.

विपक्ष की गलती का इंतजार

यूपी चुनाव में अखिलेश के गुजरात के गधे वाले बयान को पीएम मोदी ने पूरे चाव में खूब भुनाया था. जिसके बाद अखिलेश की काफी खिल्ली उड़ी थी. उस बयान के बाद पीएम मोदी के हर भाषण में अखिलेश और राहुल गांधी का मजाक बनाया जाता रहा. नतीजा सबसे सामने है. यूपी में भाजपा एकतरफा आई.

अब फिर पीएम मोदी को इंतजार होगा कि विपक्ष कोई गलती करे जिसका वो उसी तरह से जवाब दें. पीएम ने कार्यकर्ताओं और नेताओं को कहा है कि जनता के पास वही जानकारी जाए जो सही है. चुनाव के वक्त विपक्ष ऐसे-ऐसे झूठे आरोप और अफवाहें फैलाएगी जिससे सरकार को नुकसान हो और उनको फायदा हो.

मोदी की तैयारियां फिलहार जारी हैं... और तब तक जारी रहेंगी जब तक 2019 का चुनाव खत्म न हो जाए. अब ये देखना होगा कि बीजेपी और आगे क्या रणनीति बनाती है. जिससे उनका सपना (कांग्रेस मुक्त भारत) पूरा हो.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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