• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

एस 400 का भारत आना और चीन-पाक पसीने-पसीने

    • आईचौक
    • Updated: 09 सितम्बर, 2017 11:46 AM
  • 09 सितम्बर, 2017 11:46 AM
offline
एस-400 विमानों के आने से पाकिस्तान पर दबाव और बढ़ जाएगा साथ ही भारत चीन के रक्षा व्यवस्था की बराबरी कर लेगा. चीन पहले ही इस सिस्टम को इंस्टॉल कर चुका है.

भारत के रुस के साथ मैत्री संबंधों का असर एक बार फिर सैन्य व्यापार में दिखने लगा है. भारत जल्द ही रुस से 5 घातक एस-400 ट्राइम्फ एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद कर सकता है. इसके लिए भारतीय वायुसेना ने दो बार टेस्ट ट्रायल किया जो सफल साबित हुए. रुस का ये एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम फाइटर विमानों, निगरानी रखने वाले एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और ड्रोन को 400 किमी दूर दुश्मनों के क्षेत्र में ही नेस्तनाबूद कर सकता है.

मेल टुडे को सरकारी अधिकारियों ने बताया कि- 'रुस में चल रहे एयर डिफेंस सिस्टम का फील्ड ट्रायल पूरा कर लिया गया है और ये सफल भी रहे हैं. ये ट्रायल दो बार किए गए हैं और हम इसके प्रदर्शन से संतुष्ट हैं.' अब विमान बनाने वाली रुस के रक्षा सौदों को देखने वाली एजेंसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट से अनुबंध के नियम और शर्तों पर बातचीत शुरू की जाएगी. इसमें विमान की कीमत पर बातचीत भी शामिल है.

हालांकि 5 एस-400 विमानों की कीमत रुस बहुत ज्यादा लगा रहा है. लेकिन फिर भी भारत इन विमानों को खरीदने का मन चुका है. 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रुस के राष्ट्रपति के बीच इन विमानों की डील 54,000 करोड़ रुपए में तय हुई थी. लेकिन टॉप लेवल की बातचीत के बाद अब ये सौदा 40,000 करोड़ में तय हुआ है. हालांकि इस कीमत में और कमी आने के आसार हैं.

एस-400 पाक के होश उड़ा देगा

इन विमानों के आने से पाकिस्तान पर दबाव और बढ़ जाएगा साथ ही भारत चीन के रक्षा व्यवस्था की बराबरी कर लेगा. चीन पहले ही इस सिस्टम को इंस्टॉल कर चुका है.

ट्रायम्फ की खासियत?

रुस के अल्माज़ अंटे कंपनी द्वारा बनाए जाने वाले इस मिसाइल सिस्टम में रडार के कुछ सेट, मिसाइल लॉन्चर और कमांड पोस्ट होते हैं. हर सिस्टम...

भारत के रुस के साथ मैत्री संबंधों का असर एक बार फिर सैन्य व्यापार में दिखने लगा है. भारत जल्द ही रुस से 5 घातक एस-400 ट्राइम्फ एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद कर सकता है. इसके लिए भारतीय वायुसेना ने दो बार टेस्ट ट्रायल किया जो सफल साबित हुए. रुस का ये एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम फाइटर विमानों, निगरानी रखने वाले एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और ड्रोन को 400 किमी दूर दुश्मनों के क्षेत्र में ही नेस्तनाबूद कर सकता है.

मेल टुडे को सरकारी अधिकारियों ने बताया कि- 'रुस में चल रहे एयर डिफेंस सिस्टम का फील्ड ट्रायल पूरा कर लिया गया है और ये सफल भी रहे हैं. ये ट्रायल दो बार किए गए हैं और हम इसके प्रदर्शन से संतुष्ट हैं.' अब विमान बनाने वाली रुस के रक्षा सौदों को देखने वाली एजेंसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट से अनुबंध के नियम और शर्तों पर बातचीत शुरू की जाएगी. इसमें विमान की कीमत पर बातचीत भी शामिल है.

हालांकि 5 एस-400 विमानों की कीमत रुस बहुत ज्यादा लगा रहा है. लेकिन फिर भी भारत इन विमानों को खरीदने का मन चुका है. 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रुस के राष्ट्रपति के बीच इन विमानों की डील 54,000 करोड़ रुपए में तय हुई थी. लेकिन टॉप लेवल की बातचीत के बाद अब ये सौदा 40,000 करोड़ में तय हुआ है. हालांकि इस कीमत में और कमी आने के आसार हैं.

एस-400 पाक के होश उड़ा देगा

इन विमानों के आने से पाकिस्तान पर दबाव और बढ़ जाएगा साथ ही भारत चीन के रक्षा व्यवस्था की बराबरी कर लेगा. चीन पहले ही इस सिस्टम को इंस्टॉल कर चुका है.

ट्रायम्फ की खासियत?

रुस के अल्माज़ अंटे कंपनी द्वारा बनाए जाने वाले इस मिसाइल सिस्टम में रडार के कुछ सेट, मिसाइल लॉन्चर और कमांड पोस्ट होते हैं. हर सिस्टम का रडार एक साथ 100 से 300 टारगेट ट्रैक कर सकता है. 600 किमी के ट्रैकिंग वाला ये मिसाइल सिस्टम 400 किमी तक की दूरी में एक साथ 36 टारगेट का सामना कर सकता है. इस मिसाइल सिस्टम से भारत को पाकिस्तान के हर एयर बेस तक पहुंच हो जाएगी. वहीं दूसरी तरफ तिब्बत में चीन के संसाधनों तक भी भारत की पकड़ बन जाएगी.

रुस के इस एयर डिफेंस सिस्टम को भारतीय वायुसेना, भारत-इजराइल के संयुक्त उपक्रम से बने मध्यम रेंज जमीन से हवा में मार करने वाले एयर मिसाइल सिस्टम औ इजरायल से खरीदे गए स्पाइडर सिस्टम के साथ इस्तेमाल करेगी. इसके साथ ही भारत ने आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सहित अपना एक कम दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम भी बना लिया है. साथ ही साथ डीआरडीओ ने जमीन से हवा में मार करने वाले एयर मिसाइल सिस्टम का भी सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है.

पूरे विश्व में ऐसे मिसाइल सिस्टम स्थापित किए जाते हैं जो कई विभिन्न रेंजो पर मार कर सकें. इन्हें बैकअप के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है ताकि एक अगर निशाना चूक गया तो दूसरा तो दुश्मन के छक्के छुड़ा दे.

ये भी पढ़ें-

एस-400 के सामने अब क्या करेगा पाकिस्तान?

भारत-रूस संबंधों की गर्माहट देख ठंडा पड़ गया पाक

अमेरिका-रूस संबंधों में टकराव के भारत के लिए मायने


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲