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अमेठी के बाद मुलायम और डिंपल की सीटों पर भी बीजेपी की नजर...

    • आईचौक
    • Updated: 06 अक्टूबर, 2017 08:28 PM
  • 06 अक्टूबर, 2017 08:28 PM
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योगी सरकार के आ जाने के बाद बीजेपी यूपी से सौ फीसदी नतीजे चाहती है. 2014 में लोक सभा की जो सात सीटें हाथ से फिसल गयी थीं, आगे से उन्हें अपने नाम करने के लिए बीजेपी अभी से जुट गयी है.

जिस तरह अमेठी में राहुल गांधी जमे हुए हैं, जल्द ही मुलायम सिंह यादव और डिंपल यादव भी अपने इलाकों में डेरा जमाये देखे जा सकते हैं. बीजेपी के इरादों को भांप कर ही राहुल गांधी अमेठी पहुंचे और तीन दिन तक लोगों के बीच बने रहे.

दरअसल, बीजेपी यूपी की उन सातों सीटों पर फोकस करने जा रही है जो 2014 में उसके हाथ से फिसल गयी थीं. 10 अक्टूबर को अमित शाह और मोदी सरकार के मंत्रियों का अमेठी दौरा बीजेपी के इसी अभियान का आगाज समझा जा रहा है.

यूपी की वो सात सीटें

2014 के आम चुनाव में बीजेपी को 71 और उसकी सहयोगी अपना दल को दो सीटें मिली थीं. यूपी के हिसाब से तो ये बड़ी जीत थी लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान से तुलना करें तो वे आगे नजर आते हैं. अलगे चुनाव में, भले ही वो 2019 या फिर 2018 में हो, बीजेपी बचे सातों सीटों को अपने नाम करना चाहती है.

अबकी बार...

ये सात सीटें हैं - अमेठी, रायबरेली, आजमगढ़, कन्नौज, मैनपुरी, फिरोजाबाद और बदायूं. इन सात सीटों पर सिर्फ दो परिवारों का कब्जा है. इनमें से दो सीटें कांग्रेस के पास हैं जबकि बाकी पांच मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के पास. अमेठी से राहुल गांधी सांसद हैं और रायबरेली से सोनिया गांधी. इसी तरह पांच सीटों पर मुलायम सिंह यादव, उनकी बहू डिंपल यादव के अलावा उनके परिवार के तेज प्रताब यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव का कब्जा है.

क्या हैं बीजेपी के इरादे...

अमेठी दौरे पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ बीजेपी नेताओं के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, नितिन गडकरी और मनोज सिन्हा के भी पहुंचने की संभावना है. अमित शाह वहां रैली करेंगे जबकि मंत्रिगण अपने अपने विभागों के प्रोजेक्ट की नींव रखेंगे या जो पूरे हो गये हैं उनका उद्घाटन...

जिस तरह अमेठी में राहुल गांधी जमे हुए हैं, जल्द ही मुलायम सिंह यादव और डिंपल यादव भी अपने इलाकों में डेरा जमाये देखे जा सकते हैं. बीजेपी के इरादों को भांप कर ही राहुल गांधी अमेठी पहुंचे और तीन दिन तक लोगों के बीच बने रहे.

दरअसल, बीजेपी यूपी की उन सातों सीटों पर फोकस करने जा रही है जो 2014 में उसके हाथ से फिसल गयी थीं. 10 अक्टूबर को अमित शाह और मोदी सरकार के मंत्रियों का अमेठी दौरा बीजेपी के इसी अभियान का आगाज समझा जा रहा है.

यूपी की वो सात सीटें

2014 के आम चुनाव में बीजेपी को 71 और उसकी सहयोगी अपना दल को दो सीटें मिली थीं. यूपी के हिसाब से तो ये बड़ी जीत थी लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान से तुलना करें तो वे आगे नजर आते हैं. अलगे चुनाव में, भले ही वो 2019 या फिर 2018 में हो, बीजेपी बचे सातों सीटों को अपने नाम करना चाहती है.

अबकी बार...

ये सात सीटें हैं - अमेठी, रायबरेली, आजमगढ़, कन्नौज, मैनपुरी, फिरोजाबाद और बदायूं. इन सात सीटों पर सिर्फ दो परिवारों का कब्जा है. इनमें से दो सीटें कांग्रेस के पास हैं जबकि बाकी पांच मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के पास. अमेठी से राहुल गांधी सांसद हैं और रायबरेली से सोनिया गांधी. इसी तरह पांच सीटों पर मुलायम सिंह यादव, उनकी बहू डिंपल यादव के अलावा उनके परिवार के तेज प्रताब यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव का कब्जा है.

क्या हैं बीजेपी के इरादे...

अमेठी दौरे पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ बीजेपी नेताओं के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, नितिन गडकरी और मनोज सिन्हा के भी पहुंचने की संभावना है. अमित शाह वहां रैली करेंगे जबकि मंत्रिगण अपने अपने विभागों के प्रोजेक्ट की नींव रखेंगे या जो पूरे हो गये हैं उनका उद्घाटन करेंगे.

वे तो बस मुहर लगाये जा रहे हैं...

इंडियन एक्सप्रेस ने एक बीजेपी नेता के हवाले से खबर दी है कि बाकी छह लोक सभा क्षेत्रों में भी ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित किये जाने हैं. अखबार से बातचीत में बीजेपी नेता का कहना है कि पार्टी को इन सीटों पर जीत की उम्मीद की वजह वोट शेयर में कई गुना बढ़ोतरी है. 2009 में बीजेपी को इन सीटों पर मिले वोटों और 2014 के वोट शेयर की तुलना करें तो आजमगढ़ को छोड़ कर हर जगह कई गुणा बढ़ा है. आजमगढ़ में बीजेपी का वोट शेयर 2009 की तुलना में 2014 में घट गया था. 2009 में ये सीट बीजेपी के ही पास थी जिसे 2014 में मुलायम सिंह यादव ने झटक लिया. बाकी सीटों को देखें तो अमेठी और रायबरेली दोनों जगह बीजेपी ने अपने वोट शेयर में पांच गुणा से ज्यादा इजाफा दर्ज किया है.

तो क्या सभी संसदीय क्षेत्रों के लिए इसी तरह अमित शाह के कार्यक्रम बनाये गये हैं. रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी नेता ने बताया कि शाह के लिए हर जगह जाना तो मुमकिन नहीं होगा, लेकिन दूसरे सीनियर नेताओं का कार्यक्रम जरूर बनेगा.

दरअसल, मोदी सरकार ये मैसेज देना चाहती है कि विकास ही उसके एजेंडे में सबसे ऊपर है. बीजेपी ये भी जताना चाहती है कि उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि इलाके के लोगों ने किसे वोट दिया है और कौन कहां से लोक सभा में प्रतिनिधित्व करता है.

लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस ने बीजेपी के इन कार्यक्रमों को ड्रामा करार दिया है. राहुल गांधी ने बीजेपी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जो काम अमेठी के लिए कांग्रेस ने कराये बीजेपी उन्हीं पर अपना दावा ठोक रही है. राहुल के मुताबिक जो 10-12 काम अमेठी में यूपीए सरकार में हुए बीजेपी उन सभी को अपने काम बता रही है.

राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा भी, "कृपा करके अमेठी की जनता को बताइए कि बीजेपी के नेता झूठ बोल रहे हैं. ये काम कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं ने कराये हैं."

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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