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कमल हसन तमिलनाडु की राजनीति के बिग बॉस तो नहीं बनना चाहते?

    • प्रमोद माधव
    • Updated: 12 अगस्त, 2017 02:44 PM
  • 12 अगस्त, 2017 02:44 PM
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तमिलनाडु में बिग बॉस शो की एंट्री और कमल हसन का इसे होस्ट करना, इस सुपरस्टार के लिए सोने पर सुहागा जैसा हो गया. कमल हसन ने इस शो को राज्य के लोगों के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए किया.

कमल हसन को कौन नहीं जानता? रील लाइफ के बाद अब रियल लाइफ में भी कमल हसन हीरो की भूमिका निभाते हुए आम लोगों की परेशानियों के मुद्दे पर मुखर हो रहे हैं. जनता की तकलीफों पर अपनी आवाज बुलंद करने के लिए कमल हसन सोशल मीडिया और बिग बॉस शो के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं.

उन्होंने ट्वीटर का इस्तेमाल दुनिया को 140 शब्दों के जरिए अपना रुख बताने के लिए किया और उन्हें इसमें सफलता भी मिली. शब्दों से खेलने में माहिर कमल हसन को पता है लोगों तक अपनी पहुंचाने और उनकी भावनाओं को कैसे छूते हैं. यही कारण है कि 2016 में ही ट्विटर पर आने के बावजूद उन्होंने राजनीतिक गलियारे में दस्तक दे दी है.

फिल्मों के बाद राजनीति में भी कमाल मचाएंगे कमल हसन

एआईएडीएमके सरकार से अपनी खुली आपत्ति और सुब्रमण्यम स्वामी से लगातार टकराव रहा है. लेकिन फिर भी तमिलनाडु में कुछ हिंदू नेताओं द्वारा एक गर्भवती महिला के कत्ल के मुद्दे पर कमल हसन के मैसेज ने लोगों के ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया. इसके बाद से कमल हसन के ट्वीट पर लोगों की दिलचस्पी बढ़ने लगी. खासकर शशीकला पर कटाक्ष करने के बाद से लोगों ने कमल हसन को हाथों-हाथ लेना शुरु कर दिया. हालांकि कमल हसन ने सीधा वार कभी नहीं किया. बल्कि उनके ट्वीट भी इशारों में किए जाते थे लेकिन फिर भी लोगों ने इसे खुब पसंद किया और कईयों ने मजाक भी बनाया. एक तरह से कहें तो कमल हसन के मैसेज भी उनकी फिल्मों की तरह ही होते हैं जिन्हें समझने में लोगों को 10 साल लग जाएंगे.

लेकिन जल्लीकट्टू और नेडुवसल का समर्थन करके कमल हसन ने लोगों को समर्थन अपनी ओर कर लिया. इस तरीके से कमल हसन ने तमिलनाडु राजनीति के धुरंधरों ओ पन्नीरसेल्वम और मौजूदा मुख्यमंत्री ई पलनीसामी से भी ज्यादा लोकप्रियता हासिल कर ली है. यही नहीं डीएमके अध्यक्ष एमके...

कमल हसन को कौन नहीं जानता? रील लाइफ के बाद अब रियल लाइफ में भी कमल हसन हीरो की भूमिका निभाते हुए आम लोगों की परेशानियों के मुद्दे पर मुखर हो रहे हैं. जनता की तकलीफों पर अपनी आवाज बुलंद करने के लिए कमल हसन सोशल मीडिया और बिग बॉस शो के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं.

उन्होंने ट्वीटर का इस्तेमाल दुनिया को 140 शब्दों के जरिए अपना रुख बताने के लिए किया और उन्हें इसमें सफलता भी मिली. शब्दों से खेलने में माहिर कमल हसन को पता है लोगों तक अपनी पहुंचाने और उनकी भावनाओं को कैसे छूते हैं. यही कारण है कि 2016 में ही ट्विटर पर आने के बावजूद उन्होंने राजनीतिक गलियारे में दस्तक दे दी है.

फिल्मों के बाद राजनीति में भी कमाल मचाएंगे कमल हसन

एआईएडीएमके सरकार से अपनी खुली आपत्ति और सुब्रमण्यम स्वामी से लगातार टकराव रहा है. लेकिन फिर भी तमिलनाडु में कुछ हिंदू नेताओं द्वारा एक गर्भवती महिला के कत्ल के मुद्दे पर कमल हसन के मैसेज ने लोगों के ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया. इसके बाद से कमल हसन के ट्वीट पर लोगों की दिलचस्पी बढ़ने लगी. खासकर शशीकला पर कटाक्ष करने के बाद से लोगों ने कमल हसन को हाथों-हाथ लेना शुरु कर दिया. हालांकि कमल हसन ने सीधा वार कभी नहीं किया. बल्कि उनके ट्वीट भी इशारों में किए जाते थे लेकिन फिर भी लोगों ने इसे खुब पसंद किया और कईयों ने मजाक भी बनाया. एक तरह से कहें तो कमल हसन के मैसेज भी उनकी फिल्मों की तरह ही होते हैं जिन्हें समझने में लोगों को 10 साल लग जाएंगे.

लेकिन जल्लीकट्टू और नेडुवसल का समर्थन करके कमल हसन ने लोगों को समर्थन अपनी ओर कर लिया. इस तरीके से कमल हसन ने तमिलनाडु राजनीति के धुरंधरों ओ पन्नीरसेल्वम और मौजूदा मुख्यमंत्री ई पलनीसामी से भी ज्यादा लोकप्रियता हासिल कर ली है. यही नहीं डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन भी कमल हसन के मुरीदो में से एक हैं. स्टालिन ने कमल हसन के ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा कि उनके ट्वीट लोगों के विचारों का आईना हैं.

इस तरह से अपने ताबड़तोड़ ट्वीट के जरिए कमल ने अपने तमिलनाडु की राजनीतिक में अपनी एंट्री के बीज बो दिए हैं और लोगों का रुझान भी अपनी तरफ कर लिया है.

तमिलनाडु की राजनीति के बिग बॉस बनने की तैयारी मैं हैं कमल हसन

बिग बॉस में आना

तमिलनाडु में बिग बॉस शो की एंट्री और कमल हसन का इसे होस्ट करना, इस सुपरस्टार के लिए सोने पर सुहागा जैसा हो गया. कमल हसन ने इस शो को राज्य के लोगों के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए किया. सप्ताहांत में प्रसारित होने वाले इस शो में कमल हसन ने लोगों से जुड़े मुद्दे को उठाने के लिए प्रयोग किया और देखते ही देखते वो लोगों की जुबान पर चढ़ गए. हालांकि इसके कारण उन्हें कई लोगों से धमकियां भी मिली हैं.

यहां तक कि जब शो की एक प्रतियोगी ने साथी प्रतियोगी के लिए गलत भाषा का प्रयोग किया और उसे 'झुग्गी वालों जैसा बर्ताव' करने का आरोप लगाया. तो कमल हसन ने उसे न सिर्फ लाइव टेलिकास्ट के दौरान ही डांटा बल्कि इस मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ही कर डाली. हालांकि वहां उन्होंने इस घटना का समर्थन नहीं किया लेकिन एक बड़ा सवाल जरुर खड़ा दिया. उन्होंने पूछा कि- 'इस शब्द से लोग आहत हो जाते हैं. लेकिन जब किसी पर उसकी जाति को लेकर भद्दा कमेंट किया जाता है आखिर वे लोग चुप्पी क्यों साध लेते है?'

कमल के इस सवाल का जवाब कोई भी नहीं दे पाया. इसी समय कमल हसन ने हर तरफ भ्रष्टाचार की बात करके एआईएडीएमके के मंत्रियों के साथ आमने-सामने की लड़ाई शुरु कर दी.

और जैसा की तय था, शब्दों को समझने में नाकाम रहे मंत्री कमल हसन के बुने इस जाल में फंस गए. झुंझलाहट में कुछ मंत्री कमल हसन की निजी जिंदगी पर टीका-टिपण्णी करने लगे तो कुछ ने उनको धमकियां दे डाली. नतीजा ये हुआ कि कमल हसन के प्रशंसक बौखला गए. हर हफ्ते शो को होस्ट करके कमल हसन ने अपनी राजनीतिक जमीन ही गहरी की है. शशिकला के परापन्ना अग्रहार जेल में पांच स्टार तरीके से रहने के खुलासे के बाद कमल हसन ने शो के एक प्रतिभागी के जरिए कमेंट किया. ये घटना दिखाती है कि कमल हसन अपनी बेबाक राय रखते हैं और लोगों द्वारा इसे पसंद भी किया जा रहा है.

हालांकि कमल हसन ने तमिलनाडु के लिए जरुरी कई मुद्दों पर नहीं बोला है लेकिन जिस तरीके से वो बिग बॉस को होस्ट कर रहे हैं और शो को प्लेटफॉर्म की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. उससे लगता है कि जयललिता की मृत्यु के बाद से खाली पड़ी तमिलनाडु की राजनीति के बिग बॉस की भूमिका में नजर आ सकते हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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