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कपिल मिश्रा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी की 'एकला चलो' मुहिम और मुश्किलें

    • आईचौक
    • Updated: 13 मई, 2017 03:09 PM
  • 13 मई, 2017 03:09 PM
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कपिल मिश्रा ने राजघाट पर ही केजरीवाल के खिलाफ दो करोड़ कैश लेने का आरोप लगाया था. एक बार फिर वो उसी जगह पहुंचे ध्यान लगाया, खूब रोये और बोले - अकेले पड़ गया हूं.

कपिल मिश्रा राजघाट पहुंचते हैं और बापू की समाधि पर फूट फूट कर रोते हैं. नसीमुद्दीन सिद्दीकी को लगता है कि मायावती से रार के बाद उनकी जान पर बन आई है.

क्या कपिल मिश्रा को लगने लगा है कि उनकी चिट्ठियों और सत्याग्रह पर अरविंद केजरीवाल का मौन भारी पड़ रहा है? क्या नसीमुद्दीन को लग रहा है कि भले ही वो मायावती का ही दांव उन पर आजमा रहे हों लेकिन वो मायावती के सामने टिक नहीं पाएंगे?

संघर्ष का पथ हमेशा से पथरीला रहा है और जब मामला 'एकला चलो रे' का हो तो मुश्किलें होंगी ही, मानकर चलना चाहिये. मायावती ने तो नसीमुद्दीन पर फौरन ही काउंटर अटैक कर दिया लेकिन कपिल को लेकर केजरीवाल खामोश हैं. ट्वीट करते हैं - सत्यमेव जयते, लेकिन प्रसंग दूसरा होता है.

'एकला चलो' की मुश्किलें

कपिल मिश्रा ने राजघाट पर ही केजरीवाल के खिलाफ दो करोड़ कैश लेने का आरोप लगाया था. एक बार फिर वो उसी जगह पहुंचे. तमिलनाडु के ओ पनीरसेल्वम की तरह ध्यान लगाया और खूब रोये. पनीरसेल्वम ने अपनी नेता जयललिता की समाधि पर प्रार्थना की थी जहां उन्हें विरोध का बल मिला और नयी सियासी चाल सूझी.

जब कपिल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर दो करोड़ कैश लेने का आरोप लगाया तो केजरीवाल के राजनीतिक विरोधियों ने हाथों हाथ लिया, लेकिन दो शख्स ऐसे भी रहे जिन्हें उनकी बात पर यकीन नहीं हुआ. इनमें एक थे कुमार विश्वास जिनके बारे में कहा जा रहा था कि कपिल की पीठ पर उन्हीं का हाथ है और दूसरे योगेंद्र यादव जिन्हें केजरीवाल ने दो साल पहले ही आम आदमी पार्टी से निकाल दिया गया था.

कपिल को योगेंद्र से तो कोई मतलब नहीं था, लेकिन कुमार विश्वास के ट्वीट से उन्हें गहरा धक्का लगा - फिर भी वो डटे रहे और कहा कि वो अकेले ही अपनी लड़ाई लड़ेंगे.

सत्याग्रह में...

कपिल मिश्रा राजघाट पहुंचते हैं और बापू की समाधि पर फूट फूट कर रोते हैं. नसीमुद्दीन सिद्दीकी को लगता है कि मायावती से रार के बाद उनकी जान पर बन आई है.

क्या कपिल मिश्रा को लगने लगा है कि उनकी चिट्ठियों और सत्याग्रह पर अरविंद केजरीवाल का मौन भारी पड़ रहा है? क्या नसीमुद्दीन को लग रहा है कि भले ही वो मायावती का ही दांव उन पर आजमा रहे हों लेकिन वो मायावती के सामने टिक नहीं पाएंगे?

संघर्ष का पथ हमेशा से पथरीला रहा है और जब मामला 'एकला चलो रे' का हो तो मुश्किलें होंगी ही, मानकर चलना चाहिये. मायावती ने तो नसीमुद्दीन पर फौरन ही काउंटर अटैक कर दिया लेकिन कपिल को लेकर केजरीवाल खामोश हैं. ट्वीट करते हैं - सत्यमेव जयते, लेकिन प्रसंग दूसरा होता है.

'एकला चलो' की मुश्किलें

कपिल मिश्रा ने राजघाट पर ही केजरीवाल के खिलाफ दो करोड़ कैश लेने का आरोप लगाया था. एक बार फिर वो उसी जगह पहुंचे. तमिलनाडु के ओ पनीरसेल्वम की तरह ध्यान लगाया और खूब रोये. पनीरसेल्वम ने अपनी नेता जयललिता की समाधि पर प्रार्थना की थी जहां उन्हें विरोध का बल मिला और नयी सियासी चाल सूझी.

जब कपिल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर दो करोड़ कैश लेने का आरोप लगाया तो केजरीवाल के राजनीतिक विरोधियों ने हाथों हाथ लिया, लेकिन दो शख्स ऐसे भी रहे जिन्हें उनकी बात पर यकीन नहीं हुआ. इनमें एक थे कुमार विश्वास जिनके बारे में कहा जा रहा था कि कपिल की पीठ पर उन्हीं का हाथ है और दूसरे योगेंद्र यादव जिन्हें केजरीवाल ने दो साल पहले ही आम आदमी पार्टी से निकाल दिया गया था.

कपिल को योगेंद्र से तो कोई मतलब नहीं था, लेकिन कुमार विश्वास के ट्वीट से उन्हें गहरा धक्का लगा - फिर भी वो डटे रहे और कहा कि वो अकेले ही अपनी लड़ाई लड़ेंगे.

सत्याग्रह में अकेले...

राजघाट पहुंच कर कपिल मिश्रा बोले, 'मैं बहुत अकेला महसूस कर रहा हूं इसलिए राजघाट आया हूं...'

कपिल मिश्रा का कहना है कि वो अभी और नये खुलासे करेंगे जिससे उन लोगों को झटका लगेगा जिन्होंने आम आदमी पार्टी को वोट दिया.

डॉक्टरों ने कपिल मिश्रा को अस्पताल में एडमिट होने की सलाह दी है लेकिन वो अपने सत्याग्रह पर डटे हुए हैं, बावजूद इसके कि उनका शुगर लेवल ही नहीं 'एकला चलो रे' की जिजीविषा लुढ़क कर 'अकेलेपन' पर पहुंच गयी है.

नसीमुद्दीन ने तो मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से सुरक्षा की गुहार लगा डाली है.

जो कुछ बहनजी से सीखा...

केजरीवाल के खिलाफ कपिल मिश्रा के आरोपों की ही तरह नसीमुद्दीन ने भी मायावती पर गंभीर आरोप लगाये हैं, लेकिन बीएसपी नेता ने कोई तवज्जो न देते हुए - काट छांट कर मीडिया के सामने पेश की गयी ऑडियो क्लिप बताया है. मायावती के अहमियत न देने के बावजूद नसीमुद्दीन ने मुख्यमंत्री से संज्ञान में लेने की अपील की है.

मायावती उन्हें टैपिंग ब्लैकमेलर बता चुकी हैं, जबकि नसीमुद्दीन का कहना है कि उन्होंने अपने और अपने परिवार के ऊपर मंडराते खतरे के चलते ऐसा किया है. नसीमुद्दीन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मायावती की ओर से सिखाई गई फोन टैपिंग को जब मायावती पर ही प्रयोग किया तो वो तिलमिला उठीं... मायावती जैसा ब्लैकमेलर तो कोई है ही नहीं.'

जो सिखाया वो किया...

हां, कपिल और नसीमुद्दीन में एक फर्क जरूर देखने को मिला है. कपिल मिश्रा का दावा है कि वो आप सरकार के अकेले मंत्री रहे जिन पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा, कोई सीबीआई या अन्य जांच नहीं चल रही. नसीमुद्दीन पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे हैं और लोकायुक्त ने सीबीआई जांच तक की संस्तुति की थी - लेकिन नसीमुद्दीन इसे नकार देते हैं. दैनिक जागरण के साथ एक इंटरव्यू में तो उन्होंने अलग ही दावे किये.

जब नसीमुद्दीन से पूछा गया - आप तो बसपा में महज एक सिपाही थे तो आपके पास इतनी संपत्ति कहां से आ गई?

सवाल से नाराज नसीमुद्दीन ने पूरा खानदानी इतिहास पेश कर दिया, 'मेरे पिता का नाम कमरुद्दीन, दादा का नाम जहूरूद्दीन, उनके पिता का नाम मुहीउद्दीन और उनके पिता का नाम तैयबउद्दीन था. सीबीआई, ईडी ने भी अपनी जांच में माना है कि तैयबउद्दीन के पास 5013 बीघा जमीन थी. ताज कॉरीडोर जांच में सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मेरे पास आय से अधिक संपत्ति नहीं है.'

अकेलेपन के आंसू...

क्या केजरीवाल का 'सत्यमेव जयते' कपिल मिश्रा के 'सत्याग्रह' पर भारी पड़ रहा है? कपिल हौसलाअफजाई के लिए बापू की शरण लेते हैं तो नसीमुद्दीन यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी से सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं - आखिर 'सत्यमेव जयते' किसके साथ है?

इन्हें भी पढ़ें :

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केजरीवाल की पत्नी सुनीता बनाम कपिल की मां अन्नपूर्णा और दो करोड़ का सवाल

कुरान-हदीस के हवाले से माया का प्रचार करने वाले नसीमुद्दीन अब बसपा के गद्दार !

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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