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बिहार में आंधी और गुजरात में तूफान लाने के बाद यूपी पहुंची बीजेपी की सुनामी

    • आईचौक
    • Updated: 29 जुलाई, 2017 06:17 PM
  • 29 जुलाई, 2017 06:17 PM
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ये तो मान लिया गया कि अमित शाह ने गुजरात की राजनीति में उन्होंने नहीं लौटने का संकेत दिया है, लेकिन राज्य सभा में वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बन कर सभापति की कुर्सी संभालने और अरुण जेटली जैसे दिग्गज नेताओं के बीच उनकी मौजूदगी की बीजेपी को क्या जरूरत आन पड़ी है?

कयास लगाने वाले अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाये कि आखिर अमित शाह राज्य सभा क्यों जा रहे हैं? जानकारों के लिए ये समझना भी मुश्किल हो रहा है कि सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के लिए राज्य सभा चुनाव जीतना वास्तव में कठिन हो गया है?

ये तो मान लिया गया कि शाह ने गुजरात की राजनीति में उन्होंने नहीं लौटने का संकेत दिया है, लेकिन राज्य सभा में वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बन कर सभापति की कुर्सी संभालने और अरुण जेटली जैसे दिग्गज नेताओं के बीच उनकी मौजूदगी की बीजेपी को क्या जरूरत आन पड़ी है?

इस बीच बिहार की राजनीति में हड़कंप मचाने के बाद बीजेपी की आंधी तूफान बन कर गुजरात पहुंची और शाह के लखनऊ में कदम रखने के साथ ही सुनामी ने यूपी में कहर मचा दिया.

तेजी से बढ़ता बीजेपी का राम-साम्राज्य

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण के मौके पर 'जय श्रीराम' के नारे तो गूंजे ही, नीतीश के विश्वास मत हासिल करने के दौरान भी वही दोहराया गया. नीतीश की जीत के बाद जेडीयू नेता फिरोज अहमद विधानसभा परिसर में 'जय श्रीराम' के नारे लगाते देखे गये. ये सुन कर बीजेपी विधायक मुस्कुरा रहे थे. पूर्व मंत्री फिरोज ने कहा कि अगर जय श्रीराम के नारे लगाने से बिहार के लोगों का फायदा हो, तो वो सुबह-शाम जयश्री राम बोलने को तैयार हैं.

स्वर्णिम अच्छे दिन आने वाले हैं!

यूपी में समाजवादी पार्टी छोड़ने वाले बुक्कल नवाब ने कहा कि बीजेपी अच्छा काम कर रही है. नवाब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्लोगन 'सबका साथ-सबका विकास' और यूपी में योगी सरकार के कामकाज की भी दिल खोल कर तारीफ की. समाजवादी पार्टी से बुरी तरह खफा नवाब ने यहां तक कहा कि अयोध्या में ही राम मंदिर बनेगा.

बिहार और यूपी ही नहीं बीजेपी का जादू कई जगह दूसरे...

कयास लगाने वाले अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाये कि आखिर अमित शाह राज्य सभा क्यों जा रहे हैं? जानकारों के लिए ये समझना भी मुश्किल हो रहा है कि सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के लिए राज्य सभा चुनाव जीतना वास्तव में कठिन हो गया है?

ये तो मान लिया गया कि शाह ने गुजरात की राजनीति में उन्होंने नहीं लौटने का संकेत दिया है, लेकिन राज्य सभा में वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बन कर सभापति की कुर्सी संभालने और अरुण जेटली जैसे दिग्गज नेताओं के बीच उनकी मौजूदगी की बीजेपी को क्या जरूरत आन पड़ी है?

इस बीच बिहार की राजनीति में हड़कंप मचाने के बाद बीजेपी की आंधी तूफान बन कर गुजरात पहुंची और शाह के लखनऊ में कदम रखने के साथ ही सुनामी ने यूपी में कहर मचा दिया.

तेजी से बढ़ता बीजेपी का राम-साम्राज्य

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण के मौके पर 'जय श्रीराम' के नारे तो गूंजे ही, नीतीश के विश्वास मत हासिल करने के दौरान भी वही दोहराया गया. नीतीश की जीत के बाद जेडीयू नेता फिरोज अहमद विधानसभा परिसर में 'जय श्रीराम' के नारे लगाते देखे गये. ये सुन कर बीजेपी विधायक मुस्कुरा रहे थे. पूर्व मंत्री फिरोज ने कहा कि अगर जय श्रीराम के नारे लगाने से बिहार के लोगों का फायदा हो, तो वो सुबह-शाम जयश्री राम बोलने को तैयार हैं.

स्वर्णिम अच्छे दिन आने वाले हैं!

यूपी में समाजवादी पार्टी छोड़ने वाले बुक्कल नवाब ने कहा कि बीजेपी अच्छा काम कर रही है. नवाब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्लोगन 'सबका साथ-सबका विकास' और यूपी में योगी सरकार के कामकाज की भी दिल खोल कर तारीफ की. समाजवादी पार्टी से बुरी तरह खफा नवाब ने यहां तक कहा कि अयोध्या में ही राम मंदिर बनेगा.

बिहार और यूपी ही नहीं बीजेपी का जादू कई जगह दूसरे दलों के विधायकों के सिर चढ़ कर बोलने लगा है. गुजरात में तो सियासी बाढ़ का पानी खतरे के निशान से इतना ऊपर बहने लगा कि कांग्रेस को अपने विधायकों को काबू में रखने के लिए अहमदाबाद से बेंगलुरू की फ्लाइट से भेजना पड़ा.

विपक्ष के निशाने पर बीजेपी

गुजरात कांग्रेस के बाद यूपी में समाजवादी पार्टी और बीएसपी में मची भगदड़ के बाद यूपी के दोनों लड़कों ने एक ही अंदाज में बीजेपी पर हमला बोला है. छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि उन्हें मुख्यमंत्री रमन सिंह का भ्रष्टाचार क्यों नहीं दिखाई देता? उधर, लखनऊ में अखिलेश यादव ने बीजेपी पर राजनीतिक भ्रष्टाचार का इल्जाम लगाया.

जगदलपुर पहुंचे राहुल गांधी ने कहा, "पनामा पेपर्स में नाम आने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया. इसमें छत्तीसगढ़ के सीएम और उनके परिवार का नाम भी था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.' हालांकि, हकीकत ये है कि नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच के फैसले के बाद इस्तीफा दिया है.

नीतीश के साथ छोड़ देने के बाद विपक्ष कुछ ज्यादा ही सक्रिय और एकजुट दिख रहा है. बीजेपी के खौफ ने अखिलेश यादव और मायावती दोनों को और करीब ला दिया है. फूलपुर लोकसभा सीट से मायावती के उपचुनाव लड़ने की चर्चा है. हालांकि, बीजेपी के भी रणनीति बदल कर केशव प्रसाद मौर्या के केंद्र में लाये जाने की भी खबर आने लगी है. मायावती के समर्थन को लेकर अखिलेश ने अपना इरादा जाहिर कर दिया है, "अगर मायावती चुनाव लड़ती हैं तो मैं केवल इतना कहूंगा कि समाजवादियों के सबसे अच्छे संबंध हैं. परिस्थिति के अनुसार राजनीति में किसकी कब मदद करनी पड़े, उसके लिए तैयार रहना चाहिए."

राहुल और अखिलेश के साथ साथ मायावती ने भी बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बीजेपी की सत्ता की भूख ने सारी सीमाएं तोड़ दी हैं. मायावती बोलीं, "मणिपुर, गोवा, बिहार, गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश की घटनाएं बताती हैं कि वे लोकतंत्र के लिए खतरा हैं."

इसी दौरान तेजस्वी के भी बिहार के दौरे पर निकलने की बात चल रही है. भ्रष्टाचार को लेकर लालू परिवार के खिलाफ नीतीश के तीखे तेवर के बाद लालू और उनकी मंडली लड़ाई को सीधे जनता की अदालत में ले जाना चाहती है. कोर्ट की तारीख के चलते लालू प्रसाद को रांची पटना एक करना पड़ रहा है.

नीतीश के पाला बदलने के बाद बीजेपी मान कर चलने लगी है कि उसके ताबड़तोड़ हमलों से विपक्ष को जो चोट लगी है उसका एकजुट रहना और खड़ा होना मुश्किल है. अब बीजेपी की नजर विपक्ष के उस जमावड़े पर होगी जो 27 अगस्त को शक्ति प्रदर्शन के रूप में पटना में होने वाला है.

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