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नवाज़ शरीफ से शर्मसार हो रहा है पाकिस्तान

    • अरविंद मिश्रा
    • Updated: 23 मई, 2017 02:16 PM
  • 23 मई, 2017 02:16 PM
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जिस इस्लामिक समिट के लिए नवाज़ शरीफ ने ढाई घंटे की स्पीच अपने विमान में तैयार की, उस समिट में उन्हें बोलने का मौका तक नहीं मिला.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने करीब ढाई घंटे की स्पीच अपने विशेष विमान में तैयार की थी. ये विशेष विमान नवाज़ शरीफ को सऊदी अरब लेकर जा रहा था, जहां उन्हें इस्लामिक समिट में बोलना था. उन्हें इस समिट में बोलने का मौका ही नहीं मिला. खास बात तो यह रही कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान का एक बार भी नाम नहीं लिया और भारत को नवाज़ शरीफ के सामने ही आतंकवाद प्रभावित मुल्क बताया. इस कारण से नवाज़ शरीफ की काफी किरकिरी हुई. पाकिस्तानी मीडिया ने जमकर शरीफ की आलोचना की.

इस समिट में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ समेत 55 मुस्लिम देशों के नेताओं का जमावड़ा लगा था. नवाज़ शरीफ के साथ पाकिस्तानी विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी सऊदी पहुंचे थे. नवाज शरीफ रियाद में रविवार को पहले अरब इस्लामिक अमेरिकन समिट में भाग लेने पहुंचे थे. वहां पर शरीफ ने सऊदी अरब के किंग सलमान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई अरब और इस्लामिक देशों के नेताओं से मुलाकात की थी.

पाकिस्तानी मीडिया ने शरीफ की जमकर आलोचना की

द नेशन- पाकिस्तानी अख़बार द नेशन के अनुसार 'कुछ बहुत ही गलत हुआ है. सऊदी अरब की राजधानी में रविवार को आयोजित अरब-इस्लामिक-अमेरिकन समिट में हिस्सा लेने पीएम नवाज शरीफ की अगुआई में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई घटना के बारे में ऐसा ही कहा जा सकता है. अधिकतर पाकिस्तानी मीडिया प्रतिनिधियों के बीच यही आम राय थी कि इकलौते न्यूक्लियर पावर वाले राष्ट्र की पूरी बेइज्जती हुई है. यहां ग्लोबल टेररिजम के खिलाफ पाकिस्तान की भूमिका का न तो कोई जिक्र किया गया, बल्कि पीएम नवाज शरीफ को अपनी राय जाहिर करने का मौका भी नहीं दिया गया.'

द न्यूज़- “कुछ बहुत ही गलत हो गया है क्योंकि शिखर सम्मेलन में वैश्विक आतंकवाद के...

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने करीब ढाई घंटे की स्पीच अपने विशेष विमान में तैयार की थी. ये विशेष विमान नवाज़ शरीफ को सऊदी अरब लेकर जा रहा था, जहां उन्हें इस्लामिक समिट में बोलना था. उन्हें इस समिट में बोलने का मौका ही नहीं मिला. खास बात तो यह रही कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान का एक बार भी नाम नहीं लिया और भारत को नवाज़ शरीफ के सामने ही आतंकवाद प्रभावित मुल्क बताया. इस कारण से नवाज़ शरीफ की काफी किरकिरी हुई. पाकिस्तानी मीडिया ने जमकर शरीफ की आलोचना की.

इस समिट में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ समेत 55 मुस्लिम देशों के नेताओं का जमावड़ा लगा था. नवाज़ शरीफ के साथ पाकिस्तानी विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी सऊदी पहुंचे थे. नवाज शरीफ रियाद में रविवार को पहले अरब इस्लामिक अमेरिकन समिट में भाग लेने पहुंचे थे. वहां पर शरीफ ने सऊदी अरब के किंग सलमान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई अरब और इस्लामिक देशों के नेताओं से मुलाकात की थी.

पाकिस्तानी मीडिया ने शरीफ की जमकर आलोचना की

द नेशन- पाकिस्तानी अख़बार द नेशन के अनुसार 'कुछ बहुत ही गलत हुआ है. सऊदी अरब की राजधानी में रविवार को आयोजित अरब-इस्लामिक-अमेरिकन समिट में हिस्सा लेने पीएम नवाज शरीफ की अगुआई में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई घटना के बारे में ऐसा ही कहा जा सकता है. अधिकतर पाकिस्तानी मीडिया प्रतिनिधियों के बीच यही आम राय थी कि इकलौते न्यूक्लियर पावर वाले राष्ट्र की पूरी बेइज्जती हुई है. यहां ग्लोबल टेररिजम के खिलाफ पाकिस्तान की भूमिका का न तो कोई जिक्र किया गया, बल्कि पीएम नवाज शरीफ को अपनी राय जाहिर करने का मौका भी नहीं दिया गया.'

द न्यूज़- “कुछ बहुत ही गलत हो गया है क्योंकि शिखर सम्मेलन में वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध पाकिस्तान की भूमिका का उल्लेख नहीं किया गया और इसके प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को देश के दृष्टिकोण को रखने का मौका नहीं मिला, जबकि पाकिस्तान ने 70,000 से अधिक नागरिकों और 6000 सुरक्षा बलों के कर्मियों को आतंकवाद से संबंधित हिंसा में खो दिया है."

द डेली पाकिस्तान- इसके अनुसार, "समिट के दौरान नवाज शरीफ अलग-थलग पड़ गए थे और उन्हें आतंकवाद के मुद्दे पर अपनी राय रखने का मौका तक नहीं मिला. पीएम ने सऊदी अरब के लिए अपनी फ्लाइट के दौरान करीब ढाई घंटे लगाकर स्पीच तैयार की थी. वहीं, इस समिट में उन देशों को भी संबोधित करने का मौका मिला, जो आतंकवाद से कोई खास प्रभावित नहीं हैं. हालांकि, नवाज शरीफ की पूरी तरह अनदेखी की गई"

इमरान खान- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के चेयरमैन इमरान खान ने नवाज़ शरीफ के दौरे को अप्रभावी बताया. इमरान ने आरोप लगाया कि वह पाकिस्तान और अन्य मुस्लिम देशों की बात उठाने में असफल रहे. उन्होंने कहा कि न तो ट्रंप ने अपने भाषण में आतंक के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान द्वारा दिए गए बलिदानों का जिक्र किया और नवाज शरीफ भी ट्रंप की इस 'गलती' को सुधारने में असफल रहे. इमरान खान ट्रंप को भी निशाने पर लेते हुए कहा, 'वह भारत द्वारा कश्मीरियों पर किए जा रहे जुल्म को नजरअंदाज कर रहे हैं'

बकौल इमरान खान 'सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ट्रंप ने पाकिस्तान का जिक्र तक नहीं किया. एक ऐसा देश जिसने अमेरिका की लड़ाई लड़ी और अपने 70,000 लोग खोए. इसके बजाए ट्रंप ने भारत की तारीफ की. नवाज को कश्मीरी और फिलिस्तीनी नागरिकों की पीड़ा के बारे में बात करनी चाहिए थी. घंटों स्पीच की तैयारी करने के बावजूद उन्होंने अपनी बात रखने का भी मौका नहीं मिला''

हालांकि ये बात और है कि अमेरिकी सरकार कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दे के रूप में देखता है और भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से दोषी ठहराता है.

हाल में ही प्रकाशित 'यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी' रिपोर्ट के विश्वव्यापी खतरा आकलन में, अमेरिकी सरकार ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया था.    

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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