• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

#NotInMyName मुहिम और अवॉर्ड वापसी पार्ट - 2 के बीच मोदी की गाय कथा

    • मृगांक शेखर
    • Updated: 29 जून, 2017 07:59 PM
  • 29 जून, 2017 07:59 PM
offline
आश्चर्य जताते हुए मोदी ने कहा कि जो देश चींटी को भी कुछ खिलाने में ही यकीन रखता है, जो देश गली में कुत्ते को भी कुछ खिलाने पर विश्वास रखता है उस देश को क्या हो गया है?

अवॉर्ड वापसी पार्ट - 2 की शुरुआत सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने कर दी है. शबनम ने देश में जगह जगह भीड़ द्वारा कई लोगों को पीट पीट कर मार डालने के विरोध में ऐसा किया है. 2008 में उन्हें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार अवॉर्ड केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से दिया गया था. शबनम ने ये कदम बल्लभगढ़ में जुनैद की हत्या के बाद उठाया है. इससे पहले 2015 में दादरी में मोहम्मद अखलाक की हत्या के विरोध में कई मशहूर लेखक, फिल्मकार और कलाकारों ने अवॉर्ड वापसी मुहिम चलाई थी.

एक गाय की कहानी

दादरी की घटना के काफी दिनों बाद भी प्रधानमंत्री ने कुछ कहा नहीं था. जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का बयान आया तो मोदी ने उसी पर अमल करने की सलाह दी थी.

एक आम नागरिक का विरोध...

दो दिन के गुजरात दौरे पर निकले मोदी ने साबरमती आश्रम में बल्लभगढ़ की घटना का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन कहा कि कानून हाथ में लेने का किसी को हक नहीं है. हालांकि, उनका ज्यादातर जोर गोहत्या के नाम पर हिंसा करने वालों पर रहा. आश्चर्य जताते हुए मोदी ने कहा कि जो देश चींटी को भी कुछ खिलाने में ही यकीन रखता है, जो देश गली में कुत्ते को भी कुछ खिलाने पर विश्वास रखता है उस देश को क्या हो गया है?

अपनी बात को समझाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने एक कहानी भी सुनायी - 'जब मैं छोटा था तो हमारे घर के पास एक परिवार रहता था. उस परिवार में कोई संतान नहीं थी, जिसके कारण काफी तनाव का माहौल रहता था. काफी समय बाद उस घर में एक संतान का जन्म हुआ. उस समय एक गाय वहां पर आती और रोजाना कुछ खाकर जाती थी. एक बार गाय के पैर के नीचे बच्चा आ गया...

अवॉर्ड वापसी पार्ट - 2 की शुरुआत सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने कर दी है. शबनम ने देश में जगह जगह भीड़ द्वारा कई लोगों को पीट पीट कर मार डालने के विरोध में ऐसा किया है. 2008 में उन्हें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार अवॉर्ड केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से दिया गया था. शबनम ने ये कदम बल्लभगढ़ में जुनैद की हत्या के बाद उठाया है. इससे पहले 2015 में दादरी में मोहम्मद अखलाक की हत्या के विरोध में कई मशहूर लेखक, फिल्मकार और कलाकारों ने अवॉर्ड वापसी मुहिम चलाई थी.

एक गाय की कहानी

दादरी की घटना के काफी दिनों बाद भी प्रधानमंत्री ने कुछ कहा नहीं था. जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का बयान आया तो मोदी ने उसी पर अमल करने की सलाह दी थी.

एक आम नागरिक का विरोध...

दो दिन के गुजरात दौरे पर निकले मोदी ने साबरमती आश्रम में बल्लभगढ़ की घटना का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन कहा कि कानून हाथ में लेने का किसी को हक नहीं है. हालांकि, उनका ज्यादातर जोर गोहत्या के नाम पर हिंसा करने वालों पर रहा. आश्चर्य जताते हुए मोदी ने कहा कि जो देश चींटी को भी कुछ खिलाने में ही यकीन रखता है, जो देश गली में कुत्ते को भी कुछ खिलाने पर विश्वास रखता है उस देश को क्या हो गया है?

अपनी बात को समझाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने एक कहानी भी सुनायी - 'जब मैं छोटा था तो हमारे घर के पास एक परिवार रहता था. उस परिवार में कोई संतान नहीं थी, जिसके कारण काफी तनाव का माहौल रहता था. काफी समय बाद उस घर में एक संतान का जन्म हुआ. उस समय एक गाय वहां पर आती और रोजाना कुछ खाकर जाती थी. एक बार गाय के पैर के नीचे बच्चा आ गया था, और उसकी मौत हो गई. दूसरे दिन सुबह ही वो गाय उनके घर के सामने खड़ी हो गई, उसने किसी के घर के सामने रोटी नहीं खाई. उस परिवार से भी रोटी नहीं खाई. गाय के आंसू लगातार बह रहे थे. वो गाय कई दिनों तक कुछ नहीं खा-पी सकी. पूरे मोहल्ले के लोगों ने काफी कोशिश की लेकिन गाय ने कुछ नहीं खाया और बाद में अपना शरीर त्याग दिया. एक बच्चे की मौत के पश्चाताप में उस गाय ने ऐसा किया, लेकिन आज लोग गाय के नाम पर ही हत्या कर रहे हैं.'

एक गैर-राजनीतिक विरोध...

लगता नहीं कि बीजेपी नेता और उनके अफसर मोदी की इन बातों से इत्तेफाक रखते हैं. बीजेपी नेताओं की नजर में #NotInMyName मुहिम में लोगों का इकट्ठा होना भी पाखंड नजर आता है.

...और ये राष्ट्रविरोधी

बल्लभगढ़ में भीड़ द्वारा जुनैद की पीट पीट कर हत्या कर दी गयी. खबरों से पता चला कि हमलावरों ने उसके नाम और टोपी की वजह से उसे टारगेट किया. हालांकि, खबर ये भी रही कि पुलिस ने जब जांच शुरू की तो वहां कोई ये बताने वाला भी नहीं मिल रहा था जो घटना की भी पुष्टि करता हो.

ताज्जुब की बात ये है कि केंद्र सरकार के गृह सचिव इसे मीडिया हाइप बता डाला. हिंसक भीड़ की करतूतों की बात पर गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हमारे देश में हीनभावना के चलते हत्या होती हैं. यह सभी अंतरात्मा को हिला देते हैं, लेकिन भीड़ द्वारा हत्या की यह कोई नई घटना नहीं है. मुझे लगता है कि इस सब को ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर बताया और दिखाया जाता है.'

जुनैद की हत्या सहित ऐसी तमाम घटनाओं के विरोध में 28 जून को बड़ी संख्या में लोगों ने जंतर मंतर पहुंच कर अपना विरोध प्रकट किया. दिल्ली के अलावा लखनऊ और बेंगलुरू जैसे शहरों में भी ऐसे आयोजन हुए. बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय की नजर में ये राष्ट्रविरोधी लोगों की हरकत थी.

बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली की नजर में मॉब लिंचिंग के दोषियों को फांसी दी जानी चाहिये, लेकिन उनका कहना है कि सेलेक्टिव अप्रोच ठीक नहीं है.

#NotInMyName को लेकर टीवी पर बहस चल रही थी. बहस में संघ विचारक राकेश सिन्हा, तहसीन पूनावाला, बीजेपी प्रवक्ता संजू वर्मा और पत्रकार राणा अयूब हिस्सा ले रहे थे. राणा अयूब ने बताया कि किस तरह भारी बारिश के बावजूद लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. बहस जैसे ही आगे बढ़ी तभी संजू वर्मा ने राणा अयूब की पत्रकारिता पर सवाल खड़े कर दिये. गुस्सा होकर राणा अयूब ने संजू की बातों पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया और बहस बीच में ही छोड़ कर चली गयीं. राकेश सिन्हा ने इसे अवॉर्ड वापसी पार्ट - 2 के तौर समझाने की कोशिश की.

इन्हें भी पढ़ें :

मोदी का गुजरात दौरा और इस 'घर वापसी' के मायने

डीएसपी अयूब पंडित की भाभी के सवालों का जवाब आखिर कौन देगा?

आखिर 2019 में मोदी का रथ क्यों और किसके कारण रूकेगा, जानिए

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲