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ISIS लड़ाके महिला से मारे गए तो नहीं जा पाएंगे जन्नत!

    • आईचौक
    • Updated: 11 दिसम्बर, 2015 12:15 PM
  • 11 दिसम्बर, 2015 12:15 PM
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ISIS के लड़ाके महिलाओं से डरते हैं. उन्हें लगता है कि अगर वे किसी महिला के हाथों मारे गए तो उन्हें जन्नत नहीं मिलेगी. अगर वाकई ऐसा है तो कल्पना कीजिए क्या होगा अगर कल केवल महिलाएं ही ISIS के खिलाफ मैदान में उतर गईं.
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पूरी दुनिया में आतंक का खेल खेलने वाले ISIS के आतंकियों को महिलाओं से डर लगता है! बात चौंकाने वाली जरूर है...लेकिन सीरिया में ISIS के खिलाफ मोर्चा खोले कुर्दिश महिलाओं की माने तो यही सच है. ISIS आतंकी नहीं चाहते कि जंग के मैदान में उनका सामना महिलाओं से हो. ये लड़ाके मरने-मारने के लिए तो तैयार है...लेकिन कोई महिला उनकी जान ले..ये इन्हें मंजूर नहीं. अब क्यूं...इसका कारण भी हास्यास्पद है.

ISIS की 'थ्योरी' के अनुसार महिलाओं से रेप, किसी का गला रेंतना, निर्दोषों पर गोली और बम बरसाने से जन्नत तो नसीब होता है. लेकिन अगर महिलाओं के हाथ मारे गए तो जन्नत और हूर से हाथ धो बैठेंगे.

कुर्दिश लड़ाकों की महिला यूनिट

सीरिया और इराक में कुर्द समुदाय के लोगों ने ISIS के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. इस गृह युद्ध में अपनी रक्षा के लिए कुर्द लोगों ने अपनी सेना बना रखी है जिसमें 50,000 लड़ाके शामिल हैं. इसमें 20 फीसदी महिलाएं हैं. ये महिलाएं ही बताती हैं कि ISIS के लड़ाके असल में महिलाओं से डरते हैं. उन्हें लगता है कि अगर वे किसी महिला के हाथों मारे गए तो उन्हें जन्नत नहीं मिलेगी. यहीं नहीं, एक थ्योरी तो यह भी कि फिर जन्नत में उन्हें 72 वर्जिन महिलाएं नहीं मिलेंगी. अब मालूम नहीं इन बे-सिर-पैर वाली थ्योरियों को ISIS के लिए कौन गढ़ता है, लेकिन ये अपने आप में बेहद हास्यास्पद हैं.

अगर वाकई ऐसा है तो कल्पना कीजिए क्या होगा अगर कल केवल महिलाएं ही ISIS के खिलाफ मैदान में उतर गईं. या फिर पूरी दुनिया महिलाओं के हाथों से ही ISIS के ठिकानों पर बम बरसवाने लगे. फिर जन्नत खोजने कहां जाएंगे ISIS के ये दहशतगर्द!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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