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डोनाल्ड ट्रम्प के चयन से बेचैन पाकिस्तान

    • अभिनव राजवंश
    • Updated: 11 नवम्बर, 2016 08:14 PM
  • 11 नवम्बर, 2016 08:14 PM
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पाकिस्तान को डर सता रहा है कि ट्रम्प का राष्ट्रपति चुना जाना भारत के लिए वरदान और पाकिस्तान के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है.

डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से ही उनकी नीतियों को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, दुनिया का हर देश अपने नजरिए से ट्रम्प को देखने की कोशिश कर रहा है, तो वहीं हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान बेचैन है, पाकिस्तान को डर सता रहा है कि ट्रम्प का राष्ट्रपति चुना जाना भारत के लिए वरदान और पाकिस्तान के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है.

क्यों बेचैन है पाकिस्तान ?

हालांकि ट्रम्प की एशिया की नीति कैसी होगी इसको लेकर कोई भी ठोस अनुमान नहीं है, मगर ट्रम्प का आक्रामक चुनावी प्रचार ही अब पाकिस्तान के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. कई पाकिस्तानियों को ट्रम्प को वो बयान ही डरा रहा है जिसमें ट्रम्प ने मुस्लिमों को अमेरिका में आने पर रोक लगाने की बात कही थी, हालांकि बयान पर तीखी आलोचना के बाद ट्रम्प ने अपने बयान को थोड़ा संशोधित करते हुए आतंक को पनाह देने वाले देशों से इमीग्रेशन रोकने की बात कही थी. मगर ट्रम्प का ये संशोधित बयान भी पाकिस्तान को डराने के लिए काफी है. ट्रम्प ने तो एक बार यहां तक कह दिया था कि पाकिस्तान, सऊदी अरब और सोमालिया के लोग अमेरिका के लिए खतरा हैं.

ये भी पढ़ें- ट्रंप के जीतने बाद भी क्या आत्ममंथन नहीं करेगा मुस्लिम समुदाय ?

 पाकिस्तानियों को डरा रहे है ट्रंप के बयान

पाकिस्तान के लिए मुश्किल ये भी है कि ट्रम्प...

डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से ही उनकी नीतियों को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, दुनिया का हर देश अपने नजरिए से ट्रम्प को देखने की कोशिश कर रहा है, तो वहीं हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान बेचैन है, पाकिस्तान को डर सता रहा है कि ट्रम्प का राष्ट्रपति चुना जाना भारत के लिए वरदान और पाकिस्तान के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है.

क्यों बेचैन है पाकिस्तान ?

हालांकि ट्रम्प की एशिया की नीति कैसी होगी इसको लेकर कोई भी ठोस अनुमान नहीं है, मगर ट्रम्प का आक्रामक चुनावी प्रचार ही अब पाकिस्तान के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. कई पाकिस्तानियों को ट्रम्प को वो बयान ही डरा रहा है जिसमें ट्रम्प ने मुस्लिमों को अमेरिका में आने पर रोक लगाने की बात कही थी, हालांकि बयान पर तीखी आलोचना के बाद ट्रम्प ने अपने बयान को थोड़ा संशोधित करते हुए आतंक को पनाह देने वाले देशों से इमीग्रेशन रोकने की बात कही थी. मगर ट्रम्प का ये संशोधित बयान भी पाकिस्तान को डराने के लिए काफी है. ट्रम्प ने तो एक बार यहां तक कह दिया था कि पाकिस्तान, सऊदी अरब और सोमालिया के लोग अमेरिका के लिए खतरा हैं.

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 पाकिस्तानियों को डरा रहे है ट्रंप के बयान

पाकिस्तान के लिए मुश्किल ये भी है कि ट्रम्प पाकिस्तान को आतंकियों को पनाह देने वाले देश के रूप में देखते हैं और इसका जिक्र भी ट्रम्प ने कई बार किया है. वहीं दूसरी ओर ज्यादातर अवसरों पर ट्रम्प ने भारत के लिए नरम रुख ही दिखाया है. ट्रम्प ने हिन्दुओं द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर उनका चुनाव अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में होता है तो हिन्दू और भारतीयों को व्हाइट हाउस में एक सच्चा दोस्त मिलेगा.

पाकिस्तान के लिए चिंता की बात ट्रम्प का चीन के प्रति रवैया भी है. अभी भारत द्वारा पाकिस्तान को अलग थलग करने की मुहिम में विश्व के ज्यादातर देशों ने भारत का साथ दिया मगर ऐसे मौके पर भी चीन ने पाकिस्तान का साथ देना ही बेहतर समझा था. मगर ट्रम्प चीन के साथ भी अमेरिका के सम्बन्ध को सशंकित दिखते हैं, जबकि रूस के साथ बेहतर संबंधों के पैरोकार माने जाते हैं. ऐसे में ट्रम्प का ये रूख भी भारत के लिए बेहतर साबित होगा.

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भारत के लिए क्यों बेहतर साबित हो सकते हैं ट्रम्प

ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि ट्रम्प आतंकवाद पर कड़ा रूख अख्तियार कर सकते हैं, और ऐसे में वो भारत के साथ पाकिस्तान के खिलाफ खड़े हो सकते हैं. ट्रम्प पाकिस्तान को अमेरिका द्वारा आतंकवाद के खात्मे के लिए मिलने वाले भारी भरकम फण्ड में भी कटौती कर सकते हैं, अगर ट्रम्प ऐसा कुछ करते हैं तो यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्त्वपूर्ण साबित होगा.

ट्रम्प ने कुछ अवसरों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीतियों की भी तारीफ की हैं जो उम्मीद बंधाते हैं कि भारत के सम्बन्ध ट्रम्प के कार्यकाल में नए आयाम कि ओर जा सकते  हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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