• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

''मर्सल'' विवाद पर मधुर भंडारकर का ट्वीट सबके लिए सीख

    • बिजय कुमार
    • Updated: 22 अक्टूबर, 2017 08:00 PM
  • 22 अक्टूबर, 2017 08:00 PM
offline
इंडस्ट्री के तमाम लोग इस तरह के विरोध के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. फिर भी इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. वो भी तब जब इंडस्ट्री में सरकार द्वारा बनाया गया सेंसर बोर्ड है जो फिल्म के आने से पहले सर्टिफिकेट देता है.

हाल ही में पर्दे पर आयी दक्षिण भारत के सुपरस्टार विजय की फिल्म ''मर्सल'' विवादों में आ गयी है. इसको लेकर खूब सियासत भी हो रही है. तमिलनाडु बीजेपी के प्रेसिडेंट थमिलीसाई सौंदरराजन इस फिल्म के कुछ दृश्यों का विरोध कर रहे हैं. क्योंकि उनके अनुसार इसमें मौजूदा केंद्र सरकार की कुछ नीतियों जैसे कि जीएसटी, नोटबंदी और डिजिटल लेनदेन को लेकर ग़लतफ़हमी पैदा करने कि कोशिश की गयी है.

उनके विरोध का समर्थन पार्टी के कुछ और नेता भी कर रहे हैं और उनकी मांग है की फिल्म से केंद्र सरकार की नीतियों पर दिखाए जाने वाले दृश्यों को हटाया जाये. फिल्म के प्रोड्यूसर ने कहा है कि हमने बीजेपी नेताओं को अपना पक्ष बता दिया है. अगर जरूरी है, तो हम उन दृश्यों को हटाने के लिए तैयार हैं, जिनसे गलतफहमी पैदा हो रही है.

मधुर भंडारकर ने राहुल गांधी को आईना दिखा दिया

इस मामले में सियासत तब गरमा गयी जब कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नसीहत दे डाली और अब पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी इसको लेकर बीजेपी पर हमला कर रहे हैं. यही नहीं अपनी बेबाक राय के लिए मशहूर बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा भी मामले में खुद बीजेपी को ही नसीहत देते दिख रहे हैं.

हाल ही में पर्दे पर आयी दक्षिण भारत के सुपरस्टार विजय की फिल्म ''मर्सल'' विवादों में आ गयी है. इसको लेकर खूब सियासत भी हो रही है. तमिलनाडु बीजेपी के प्रेसिडेंट थमिलीसाई सौंदरराजन इस फिल्म के कुछ दृश्यों का विरोध कर रहे हैं. क्योंकि उनके अनुसार इसमें मौजूदा केंद्र सरकार की कुछ नीतियों जैसे कि जीएसटी, नोटबंदी और डिजिटल लेनदेन को लेकर ग़लतफ़हमी पैदा करने कि कोशिश की गयी है.

उनके विरोध का समर्थन पार्टी के कुछ और नेता भी कर रहे हैं और उनकी मांग है की फिल्म से केंद्र सरकार की नीतियों पर दिखाए जाने वाले दृश्यों को हटाया जाये. फिल्म के प्रोड्यूसर ने कहा है कि हमने बीजेपी नेताओं को अपना पक्ष बता दिया है. अगर जरूरी है, तो हम उन दृश्यों को हटाने के लिए तैयार हैं, जिनसे गलतफहमी पैदा हो रही है.

मधुर भंडारकर ने राहुल गांधी को आईना दिखा दिया

इस मामले में सियासत तब गरमा गयी जब कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नसीहत दे डाली और अब पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी इसको लेकर बीजेपी पर हमला कर रहे हैं. यही नहीं अपनी बेबाक राय के लिए मशहूर बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा भी मामले में खुद बीजेपी को ही नसीहत देते दिख रहे हैं.

ऐसा नहीं है की इस मामले में केवल बीजेपी और कांग्रेस पार्टी ही आमने-सामने हों. बल्कि इसमें तमिलनाडु के राजनीतिक दल भी कूद पड़े हैं. यही नहीं इस फिल्म का विरोध तमिलनाडु के डॉक्टर भी कर रहे हैं. कहा गया है कि ये फिल्म डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा में शामिल लोगों की छवि को धूमिल करती है.

लेकिन इस विवाद में धमाकेदार एंट्री मारते हुए मधुर भंडारकर ने भी एक ट्वीट किया. मधुर भंडारकर का ये ट्वीट न सिर्फ कांग्रेस, बल्कि बीजेपी सहित हर पार्टी या संस्था के लिए एक सीख है. उन्होंने मर्सल विवाद में राहुल गांधी द्वारा फिल्म के समर्थन में किये गए ट्वीट के जवाब में कहा कि- 'मैं किसी भी फिल्म पर रोक के खिलाफ हूं. और मैं आपसे उस वक़्त मदद की उम्मीद कर रहा था, जब कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता ''इन्दु सरकार" का विरोध कर रहे थे. लेकिन तब आप चुप थे.'

मधुर के इस ट्वीट से साफ जाहिर है कि कैसे हर राजनीतिक दल अपनी सहूलियत के हिसाब से किसी फिल्म या साहित्य का विरोध या समर्थन करते हैं. ऐसा नहीं है कि देश में ऐसा पहली बार हो रहा है. इससे पहले भी कई मौकों पर इस तरह का विरोध देखने को मिला है, जिसमें विरोधी के तौर पर खुद राजनीतिक दल ही रहे हैं...

आईए एक नजर डालते उन फिल्मों की लिस्ट पर जिनका विरोध राजनीतिक पार्टियों ने किया.

फिल्में जिनसे कांग्रेस को आपत्ति रही:

इन्दु सरकार (2017)

कौम दे हीरे (पंजाबी फिल्म- 2014)

आंधी (1975)

किस्सा कुर्सी का (1977)

फिल्में जिनको लेकर बीजेपी को आपत्ति रही:

मद्रास कैफ़े (2013)

ऐ दिल है मुश्किल (2016)

उड़ता पंजाब (2016 - वैसे उड़ता पंजाब को लेकर बीजेपी ने विरोध नहीं जताया था पर विपक्षी इसका आरोप लगाते रहे हैं).

संजय लीला भंसाली की आने वाली फिल्म ''पद्मावती'' तो शूटिंग शुरू होने के समय से ही विरोध प्रदर्शन झेल रही है. हाल ही में फिल्म की बनाई गयी रंगोली को भी भीड़ ने तहस-नहस कर दिया. इस बात का फिल्म की नायिका दीपिका पादुकोण ने विरोध भी किया था. इंडस्ट्री के तमाम लोग इस तरह के विरोध के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. फिर भी इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. वो भी तब जब इंडस्ट्री में सरकार द्वारा बनाया गया सेंसर बोर्ड है जो फिल्म के आने से पहले सर्टिफिकेट देता है. वैसे कई बार तो इस सेंसर बोर्ड पर भी सवाल खड़े किये गए हैं.

आखिर में कह सकते हैं कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन से फिल्म का कोई नुकसान नहीं होता. बल्कि उसको तो फ्री में पब्लिसिटी ही मिल जाती है. हां इतना जरूर है कि इस तरह के विरोध-प्रदर्शन से कई बार आलोचना और सच दिखाने से कलाकार परहेज करते हैं. एक सभ्य और खुले विचारों वाले समाज के लिए ये ठीक नहीं है.

ये भी पढ़ें-

दिल को छूने वाली फिल्म "सीक्रेट सुपर स्टार"

मराठी फिल्म "चुम्बक" का बोलबाला

बाप-बेटों के बाद अब बाप-बेटी का नंबर

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲