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एक कार्टूनिस्ट, जिसने आपातकाल में किया इंदिरा पर हमला...

    • धीरेंद्र राय
    • Updated: 25 जून, 2015 03:08 PM
  • 25 जून, 2015 03:08 PM
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देश में आपातकाल की घोषणा करने से पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रेस की आजादी पर हमला बोला. लेकिन उस दौर में कुछ कार्टूनिस्ट नहीं रुके. ऐसे ही एक कार्टूनिस्ट थे अबू अब्राहम.

देश में आपातकाल की घोषणा करने से पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रेस की आजादी पर हमला बोला. अखबारों को सरकार की आलोचना करने से रोक दिया गया. लेकिन उस दौर में कुछ कार्टूनिस्ट नहीं रुके. ऐसे ही एक कार्टूनिस्ट थे अबू अब्राहम. जिन्होंने इंदिरा गांधी और उनकी तानाशाही पर तीखा हमला बोला.

1. राष्ट्रपति का पद रबर स्टांप वाला है, इसे सबसे पहले अब्राहम ने कार्टून से बताया कि किस तरह राष्ट्रपति फकरुद्दीन अहमद ने बिना ज्यादा-सवाल जवाब किए आपातकाल लागू करने के अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए.

 

2. आपातकाल ने कांग्रेस में चाटूकारिता को चरम पर खड़ा कर दिया. अबू अब्राहम ने आपातकाल के नारे श्रमेव-जयते (श्रम की ही जीत है) को अपने कार्टून का विषय बनाया और बताया कि किस तरह कांग्रेस में चाटूकारिता ही सबसे बड़ा काम बनकर रह गया है. पूरी पार्टी में यदि सबसे बड़ी कोई चीज है तो वह इंदिरा की कृपा.

 

3. आपातकाल में इंदिरा ने क्रांति लाने की बात कही थी, लेकिन उनके कैबिनेट सहयोगियों की स्थिति बेहद खराब थी. उनके मानसिक दीवालिएपन को अबू ने कुछ इस तरह रेखांकित किया.

देश में आपातकाल की घोषणा करने से पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रेस की आजादी पर हमला बोला. अखबारों को सरकार की आलोचना करने से रोक दिया गया. लेकिन उस दौर में कुछ कार्टूनिस्ट नहीं रुके. ऐसे ही एक कार्टूनिस्ट थे अबू अब्राहम. जिन्होंने इंदिरा गांधी और उनकी तानाशाही पर तीखा हमला बोला.

1. राष्ट्रपति का पद रबर स्टांप वाला है, इसे सबसे पहले अब्राहम ने कार्टून से बताया कि किस तरह राष्ट्रपति फकरुद्दीन अहमद ने बिना ज्यादा-सवाल जवाब किए आपातकाल लागू करने के अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए.

 

2. आपातकाल ने कांग्रेस में चाटूकारिता को चरम पर खड़ा कर दिया. अबू अब्राहम ने आपातकाल के नारे श्रमेव-जयते (श्रम की ही जीत है) को अपने कार्टून का विषय बनाया और बताया कि किस तरह कांग्रेस में चाटूकारिता ही सबसे बड़ा काम बनकर रह गया है. पूरी पार्टी में यदि सबसे बड़ी कोई चीज है तो वह इंदिरा की कृपा.

 

3. आपातकाल में इंदिरा ने क्रांति लाने की बात कही थी, लेकिन उनके कैबिनेट सहयोगियों की स्थिति बेहद खराब थी. उनके मानसिक दीवालिएपन को अबू ने कुछ इस तरह रेखांकित किया.

 

कार्टूनिस्ट अबू अब्राहम के बारे 5 बातें:

  1. मशहूर कार्टूनिस्ट अबू अब्राहम केरल के मेविलिकारा में 1924 में जन्मे और आजीवन नास्त‍िक रहे.
  2. बाम्बे क्रानिकल, शंकर्स वीकली, ब्ल‍िट्ज में काम करने के बाद वे लंदन चले गए और वहां ट्रिब्यून और द ऑब्जर्वर में काम किया.
  3. ब्रिटेन में काम करते हुए वे दुनिया के कई हिस्सों में गए और वहां उन्होंने रिपोर्ट ड्राइंग बनाईं. 1962 में उन्होंने क्यूबा जाकर चे गुआरा को रेखांकित किया. और एक नाइटक्लब में फिदेल कास्त्रो के साथ तीन घंटे बिताए. 1968 में उन्होंने वियेतनाम युद्ध पर कई कार्टून बनाए.
  4. लेकिन 40 साल के अपने करिअर का सबसे और अंतिम पड़ाव उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस के साथ पूरा किया. जिसमें आपातकाल वाला दौर आया.
  5. 1972 से 1978 तक वे राज्यसभा के लिए नामित हुए. लेकिल आपातकाल लगाए जाने के कारण वे इंदिरा विरोधी हो गए. उन्होंने सर्वाधिक कार्टून राजनीति में भ्रष्टाचार पर बनाए. 2002 में उनका निधन हो गया.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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