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ISIS से ज्यादा बड़ा शैतान है एक संगठन, लेकिन...

    • आईचौक
    • Updated: 23 नवम्बर, 2015 02:31 PM
  • 23 नवम्बर, 2015 02:31 PM
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नाइजीरिया का एक आतंकी संगठन ISIS से भी ज्यादा खतरनाक और क्रूर हैं और इसने पिछले साल ISIS से भी ज्यादा हत्याएं की हैं, लेकिन फिर भी क्यों पश्चिमी देशों की नजर इसके खात्मे पर नहीं है?

भले ही आपको लगता है कि ISIS दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन है, जिसे अमेरिका, रूस और फ्रांस सहित दुनिया के तमाम ताकतवर देश मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बता रहे हैं. लेकिन एक आतंकी संगठन निर्दयता और क्रूरता के मामले में ISIS से भी ज्यादा खतरनाक है. इसका नाम है बोको हराम, नाइजीरिया में सक्रिय एक इस्लामी चरमपंथी गुट.

किसी को भी हैरानी हो सकती है कि अमेरिका सहित सभी पश्चिमी देशों का ध्यान सिर्फ ISIS के ही खात्मे पर है लेकिन कोई बोको हराम के खिलाफ कार्रवाई की बात नहीं करता. इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक एंड पीस द्वारा जारी ग्लोबल टेररिजम इंडेक्स 2015 के डेटा से पता चलता है कि बोको हराम ISIS से भी ज्यादा खतरनाक है. आइए जानें कैसे-

ISIS से भी ज्यादा खतरनाक बोको हरामः बोको हराम का मतलब पश्चिमी या गैर इस्‍लामी शिक्षा पाप है. 2009 से अबूबकर शेकऊ के नेतृत्‍व में सक्रिय यह संगठन पहले अलकायदा से जुड़ा था और अब ISIS से. अब तक करीब 23 लाख लोगों को इस संगठन की हिंसा के कारण नाइजीरिया से विस्थापित होना पड़ा है. आत्मघाती हमले, मशीनगनों से हमले, किडनैपिंग मासूम लड़कियों के अपहरण, रेप, आम नागरिकों की निर्मम हत्याओं में शामिल यह संगठन दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन बनकर उभरा है.

ग्लोबल टेररिजम इंडेक्स 2015 के डेटा भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि बोको हराम ISIS से ज्यादा बड़ा शैतान है.

1. वर्ष 2014 में बोको हराम ने नाइजीरिया में 6664 लोगों की हत्याएं कीं जबकि इस दौरान ISIS ने 6073 लोगों को मौत के घाट उतारा. हालांकि, कुछ अन्‍य संगठन बोको हराम आतंकियों के हाथों मारे गए लोगों का आंकड़ा दस हजार से ज्‍यादा बताते हैं.

2. ISIS ने जहां पिछले वर्ष 44 फीसदी आम नागरिकों को मौत के घाट उतारा तो वहीं बोको हराम ने 77 फीसदी आम लोगों की हत्याएं कीं.

3. नाइजीरिया में 2014 में आतंकी वारदातों में दुनिया में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई. 2013 के मुकाबले...

भले ही आपको लगता है कि ISIS दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन है, जिसे अमेरिका, रूस और फ्रांस सहित दुनिया के तमाम ताकतवर देश मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बता रहे हैं. लेकिन एक आतंकी संगठन निर्दयता और क्रूरता के मामले में ISIS से भी ज्यादा खतरनाक है. इसका नाम है बोको हराम, नाइजीरिया में सक्रिय एक इस्लामी चरमपंथी गुट.

किसी को भी हैरानी हो सकती है कि अमेरिका सहित सभी पश्चिमी देशों का ध्यान सिर्फ ISIS के ही खात्मे पर है लेकिन कोई बोको हराम के खिलाफ कार्रवाई की बात नहीं करता. इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक एंड पीस द्वारा जारी ग्लोबल टेररिजम इंडेक्स 2015 के डेटा से पता चलता है कि बोको हराम ISIS से भी ज्यादा खतरनाक है. आइए जानें कैसे-

ISIS से भी ज्यादा खतरनाक बोको हरामः बोको हराम का मतलब पश्चिमी या गैर इस्‍लामी शिक्षा पाप है. 2009 से अबूबकर शेकऊ के नेतृत्‍व में सक्रिय यह संगठन पहले अलकायदा से जुड़ा था और अब ISIS से. अब तक करीब 23 लाख लोगों को इस संगठन की हिंसा के कारण नाइजीरिया से विस्थापित होना पड़ा है. आत्मघाती हमले, मशीनगनों से हमले, किडनैपिंग मासूम लड़कियों के अपहरण, रेप, आम नागरिकों की निर्मम हत्याओं में शामिल यह संगठन दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन बनकर उभरा है.

ग्लोबल टेररिजम इंडेक्स 2015 के डेटा भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि बोको हराम ISIS से ज्यादा बड़ा शैतान है.

1. वर्ष 2014 में बोको हराम ने नाइजीरिया में 6664 लोगों की हत्याएं कीं जबकि इस दौरान ISIS ने 6073 लोगों को मौत के घाट उतारा. हालांकि, कुछ अन्‍य संगठन बोको हराम आतंकियों के हाथों मारे गए लोगों का आंकड़ा दस हजार से ज्‍यादा बताते हैं.

2. ISIS ने जहां पिछले वर्ष 44 फीसदी आम नागरिकों को मौत के घाट उतारा तो वहीं बोको हराम ने 77 फीसदी आम लोगों की हत्याएं कीं.

3. नाइजीरिया में 2014 में आतंकी वारदातों में दुनिया में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई. 2013 के मुकाबले में यहां आतंकी घटनाओं मे 300 फीसदी का इजाफा हुआ और इन घटनाओं में 7512 लोगों की मौतें हुई. ज्यादातर मौतों के लिए बोको हराम ही जिम्मेदार था.

4. 2014 में आतंकवाद के कारण दुनिया में हुई कुल मौतों में से 51 फीसदी के लिए बोको हराम और ISIS जिम्मेदार हैं.

5. वर्ष 2014 में आतंकवाद के कारण 32658 लोगों की मौतें हुई जोकि अब तक सबसे ज्यादा है और यह 2013 में हुई 18111 मौतों की तुलना में 80 फीसदी ज्यादा है.

6. पिछले साल दुनिया भर के 57 फीसदी आतंकी हमले और इनके कारण हुईं 78 फीसदी मौतें सिर्फ पांच देशों: अफगानिस्तान, इराक, नाइजीरिया, पाकिस्तान और सीरिया में हुईं.

7. वर्ष 2000 से लेकर 2014 तक दुनिया भर में 61 हजार से ज्यादा आतंकी हमलों में 1 लाख 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.

खैर, बोको हराम की बर्बरता के ये आंकड़े पश्चिमी देशों को परेशान नहीं करते हैं. क्‍योंकि इस संगठन की हिंसा में किसी पश्चिमी देश पर सीधा असर नहीं पड़ रहा. जबकि ISIS से उन्‍हें सीधी चुनौती है. तो जाहिर है ये लड़ाई आतंक के खिलाफ न होकर, निजी दुश्‍मनी की है. मामला मानवता का नहीं, अपने निजी हितों का है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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