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वॉर रूम में मोदी....मगर क्या होगी वॉर?

    • आलोक रंजन
    • Updated: 22 सितम्बर, 2016 03:04 PM
  • 22 सितम्बर, 2016 03:04 PM
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पाकिस्तान को चारों तरफ से घेरने के लिए मोदी सरकार कूटनीति से लेकर सैन्य विकल्पों पर लगातार काम कर रही है

उरी आतंकी हमले को बीते हुए करीब चार दिन हो गए हैं. भारत में गुस्सा उबाल पर है. हमले के बाद से ही भारत ने इस मामले में सख्ती दिखाई है. लोगों का मानना है की अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए. 18 सितम्बर उरी हमले के बाद से ही भारत सरकार के कई उच्चस्तरीय मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई बैठकें की हैं और ताजा हालात का जायजा उन्हें सौपा है. इन सब घटनाक्रमों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई घंटे साउथ ब्लॉक में स्थित रक्षा मंत्रालय के सुपर सीक्रेट वॉर रूम में बिताए.  

वे 20 सितम्बर को देर रात तक इस वॉर रूम में रहे. उस समय प्रधानमंत्री के साथ एनएसए अजीत डोभाल और भारत के तीनों सेना प्रमुख मौजूद थे. ये वॉर रूम, रक्षा मंत्रालय की बिल्डिंग में स्थित है. यहीं से सेना की सुरक्षा से जुड़ी हलचल पर नजर रखी जाती है. युद्ध की स्थिति में यही जगह कंट्रोल रूम की तरह काम करती है.

ये भी पढ़ें-आखिर कब दिया जायेगा पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब ?

 राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल साथ प्रधानमंत्री मोदी

यहां पर प्रधानमंत्री को वर्तमान परिस्थिति का सारा जायजा दिया गया. उनको मैप, पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन और सैंड मॉडल के द्वारा भारतीय सेना की तैयारियों की जानकारी दी गई. उन्हें बताया गया की कैसे भारत उरी अटैक का बदला ले सकता है. पाकिस्तान में स्थित टेरर कैंप कहां पर और भारत से कितनी दूरी पर स्थित हैं. भारत इन आतंकी ठिकानों को कैसे खत्म कर सकता है. साथ ही प्रधानमंत्री को ये भी बताया गया कि कैसे तीनों सेना में समन्वय बनाते हुए हम दुश्मनों के इलाकों में घुसकर उनकी शक्ति को ध्वस्त कर सकते हैं.

उरी आतंकी हमले को बीते हुए करीब चार दिन हो गए हैं. भारत में गुस्सा उबाल पर है. हमले के बाद से ही भारत ने इस मामले में सख्ती दिखाई है. लोगों का मानना है की अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए. 18 सितम्बर उरी हमले के बाद से ही भारत सरकार के कई उच्चस्तरीय मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई बैठकें की हैं और ताजा हालात का जायजा उन्हें सौपा है. इन सब घटनाक्रमों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई घंटे साउथ ब्लॉक में स्थित रक्षा मंत्रालय के सुपर सीक्रेट वॉर रूम में बिताए.  

वे 20 सितम्बर को देर रात तक इस वॉर रूम में रहे. उस समय प्रधानमंत्री के साथ एनएसए अजीत डोभाल और भारत के तीनों सेना प्रमुख मौजूद थे. ये वॉर रूम, रक्षा मंत्रालय की बिल्डिंग में स्थित है. यहीं से सेना की सुरक्षा से जुड़ी हलचल पर नजर रखी जाती है. युद्ध की स्थिति में यही जगह कंट्रोल रूम की तरह काम करती है.

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 राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल साथ प्रधानमंत्री मोदी

यहां पर प्रधानमंत्री को वर्तमान परिस्थिति का सारा जायजा दिया गया. उनको मैप, पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन और सैंड मॉडल के द्वारा भारतीय सेना की तैयारियों की जानकारी दी गई. उन्हें बताया गया की कैसे भारत उरी अटैक का बदला ले सकता है. पाकिस्तान में स्थित टेरर कैंप कहां पर और भारत से कितनी दूरी पर स्थित हैं. भारत इन आतंकी ठिकानों को कैसे खत्म कर सकता है. साथ ही प्रधानमंत्री को ये भी बताया गया कि कैसे तीनों सेना में समन्वय बनाते हुए हम दुश्मनों के इलाकों में घुसकर उनकी शक्ति को ध्वस्त कर सकते हैं.

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यह तीसरी बार है जब पीएम मोदी वॉर रूम में गए हों. इससे पहले नरेंद्र मोदी जून 2014 और अक्टूबर 2014 में वॉर रूम गए थे और हमारे सामरिक और ऑपरेशनल रक्षा स्थितियों का जायजा लिया था. ये वॉर रूम शायद कमोवेश वैसा ही है जैसा अमेरिका के वाइट हाउस में स्थित सिचुएशन रूम है. याद कीजिये मई 2011 का वो दिन जब इसी सिचुएशन रूम से अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा ने ओसामा बिन लादेन के मारे जाने वाले आपरेशन के पल-पल की जानकारियां हासिल की थीं.

पाकिस्तान के खिलाफ देश में गुस्सा अपने उफान पर है. उरी हमले का सच छुपाने के लिए पाकिस्तान अंतराष्टीय मंच से नया नया प्रोपेगंडा कर रहा है. हद तो तब हो गयी जब संयुक्त राष्ट में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत विरोधी भाषण दिया. उरी हमले को लेकर जिस तरह भारत और पाकिस्तान में युद्ध के हालात बन रहे हैं उसपर नवाज शरीफ ने कुछ नहीं कहा बल्कि बुरहान वानी जैसे आतंकी के लिए उन्होंने दुनिया के सामने घड़ियाली आंसू बहाए.

पाकिस्तान को चारों तरफ से घेरने के लिए मोदी सरकार कूटनीति से लेकर सैन्य विकल्पों पर लगातार काम कर रही है. इससे पहले सेना ने भी कहा कि हमले का वक्त और जगह वो तय करेंगे. लोगों में गुस्सा अपने चरम पर है, वो आर पार की लड़ाई के मूड में है. पाकिस्तान से बदला लो की मांग देश में जोर पकडती जा रही है. सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है.

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आखिर भारत की क्या मजबूरी है कि वो पाकिस्तान से सीधी लड़ाई मोल नहीं ले सकता. इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे- पाक द्वारा परमाणु बम प्रयोग करने की धमकी, युद्ध एकमात्र और स्थायी उपाय नहीं हो सकता, अंतराष्ट्रीय स्थिति और दबाव, आर्थिक नुकसान और परिणाम आदि.

प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी हमेशा कहते थे कि पाकिस्तान की कारगुजारियों का खामियाजा उन्हें सीधे तौर पर देना चाहिए. उन्हें सबक सिखाने के लिए जो कुछ हो सकता है करना चाहिए. प्रधानमंत्री ने उरी हमले के बाद दोषियों को नहीं छोड़ने की बात कही. प्रधानमंत्री का वॉर रूम जाना कहीं ये संकेत तो नहीं कि भारत अब पूरी तैयारी कर रहा है पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए, चाहे वो सर्जिकल स्ट्राइक या कॉवेर्ट आपरेशन ही क्यों न हो. वर्तमान में माहौल गर्म है. खबर यह भी है कि तीनों सेना प्रमुखों से युद्ध को लेकर उनके एक्शन प्लान मांगे गए हैं. अब देखना ये है कि पाकिस्तान को कब, कैसे और किस तरह से भारत सबक सिखाता है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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