• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
ह्यूमर

क्या हुआ अगर राधे मां ने स्कर्ट पहन ली

    • दमयंती दत्ता
    • Updated: 08 अगस्त, 2015 06:20 PM
  • 08 अगस्त, 2015 06:20 PM
offline
कई साल पहले करीब 1970 के दशक में कोलकाता में मां सरस्वती की एक मूर्ति काफी चर्चा में आई थी. उस मूर्ति में ज्ञान और संगीत की देवी को पारंपरिक वीणा के स्थान पर हाथ में एक माइक्रोफोन पकड़े हुए दिखाया गया था. यही नहीं, उन्होंने काले चश्में भी पहन रखे थे.

कई साल पहले करीब 1970 के दशक में कोलकाता में मां सरस्वती की एक मूर्ति काफी चर्चा में आई थी. उस मूर्ति में ज्ञान और संगीत की देवी को पारंपरिक वीणा के स्थान पर हाथ में एक माइक्रोफोन पकड़े हुए दिखाया गया था. यही नहीं, उन्होंने काले चश्में भी पहन रखे थे.

उस मूर्ति को बनाने वाले शायद समय से काफी आगे निकल आए थे. लेकिन आज के नए जमाने में, जब बाबा रामदेव राष्ट्रीय टीवी चैनलों पर अपनी खास पकड़ बनाने में कामयाब हुए हैं, नए प्रकार की अध्यात्मिकता नजर आने लगी है. फिर हम क्यों हैरान हो जाते हैं जब ममतामयी श्री राधे गुरु मां ट्वीटर पर गुलाबी टोपी, मिनी स्कर्ट और फैशनेबल बूट के साथ अवतार लेती हैं.

अब अध्यात्मिक गुरु कोई वकील थोड़े ही हैं. चिलचिलाती गर्मी में अगर वे बाबा भी काले रंग का सूट पहन लेते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट की उन 20 सीढ़ीयों पर चढ़ने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता. बहरहाल समस्या क्या है. खासकर ऐसे देश में जहां पुरुष बिना किसी संकोच के अपनी शर्ट उतारते फिरते हैं? और जहां साधु भी नंगे घूमते हैं.

चलिए मान लेते हैं कि वह सोफे पर जिस अंदाज में लेटी हुई हैं, उससे आप थोड़े परेशान हो सकते हैं. फिर भी मानना तो पड़ेगा, आज के जमाने में जब छोटा-बड़ा अंतर या कोई ब्रांड किसी बिजनेस का भविष्य तय कर सकता है, ऐसे में राधे मां के पास कई तरीके हैं.

कोई भगवा वस्त्र नहीं. बस दुल्हनों की तरह एक लाल साड़ी, हीरों वाले जेवर, चपटा गोल चेहरा और खून की तरह बेहद गहरे रंग की लिपस्टिक. अगर आपको लगता है कि रामदेव ज्यादा जवान दिखते हैं, तो फिर से सोचिए. माथे पर एक भी पके हुए बाल नहीं, अलबत्ता बेहद चमकते और खुले काले बाल, चेहरे पर मुस्कुराहट, आंखे बंद और 'बोल राधे राधे' के साथ झूमते भक्त. राधे मां के रिकॉर्ड बताते हैं कि वह 50 साल की हैं, (दादी भी बन चुकी हैं) लेकिन देखने में वह 30 वर्ष से ज्यादा बिल्कुल नहीं लगती.

वह अपने कार्यक्रमों के दौरान जिस प्रकार अपने भक्तों के बीच आती हैं वह अंदाज भी अलग है. अपने आधी रात के दर्शन के लिए वह अधिकतर...

कई साल पहले करीब 1970 के दशक में कोलकाता में मां सरस्वती की एक मूर्ति काफी चर्चा में आई थी. उस मूर्ति में ज्ञान और संगीत की देवी को पारंपरिक वीणा के स्थान पर हाथ में एक माइक्रोफोन पकड़े हुए दिखाया गया था. यही नहीं, उन्होंने काले चश्में भी पहन रखे थे.

उस मूर्ति को बनाने वाले शायद समय से काफी आगे निकल आए थे. लेकिन आज के नए जमाने में, जब बाबा रामदेव राष्ट्रीय टीवी चैनलों पर अपनी खास पकड़ बनाने में कामयाब हुए हैं, नए प्रकार की अध्यात्मिकता नजर आने लगी है. फिर हम क्यों हैरान हो जाते हैं जब ममतामयी श्री राधे गुरु मां ट्वीटर पर गुलाबी टोपी, मिनी स्कर्ट और फैशनेबल बूट के साथ अवतार लेती हैं.

अब अध्यात्मिक गुरु कोई वकील थोड़े ही हैं. चिलचिलाती गर्मी में अगर वे बाबा भी काले रंग का सूट पहन लेते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट की उन 20 सीढ़ीयों पर चढ़ने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता. बहरहाल समस्या क्या है. खासकर ऐसे देश में जहां पुरुष बिना किसी संकोच के अपनी शर्ट उतारते फिरते हैं? और जहां साधु भी नंगे घूमते हैं.

चलिए मान लेते हैं कि वह सोफे पर जिस अंदाज में लेटी हुई हैं, उससे आप थोड़े परेशान हो सकते हैं. फिर भी मानना तो पड़ेगा, आज के जमाने में जब छोटा-बड़ा अंतर या कोई ब्रांड किसी बिजनेस का भविष्य तय कर सकता है, ऐसे में राधे मां के पास कई तरीके हैं.

कोई भगवा वस्त्र नहीं. बस दुल्हनों की तरह एक लाल साड़ी, हीरों वाले जेवर, चपटा गोल चेहरा और खून की तरह बेहद गहरे रंग की लिपस्टिक. अगर आपको लगता है कि रामदेव ज्यादा जवान दिखते हैं, तो फिर से सोचिए. माथे पर एक भी पके हुए बाल नहीं, अलबत्ता बेहद चमकते और खुले काले बाल, चेहरे पर मुस्कुराहट, आंखे बंद और 'बोल राधे राधे' के साथ झूमते भक्त. राधे मां के रिकॉर्ड बताते हैं कि वह 50 साल की हैं, (दादी भी बन चुकी हैं) लेकिन देखने में वह 30 वर्ष से ज्यादा बिल्कुल नहीं लगती.

वह अपने कार्यक्रमों के दौरान जिस प्रकार अपने भक्तों के बीच आती हैं वह अंदाज भी अलग है. अपने आधी रात के दर्शन के लिए वह अधिकतर ऊपर से एक खास मशीन के जरिए नीचे भक्तों के सामने आती है. वह किसी हॉलीवुड फिल्म के स्पेसशिप की तरह नजर आता है. इसके बाद उन पर फूलों की बारिश होती है जैसे किसी ऋषि पर हो रही हो. फिर वह गोल-गोल घूमने लगती है और जैसे ही लगता है कि राधे मां गिरने वाली है, वे रूकती हैं और आशीर्वाद के रूप में अपने बाएं हाथ को ऊपर उठा लेती हैं या फिर कहती हैं, 'मां को उठाओ'. इसके बाद कुछ भक्त उन्हें अपनी गोद में उठा लेते हैं और बच्चों की तरह झूला झूलाने लगते हैं.

यही नहीं, राधे मां का आश्रम भी पुराना और साधारण है (बाबा रामदेव आप सुन रहे हैं ना?) राधे मां मुंबई के बोरीवली में मौजूद छह तले के एक घर के टॉप फ्लोर पर रहती हैं. यहां एक गुफा जैसी आकृति बनाई गई है और राधे मां इस में ही रहती हैं. गुप्ता परिवार जिसने एम.एम. मिठाईवाला के नाम से 1946 में एक कैटरिंग बिजनेस शुरू किया था, यह उन्हीं का मकान है. मां और मिठाईवाले की जुगलबंदी का कमाल यह है कि अब इस घर को 'राधे भवन' के नाम से पहचाना जाने लगा है. यहां हर शनिवार को कई लोग मां दुर्गा का अवतार देखने आते हैं. जो कम भाग्यशाली हैं वे इमारत के नीचे से ही टीवी पर राधे मां को देखते हैं. ज्यादा भाग्याशाली भक्त ऊपर मौजूद होते हैं और जो सबसे ज्यादा भाग्यशाली हैं वे गुफा के अंदर होते हैं.

लेकिन एक कमी है. मां अन्य गुरुओं की तरह बोलती नहीं हैं. ऐसा नहीं है कि वे बोल नहीं सकती. दरअसल वे सार्वजनिक तौर पर बोलना पसंद नहीं करती और इशारों में या उपहार के रूप में फूल देकर अपनी बात रखती हैं.

पंजाब के गुरदासपुर के डोरांग्ला गांव में जन्मीं राधे मां का असली नाम सुखविंदर कौर है. कोई नहीं जानता कि वह राधे मां कैसे बनी? कैसे एकाएक उनके इतने भक्त बन गए? और कैसे उन्होंने तड़क-भड़क वाले शहर मुंबई को अपना घर बना लिया?

लेकिन एक बात साफ है. ममतामयी और सब से इतनी अलग हैं कि उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. बिहारियों के खिलाफ जहर उगलने के बाद शिवसेना को जब भी समय मिलता है वे राधे मां की फोटो और पोस्टरों को फाड़ने और उस पर जूते बरसाने का काम शुरू कर देते हैं. कुछ महिलाएं अब राधे मां के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के संबंध में एफआईआर दर्ज करा रही हैं. उनका आरोप है कि राधे मां ने उनके सास-ससुर को अपनी बहुओं को सताने के लिए उकसाने का काम किया. मुंबई के एक वकील ने तो उनके खिलाफ फूहड़पन और अश्लील हरकत का केस दर्ज कर दिया. अब जुना अखाड़े के शक्तिशाली साधुओं ने तो इस बार राधे मां पर अन्य 30 लाख पुरुषों और महिलाओं के साथ नासिक कुंभ में डुबकी लगाने तक पर रोक लगा दी है.

मुझे लगता है कि वे सब जलते हैं. लेकिन मां हंस रही है. सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ रोष व्यक्त किया जा रहा है. लेकिन आखिर में कहते है ना कि भगवान रहस्यमयी तरीके से अपना काम करता है. और यही तो है जिसे हम हिंदू लोग 'लीला' कहते हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    टमाटर को गायब कर छुट्टी पर भेज देना बर्गर किंग का ग्राहकों को धोखा है!
  • offline
    फेसबुक और PubG से न घर बसा और न ज़िंदगी गुलज़ार हुई, दोष हमारा है
  • offline
    टमाटर को हमेशा हल्के में लिया, अब जो है सामने वो बेवफाओं से उसका इंतकाम है!
  • offline
    अंबानी ने दोस्त को 1500 करोड़ का घर दे दिया, अपने साथी पहनने को शर्ट तक नहीं देते
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲