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मणिपुर एग्जिट पोल: खूनखराबे और कर्फ्यू के बीच कांग्रेस को बहुमत

    • आईचौक
    • Updated: 09 मार्च, 2017 08:14 PM
  • 09 मार्च, 2017 08:14 PM
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यदि मणिपुर के एग्जिट पोल का चुनाव सही है तो ओकराम इबोबी सिंह एक रिकॉर्ड कायम करने जा रहे हैं. वे कांग्रेस के पहले मुख्‍यमंत्री होंगे जो चौथी बार शपथ लेंगे.

देश के सबसे हिंसाग्रस्‍त राज्‍यों में से एक मणिपुर में हुआ चुनाव किसी बड़े प्रशासनिक चैलेंज से कम नहीं था. नाकेबंदी और आगजनी की घटनाओं के बीच वोट डाले गए.

इंडिया टुडे एक्सिस पोल का नतीजा :

कांग्रेस        30 ‐ 36

बीजेपी        16 ‐ 22

NPF        3 ‐ 5

अन्‍य        3 ‐ 6

वोट शेयर:

कांग्रेस         42

बीजेपी         31

NPF         9

अन्‍य         18

मतदान केंद्रों से निकलते हुए वोटरों ने कुछ राय जाहिर की:

- कांग्रेस के तीन बार मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने अपने खिलाफ की विरोधी लहर को मोड़ दिया.

- सात (7) नए जिलों के निर्माण से जनता को बहुत लाभ हुआ है.

- संयुक्त नागा परिषद (यूएनसी) द्वारा लगाई गई आर्थिक नाकेबंदी 127 दिनों से राज्य में चल रही है. इसने इम्फाल को लकवाग्रस्त कर दिया है. ऐसे में भी केन्द्र सरकार का कांग्रेस को सहयोग नहीं करना बीजेपी को भारी पड़ गया.

- ओकराम इबोबी आम जनता से जुड़े नेता हैं.

- कांग्रेस को जिन्हें टिकट नहीं दिया बीजेपी के उन असंतुष्ट नेताओं का समर्थन है

- लोग राज्य में कांग्रेस की ही सरकार को पसंद करते हैं. और भाजपा को विपक्ष में देखना चाहते...

देश के सबसे हिंसाग्रस्‍त राज्‍यों में से एक मणिपुर में हुआ चुनाव किसी बड़े प्रशासनिक चैलेंज से कम नहीं था. नाकेबंदी और आगजनी की घटनाओं के बीच वोट डाले गए.

इंडिया टुडे एक्सिस पोल का नतीजा :

कांग्रेस        30 ‐ 36

बीजेपी        16 ‐ 22

NPF        3 ‐ 5

अन्‍य        3 ‐ 6

वोट शेयर:

कांग्रेस         42

बीजेपी         31

NPF         9

अन्‍य         18

मतदान केंद्रों से निकलते हुए वोटरों ने कुछ राय जाहिर की:

- कांग्रेस के तीन बार मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने अपने खिलाफ की विरोधी लहर को मोड़ दिया.

- सात (7) नए जिलों के निर्माण से जनता को बहुत लाभ हुआ है.

- संयुक्त नागा परिषद (यूएनसी) द्वारा लगाई गई आर्थिक नाकेबंदी 127 दिनों से राज्य में चल रही है. इसने इम्फाल को लकवाग्रस्त कर दिया है. ऐसे में भी केन्द्र सरकार का कांग्रेस को सहयोग नहीं करना बीजेपी को भारी पड़ गया.

- ओकराम इबोबी आम जनता से जुड़े नेता हैं.

- कांग्रेस को जिन्हें टिकट नहीं दिया बीजेपी के उन असंतुष्ट नेताओं का समर्थन है

- लोग राज्य में कांग्रेस की ही सरकार को पसंद करते हैं. और भाजपा को विपक्ष में देखना चाहते हैं.

बीजेपी

- भाजपा कार्यकर्ता घाटी में उम्मीदवारों के चयन से असंतुष्ट हैं.

- लोगों को लगता है कि एनपीएफ की आर्थिक नाकाबंदी को केंद्र का समर्थन प्राप्त है. नाकेबंदी की वजह से आवश्यक वस्तुएं की कमी और आसमान छूती कीमतों से भी जनता खासे गुस्से में है.

- एनएससीएनआईएम को भाजपा का समर्थन हासिल है.

एग्जिट पोल करने गए लोगों का यह नोट जरूर पढ़ा जाना चाहिए:

पिछले 4 महीनों से राज्य में प्रशासनिक समस्याओं और सड़कें बंद होने की वजह से यहां सर्वेक्षण करना हमारी टीम के लिए एक बहुत मुश्किल था. इसी कारण से हम विस्तृत रिपोर्ट दे पाने में असमर्थ हैं.

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..और उत्‍तराखंड के पहाड़ों से लुढ़क गई कांग्रेस !

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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