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अगर पुरुषों की जगह दुनिया में होता महिलाओं का राज...

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 29 जनवरी, 2017 01:39 PM
  • 29 जनवरी, 2017 01:39 PM
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अगर कुछ ऐसा होता कि दुनिया पुरुष प्रधान होने की जगह महिला प्रधान होती तो जरा सोचिए कि क्या होता. भारत में शायद मोदी की जगह जसोदाबेन प्रधानमंत्री बनी होतीं और उनका तकिया कलाम होता 'सखियों'.

डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही महिलाओं के अबॉर्शन से जुड़े एक कानून पर साइन किया. ये कानून महिलाओं के प्रजनन और अबॉर्शन अधिकारों से जुड़ा कानून है जिसे अमेरिका में मेक्सिको सिटी पॉलिसी के नाम से जाना जाता है. ट्रंप की इस आदेश को साइन करते समय की एक फोटो वायरल हो रही थी, फोटो में ओवल ऑफिस में बैठे ट्रंप पुरुष साथियों से घिरे हुए हैं. इसी फोटो का जवाब देने के लिए फ्रेंच वुमेन सोशल एक्टिविस्ट ग्रुप ने हिलेरी क्लिंटन की एक ऐसी फोटो बनाई जिसमें ओवल ऑफिस में बैठी हिलेरी महिलाओं से घिरी हुई हैं और उस फोटो के साथ कैप्शन लिखा गया कि हिलेरी पुरुषों से जुड़े किसी कानून पर साइन कर रही हैं.

हिलेरी की यही मॉर्फ्ड फोटो वायरल हो रही है. असल में ये ओबामा की फोटो है जहां हिलेरी को फोटोशॉप किया गया है.

अब ये तो फ्रेंच मीडिया की क्रिएटिविटी थी, लेकिन अगर वाकई कुछ ऐसा होता कि दुनिया पुरुष प्रधान होने की जगह महिला प्रधान होती तो जरा सोचिए कि क्या होता. भारत में शायद मोदी की जगह जसोदाबेन प्रधानमंत्री बनी होतीं और उनका तकिया कलाम होता 'सखियों'. इससे पहले की किसी की भावनाएं आहत हों, मैं बता दूं कि ये सिर्फ व्यंग्य है. तो चलिए अपनी कल्पना को उड़ान देते हैं और एक ऐसे ही भारत के बारे में सोचते हैं-

- पुरुषों के शॉर्ट्स पहनने पर महिला नेत्रियां देतीं विवादित बयान

महिलाओं की जगह पुरुष के शॉर्ट्स, स्लीव लेस टीशर्ट, बनियान पहनने पर बवाल होता. इसे संस्कृति पर हमला माना जाता. अगर ऐसे में कही छेड़छाड़ हो जाती तो सारा दोष पुरुष पर मढ़ दिया जाता. एक सभ्य पुरुष के लिए धोती-कुर्ता या कुर्ता पैजामा और गमछा ही आदर्श परिधान माने जाते. साथ ही साथ उन्हें किसी महिला के बिना घर से बाहर ना निकलने की हिदायत भी दी जाती.

डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही महिलाओं के अबॉर्शन से जुड़े एक कानून पर साइन किया. ये कानून महिलाओं के प्रजनन और अबॉर्शन अधिकारों से जुड़ा कानून है जिसे अमेरिका में मेक्सिको सिटी पॉलिसी के नाम से जाना जाता है. ट्रंप की इस आदेश को साइन करते समय की एक फोटो वायरल हो रही थी, फोटो में ओवल ऑफिस में बैठे ट्रंप पुरुष साथियों से घिरे हुए हैं. इसी फोटो का जवाब देने के लिए फ्रेंच वुमेन सोशल एक्टिविस्ट ग्रुप ने हिलेरी क्लिंटन की एक ऐसी फोटो बनाई जिसमें ओवल ऑफिस में बैठी हिलेरी महिलाओं से घिरी हुई हैं और उस फोटो के साथ कैप्शन लिखा गया कि हिलेरी पुरुषों से जुड़े किसी कानून पर साइन कर रही हैं.

हिलेरी की यही मॉर्फ्ड फोटो वायरल हो रही है. असल में ये ओबामा की फोटो है जहां हिलेरी को फोटोशॉप किया गया है.

अब ये तो फ्रेंच मीडिया की क्रिएटिविटी थी, लेकिन अगर वाकई कुछ ऐसा होता कि दुनिया पुरुष प्रधान होने की जगह महिला प्रधान होती तो जरा सोचिए कि क्या होता. भारत में शायद मोदी की जगह जसोदाबेन प्रधानमंत्री बनी होतीं और उनका तकिया कलाम होता 'सखियों'. इससे पहले की किसी की भावनाएं आहत हों, मैं बता दूं कि ये सिर्फ व्यंग्य है. तो चलिए अपनी कल्पना को उड़ान देते हैं और एक ऐसे ही भारत के बारे में सोचते हैं-

- पुरुषों के शॉर्ट्स पहनने पर महिला नेत्रियां देतीं विवादित बयान

महिलाओं की जगह पुरुष के शॉर्ट्स, स्लीव लेस टीशर्ट, बनियान पहनने पर बवाल होता. इसे संस्कृति पर हमला माना जाता. अगर ऐसे में कही छेड़छाड़ हो जाती तो सारा दोष पुरुष पर मढ़ दिया जाता. एक सभ्य पुरुष के लिए धोती-कुर्ता या कुर्ता पैजामा और गमछा ही आदर्श परिधान माने जाते. साथ ही साथ उन्हें किसी महिला के बिना घर से बाहर ना निकलने की हिदायत भी दी जाती.

- चुनाव में होता पुरुष सुरक्षा का मुद्दा

अगर ऐसा होता तो 2017 के चुनाव में पुरुष सुरक्षा का मुद्दा अहम होता. जसोदाबेन के भाषण में पिताओं और भाइयों की सुरक्षा और उनके गुणों का बखान होता. और साथ-साथ अनेक पार्टियों की कुछ कट्टर महिला नेत्रियां ऐसा बयान दे देतीं जिससे चुनाव में बवाल मचता.

- पुरुषों की इज्जत से बड़ा कहा जाता वोट

शरद यादव की पत्नी शायद मंच पर खड़े होकर ये कहतीं कि पुरुषों कि इज्जत से ज्यादा बड़ा वोट है. पुरुषों की इज्जत जाएगी तो सिर्फ घर की इज्जत जाएगी और वोट व्यर्थ जाएगा.

- पुरुषों के रात में निकलने पर होती पाबंदी

पुरुषों के रात में निकलने, महिला दोस्तों के साथ घूमने, अपनी मर्जी के कपड़े पहनने, नाइट शिफ्ट में काम करने, जोर से हंसने और ऐसी ही कई बातों पर पाबंदी होती.

- बेटा पैदा होने पर ताना मारा जाता

सास बहू को तीसरा बेटा पैदा करने पर ताना मारती, कई जगह पुरुष बच्चों को गर्भ में ही मार दिया जाता, कई जगह उन्हें दबाकर-डराकर रखा जाता, दंगल जैसी फिल्मों में विजेंद्र सिंह और सुशील कुमार की कहानी बताई जाती. धोनी पर बनी फिल्म झूलन गोस्वामी पर बनाई जाती.

- होता पुरुष मुक्ति मोर्चा संगठन

पुरुषों के अधिकारों के लिए लड़ने वाला पुरुष मुक्ति मोर्चा संगठन होता जो पत्नियों द्वारा प्रताड़ित पुरुषों को पनाह देने का काम करता. एसिड अटैक पुरुषों पर होते, नौकरी करने के बाद घर आकर पुरुष काम करते, इतना ही नहीं पुरुषों को ही बच्चों को बिगाड़ने का ठेका दिया जाता.

- MBA लड़की के लिए मांगा जाता 50 लाख दहेज

MBA तक पढ़ी लड़की के लिए 50 लाख और विदेश में कमा रही लड़की के लिए 1 करोड़ की डिमांड होती और वहीं, MBA किए हुए दामाद की नौकरी छुड़वाकर उससे घर का काम करने को कहा जाता और अगर नौकरी करने भी मिलती तो कई तरह की पाबंदी लगाई जाती.

- आज़ाद खयालों के लड़के फेसबुक पर (My life My Rules) पोस्ट करते

और अंत में आज़ाद खयालों वाले पुरुष फेसबुक पर पोस्ट करते My life My rules और उन्हीं 23-24 साल के पुरुषों की शादी करवा दी जाती.

ये भी पढ़ें- देखिए कदम-कदम पर कैसे-कैसे पति मिलते हैं..

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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