यूं तो कश्मीर घाटी हर वक्त किसी न किसी बहाने सुर्खियों में रहती है, लेकिन पिछले एक सप्ताह से अब्दुल्ला परिवार मे पत्थरबाजों व पाकिस्तान के लिए अचानक उत्पन्न हुआ प्रेम हिलोरे मार रहा है.
फारुख अब्दुल्ला ने तो यहां तक कहा दिया है कि पत्थरबाज सरकार प्रायोजित हैं. यानि कश्मीर की बीजेपी-पीडीपी सरकार यह काम कर रही हैं. आगे चलकर फारुख कहते हैं कि लोग वोट देने के लिए बाहर न आ सकें इसलिए सरकार ने जानबूझकर पत्थरबाजी करवाई. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सभी को एक नजर से देखना सही नहीं है. अगर कुछ सीआरपीएफ के जवानों पर पत्थर मार रहे हैं तो इसमें कुछ सरकार द्वारा प्रायोजित भी हैं. इसकी जांच होनी चाहिए.
बयानबाजी की शुरुआत होती है प्रधानमंत्री के कश्मीर दौरे से. अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि घाटी के युवा टेररिज्म को नहीं, टूरिज्म को चुनें. जिसका जवाब फारुख अब्दुल्ला ने अप्रैल 5 को श्रीनगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दिया. उन्होंने कहा कि पथराव करने वाले युवक अपनी जान पर्यटन के लिए नहीं, बल्कि कश्मीर मसले को अपने लोगों की इच्छा के अनुरूप सुलझाने के लिए दे रहे हैं.
तो फारुख अब्दुल्ला की इस बौखलाहट के पीछे आखिर मंशा है क्या ? केवल श्रीनगर लोकसभा सीट से चुनाव जीतना या कश्मीर युवकों की वाह वाही लूटना चाहते हैं. कुछ उसी तरह की भाषा उनके बेटे उमर भी बोल रहे हैं. उनके बेटे ने अपने ट्वीट में एक वीडियो डालकर कहा है.
शेख...
यूं तो कश्मीर घाटी हर वक्त किसी न किसी बहाने सुर्खियों में रहती है, लेकिन पिछले एक सप्ताह से अब्दुल्ला परिवार मे पत्थरबाजों व पाकिस्तान के लिए अचानक उत्पन्न हुआ प्रेम हिलोरे मार रहा है.
फारुख अब्दुल्ला ने तो यहां तक कहा दिया है कि पत्थरबाज सरकार प्रायोजित हैं. यानि कश्मीर की बीजेपी-पीडीपी सरकार यह काम कर रही हैं. आगे चलकर फारुख कहते हैं कि लोग वोट देने के लिए बाहर न आ सकें इसलिए सरकार ने जानबूझकर पत्थरबाजी करवाई. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सभी को एक नजर से देखना सही नहीं है. अगर कुछ सीआरपीएफ के जवानों पर पत्थर मार रहे हैं तो इसमें कुछ सरकार द्वारा प्रायोजित भी हैं. इसकी जांच होनी चाहिए.
बयानबाजी की शुरुआत होती है प्रधानमंत्री के कश्मीर दौरे से. अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि घाटी के युवा टेररिज्म को नहीं, टूरिज्म को चुनें. जिसका जवाब फारुख अब्दुल्ला ने अप्रैल 5 को श्रीनगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दिया. उन्होंने कहा कि पथराव करने वाले युवक अपनी जान पर्यटन के लिए नहीं, बल्कि कश्मीर मसले को अपने लोगों की इच्छा के अनुरूप सुलझाने के लिए दे रहे हैं.
तो फारुख अब्दुल्ला की इस बौखलाहट के पीछे आखिर मंशा है क्या ? केवल श्रीनगर लोकसभा सीट से चुनाव जीतना या कश्मीर युवकों की वाह वाही लूटना चाहते हैं. कुछ उसी तरह की भाषा उनके बेटे उमर भी बोल रहे हैं. उनके बेटे ने अपने ट्वीट में एक वीडियो डालकर कहा है.
शेख मुस्तफा कमाल नेशनल कॉफ्रेंस पार्टी के वरिष्ठ नेता, व फारुख अब्दुल्ला के भाई हैं. भाई मुस्तफा कमाल कहां पीछे रहने वाले थे कुलभूषण जाधव की फांसी पर पाकिस्तान के पक्ष में कहते हैं 'ये पाकिस्तान के कानून सम्मत कार्रवाई है, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत का पाक पर उंगली उठाना ठीक नहीं है'.
स्पष्ट क्यों नहीं कह देते आप भारत से क्या अपेक्षा रखते हैं. एक पत्थरबाजों की सराहना करता है, दूसरा पाकिस्तान पर उंगली ना उठाने की बात करता है व तीसरा सुरक्षा बलों पर हाल ही में आये वीडियो के बदले दूसरा वीडियो दिखता है.
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लानत है फारुख अब्दुल्ला साहब, आप उमर को पत्थरबाज नहीं बना पाए !
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