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सिद्धू ने कांग्रेस का दामन थामा- तो अब 'ठोको ताली'

    • जगत सिंह
    • Updated: 15 जनवरी, 2017 02:00 PM
  • 15 जनवरी, 2017 02:00 PM
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सिद्धू ने कांग्रेस में उप-मुख्यमंत्री के पद के लिए अपने नाम की दावेदारी मांगी है, लेकिन एक इंटरव्यू के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बात से साफ इंकार कर दिया. अब देखना ये है कि अपना दल बदलकर सिद्धू कांग्रेस के लिए कितने फायदेमंद साबित होते हैं.

आज नवजोत सिंह सिद्धू राहुल गाँधी से मिलने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया. सिद्धू के कांग्रेस जॉइन करने को लेकर पिछले कई महीनो से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी और तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे. इनपर आज विराम लग ही गया.

अमरिंदर सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'नवजोत सिंह सिद्धू 100 प्रतिशत कांग्रेस में हैं. वह अमृतसर पूर्व से चुनाव लड़ेंगे. जैसा कि नवजोत कौर ने भी कहा था.' नवजोत कौर ने शुक्रवार को बताया था कि सिद्धू एक-दो दिन में कांग्रेस जॉइन करेंगे. उन पर बड़ी जिम्मेदारी है वह पूरे राज्य में स्टार प्रचारक के तौर पर चुनाव प्रचार करेंगे. तो अब पूर्व भाजपा के सांसद सिद्धू 4 फरवरी को होने जा रहे पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेसी नेता के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हो गए हैं.

 सिद्धू बीजेपी में कई साल तक रहे, लेकिन साइडलाइन कर दिए जाने के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी

सिद्धू ने कांग्रेस में उप-मुख्यमंत्री के पद के लिए अपने नाम की दावेदारी मांगी है, लेकिन एक इंटरव्यू के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बात से साफ इंकार कर दिया. कैप्टन अमरिंदर ने साफ कहा कि सिद्धू को डिप्टी सीएम पद का कोई ऑफर नहीं दिया गया है. नवजोत सिंह सिद्धू अपनी मर्जी से कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें- विवादित सुर्खियों के बादशाह हैं अनिल विज!

राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा देने के बाद से सिद्धू को लेकर तरह-तरह...

आज नवजोत सिंह सिद्धू राहुल गाँधी से मिलने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया. सिद्धू के कांग्रेस जॉइन करने को लेकर पिछले कई महीनो से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी और तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे. इनपर आज विराम लग ही गया.

अमरिंदर सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'नवजोत सिंह सिद्धू 100 प्रतिशत कांग्रेस में हैं. वह अमृतसर पूर्व से चुनाव लड़ेंगे. जैसा कि नवजोत कौर ने भी कहा था.' नवजोत कौर ने शुक्रवार को बताया था कि सिद्धू एक-दो दिन में कांग्रेस जॉइन करेंगे. उन पर बड़ी जिम्मेदारी है वह पूरे राज्य में स्टार प्रचारक के तौर पर चुनाव प्रचार करेंगे. तो अब पूर्व भाजपा के सांसद सिद्धू 4 फरवरी को होने जा रहे पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेसी नेता के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हो गए हैं.

 सिद्धू बीजेपी में कई साल तक रहे, लेकिन साइडलाइन कर दिए जाने के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी

सिद्धू ने कांग्रेस में उप-मुख्यमंत्री के पद के लिए अपने नाम की दावेदारी मांगी है, लेकिन एक इंटरव्यू के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बात से साफ इंकार कर दिया. कैप्टन अमरिंदर ने साफ कहा कि सिद्धू को डिप्टी सीएम पद का कोई ऑफर नहीं दिया गया है. नवजोत सिंह सिद्धू अपनी मर्जी से कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं.

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राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा देने के बाद से सिद्धू को लेकर तरह-तरह की अटकलें लागाई जा रही थी. माना जा रहा था कि वह आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो सकते हैं. खुद अरविंद केजरीवाल ने बयान भी दिया था कि सीएम पद को लेकर सिद्धू के साथ बात नहीं बनी. कभी खबर ये आई कि सिद्धू अपना खुद का राजनितिक दाल तैयार करेंगें, तो कभी ये कि वो भाजपा में फिर से वापसी करेंगें, लेकिन रविवार को इन तमाम खबरों पर विराम डालकर सिधु ने कांग्रेस के साथ जुड़ कर अपने राजनीतिक भविष्य को आगे बढ़ने का फैसला कर लिया और तमाम अटकलों पर विराम दे दिया.

खेल से सन्यास लेने के बाद पहले उन्होंने दूरदर्शन पर क्रिकेट के लिए कमेंट्री करना आरम्भ किया उसके बाद राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे. उन्होंने टेलीविजन पर कलाकार के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है. टी.वी. चैनल पर हास्य कार्यक्रम "द ग्रेट इन्डियन लाफ्टर चैलेन्ज" में जज की भूमिका उन्होंने बखूबी निभाई थी. इसके बाद से ही वो कॉमेडी शोज से लगातार जुड़े हुए हैं. टी.वी. सीरियल बिग बॉस के कारण भी वे चर्चित रहे. आज कल कपिल शर्मा के शो में भी बतौर होस्ट नजर आते है.

भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने बाद क्रिकेट कमेंट्री करते हुए वर्ष 2004 में उन्होंने राजनीति की ओर रुख किया. 2004 के लोकसभा चुनावों में सिद्धू अमृतसर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और विजयी रहे. फिर 2009 में भी उन्हें चुनाव में सफलता मिली. 2014 में भाजपा ने अमृतसर से अरुण जेटली को चुनाव लड़ाया तो सिद्धू के पार्टी से संबंधों पर खटास आई. 2016 में भाजपा ने उन्हें 22 अप्रैल को राज्यसभा में भेजा तो भाजपा से उनके संबंध सामान्य होते नजर आए, लेकिन कुछ ही समय बाद 18 जुलाई 2016 उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया.

अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि सिद्धू पंजाब के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को कहां तक सफलता दिलाने में कामयाब रहते हैं. वैसे पंजाब से सम्बंधित तमाम चुनावी सर्वेक्षण के रुझान से ऐसा प्रतीत होता है कि कांगेस का पलड़ा बाकि दलों की तुलना में काफी मजबूत है और प्रदेश की अगली सरकार कांग्रेस की बनेगी इसका जोरदार कयास लगाया जा रहा है.

 सिद्धू किसी ना किसी बात से हमेशा चर्चा में रहते हैं

सिद्धू के पक्ष में जो बातें आती है, वो ये कि सिद्धू न सिर्फ पंजाब में बल्कि पूरे भारत में एक चर्चित शख्सियत हैं. जिनका राजनीतिक जीवन साफ सुथरा एवं छवि एक ईमानदार राजनीतिज्ञ की है. वो बड़े क्राउड पुलर नेता भी साबित होगें, हमेशा बादल विरोधी नेता की छवि के रूप में जाने जाते हैं, युवाओं में उनका काफी क्रेज है और सिख होना, पंजाब की राजनीति में एक और एक बड़ा ट्रम्प कार्ड भी साबित हो सकता है.

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वैसे सिद्धु के कांग्रेस में जाने के कुछ नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं, जैसे उन पर मर्डर के भी आरोप लगे हैं, उनके व्यक्तित्व में शार्ट टेम्पर्ड होना भी अच्छी बात नहीं मानी जाती है, उनका संसद के रूप में भी बहुत अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड नहीं रहा है, अपने संसदीय क्षेत्र से हमेशा गायब रहने को अच्छी बात नहीं माना गया है और भाजपा छोड़ कर कांग्रेस जॉइन करने के बाद तो दल बदलू नेता के रूप में भी जाने जाएंगें.

अपने ज़माने में भारत के सलामी बल्लेबाज की हैसियत से सिद्धू अपने छक्कों के लिए जितने मशहूर रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा इन दिनों अपने जुमलों के लिए मशहूर हैं. वे जो जुमले उछालते हैं वो अधिकतर सोशल मीडिया पर छा जाता है. उनके कुछ मशहूर जुमले हैं- 'अगर मेरी चाची की मूंछे होतीं तो मैं उसे चाचा न कहता', 'बिना अंडे फोड़े आप ऑमलेट नहीं बना सकते' और सबसे प्रसिद्ध 'ठोको ताली'. तो अब पंजाबी कांग्रेस के लिए ठोको ताली.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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