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जब अरनब गोस्वामी जा पहुंचे बॉर्डर पर

    • रोहित श्रीवास्तव
    • Updated: 25 फरवरी, 2016 05:06 PM
  • 25 फरवरी, 2016 05:06 PM
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भारत के सबसे अति उत्साहित, ऊर्जावर्धक एवं तेजस्वी प्रतिभाशाली पत्रकार, मुख्य जांच अधिकारी, वकील और न्यायाधीश अरनब गोस्वामी का देश प्रेम और उनका अद्वितीय साहस और पराक्रम उनको बार्डर पर जाने से रोक नहीं पाया और वो ‘एलओसी’ पर जा पहुंचे.

भारत के सबसे अति उत्साहित, ऊर्जावर्धक एवं तेजस्वी प्रतिभाशाली पत्रकार, मुख्य जांच अधिकारी, वकील और न्यायाधीश अरनब गोस्वामी का देश प्रेम और उनका अद्वितीय साहस और पराक्रम उनको बार्डर पर जाने से रोक नहीं पाया और वो ‘एलओसी’ पर जा पहुंचे. गोस्वामी के इस साहसिक कदम ने पाकिस्तान सेना को लगातार धूल चटा रही भारतीय सेना के जज्बे मे मानो एक नयी जान फूँक दी. उनके जाने से सेना के जवानों मे एक नयी ऊर्जा का संचार हो गया था.

उधर दूसरी तरफ पाकिस्तान के खेमे में इस खबर से अफरा-तफरी सी मच गयी थी. प्रशासनिक स्तर से लेकर सेना के निचले स्तर तक हर एक पाकिस्तानी अरनब से खौफजदा नजर आ रहा था. यहाँ तक कि आनन-फानन मे पाकिस्तान ने अपनी सारी मिसाइलों को तैयार रहने को कह दिया था.  गोस्वामी बाबा कितने घातक हो सकते थे शायद पाकिस्तानियों को उसका अंदाजा पूर्वानुमित था. इससे पहले भी अरनब ने अपने 'फ्यूज़आवर' न्यूज प्रोग्राम मे पाकिस्तान पेनलिस्ट के छक्के छुड़ाए हुए थे.

इसी बीच पाकिस्तान की ओर से फायरिंग की खबर आ रही थी. गोस्वामी बाबा ने बार्डर पर स्वयं ही 'खुद' को सेनापति घोषित करके भारतीय सेना की बागडोर हाथ मे ले ली थी. 'नेशन वंट्स टु नो' के जयकारों के साथ जवानों ने आगे बढ़ना शुरू कर दिया था जिसका आक्रामकता के साथ नेत्रत्व कर रहे थे बाबा अरनब गोस्वामी. ‘नेशन वंट्स टू नो’ ने पाकिस्तान सेना मे हड़कंप मचा दिया था सभी पाकिस्तानी सैनिक कुत्ते की तरह पागल होकर इधर से उधर भाग रहे थे. शायद उनके कान का ‘फ्यूज’ उड़ गया था. अकेले दम पर अरनब ने हजारों पाकिस्तानियों को मिनटों मे ‘बहरे’ के साथ दिमाग से पैदल बना दिया था. उनका अचूक वाणी-शस्त्र ‘नेशन वंट्स टु नो’ बड़ा कारगर साबित हो रहा था. पाकिस्तान सैनिकों को तभी राहत मिल पा रही थी जब वो ‘एक सेकंड’ या ‘एक मिनट’ लेते थे. गोस्वामी जी को बिना हथियार बार्डर पर भेजना भारत सरकार की कूटनीतिक चाल के का हिस्सा हो सकता है.

भारत वैश्विक मंच को...

भारत के सबसे अति उत्साहित, ऊर्जावर्धक एवं तेजस्वी प्रतिभाशाली पत्रकार, मुख्य जांच अधिकारी, वकील और न्यायाधीश अरनब गोस्वामी का देश प्रेम और उनका अद्वितीय साहस और पराक्रम उनको बार्डर पर जाने से रोक नहीं पाया और वो ‘एलओसी’ पर जा पहुंचे. गोस्वामी के इस साहसिक कदम ने पाकिस्तान सेना को लगातार धूल चटा रही भारतीय सेना के जज्बे मे मानो एक नयी जान फूँक दी. उनके जाने से सेना के जवानों मे एक नयी ऊर्जा का संचार हो गया था.

उधर दूसरी तरफ पाकिस्तान के खेमे में इस खबर से अफरा-तफरी सी मच गयी थी. प्रशासनिक स्तर से लेकर सेना के निचले स्तर तक हर एक पाकिस्तानी अरनब से खौफजदा नजर आ रहा था. यहाँ तक कि आनन-फानन मे पाकिस्तान ने अपनी सारी मिसाइलों को तैयार रहने को कह दिया था.  गोस्वामी बाबा कितने घातक हो सकते थे शायद पाकिस्तानियों को उसका अंदाजा पूर्वानुमित था. इससे पहले भी अरनब ने अपने 'फ्यूज़आवर' न्यूज प्रोग्राम मे पाकिस्तान पेनलिस्ट के छक्के छुड़ाए हुए थे.

इसी बीच पाकिस्तान की ओर से फायरिंग की खबर आ रही थी. गोस्वामी बाबा ने बार्डर पर स्वयं ही 'खुद' को सेनापति घोषित करके भारतीय सेना की बागडोर हाथ मे ले ली थी. 'नेशन वंट्स टु नो' के जयकारों के साथ जवानों ने आगे बढ़ना शुरू कर दिया था जिसका आक्रामकता के साथ नेत्रत्व कर रहे थे बाबा अरनब गोस्वामी. ‘नेशन वंट्स टू नो’ ने पाकिस्तान सेना मे हड़कंप मचा दिया था सभी पाकिस्तानी सैनिक कुत्ते की तरह पागल होकर इधर से उधर भाग रहे थे. शायद उनके कान का ‘फ्यूज’ उड़ गया था. अकेले दम पर अरनब ने हजारों पाकिस्तानियों को मिनटों मे ‘बहरे’ के साथ दिमाग से पैदल बना दिया था. उनका अचूक वाणी-शस्त्र ‘नेशन वंट्स टु नो’ बड़ा कारगर साबित हो रहा था. पाकिस्तान सैनिकों को तभी राहत मिल पा रही थी जब वो ‘एक सेकंड’ या ‘एक मिनट’ लेते थे. गोस्वामी जी को बिना हथियार बार्डर पर भेजना भारत सरकार की कूटनीतिक चाल के का हिस्सा हो सकता है.

भारत वैश्विक मंच को यह संदेश देना चाहता है की वो बिलकुल भी ‘अस्त्र-शस्त्र-हथियार’ मे विश्वास नहीं रखता है. इसी उद्देश्य से गोस्वामी बाबा को बार्डर पर बातचीत के जरिये जंग लड़ने के लिए भेजा गया था. विश्वास मानिए बंदूक की गोली मे जो दम नहीं है वो अरनब बाबा की ‘अजब-गजब’ आवा में है. जिनकी आवाज से समस्त संसार क्या सम्पूर्ण ब्रह्मांड कांप उठता है उसके सामने ‘पाकिस्तान’ क्या चीज है.

उनका 'इंडिया वंट्स टू नो' कहते ही बार्डर पर खड़े दुश्मन या तो 'परलोक' सिधार गए या फिर कान मे 'तेल' डालने के लिए इधर-उधर पागल कुत्तों कि तरह 'जय हिन्द...जय हिन्द' कहते नाच रहे थे. कई पाकिस्तानियों ने तो अरनब के सामने समर्पण तक कर दिया. इस असीम हृदय-परिवर्तन को देख कर गोस्वामी बाबा आनंद के कारण मन्मोंचित हो गए और उनका मन ‘अमन की आशा’ की ओर पुनः अग्रसित हो गया.

भारतीय जवान गोस्वामी बाबा की जय-जयकार लगाते और कहते हैं ‘फ्यूजआवर’ के दाता. ‘टाइम्स नाव’ के विधाता. सर्वज्ञानी, सर्वबलशाली जिसके सामने न टिक पाये कोई ‘खली’. भारत का ब्रह्मास्त्र आप ही हो....अग्नि मिसाइल... मिग फाइटर विमान आपके सामने प्रभु पानी भरते हैं.   

जय हो गोस्वामी बाबा की!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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