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सांडों के चरित्र का अध्ययन करने वाला मंत्री भी जरूरी है

    • अशोक उपाध्याय
    • Updated: 31 अगस्त, 2016 08:55 PM
  • 31 अगस्त, 2016 08:55 PM
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अगर हमारे पास सांडों के चरित्र के अध्ययन करने वाले मंत्री हों तो शायद राजनीति कुछ हद तक युवाओं का ध्यान अपनी तरफ खीच पायेगी.

हरियाणा के पशुपालन मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने अपने राज्य में आवारा पशुओं के कारण हो रही परेशानी के लिए विदेशी सांडों को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि विदेशी सांड, प्रजनन चक्र का खयाल न रखते हुए भैंसों का शोषण करते हैं. और अगर आप सोच रहें हैं की वो चलते फिरते किसी मजाकिया माहौल में ये बोले हैं तो आप बिलकुल गलत हैं. उन्होंने ये बयान हरियाणा राज्य विधानसभा में दिया. धनखड़ ने तो यहाँ तक कहा कि विदेशी नस्ल वाले सांडों का चरित्र बिल्कुल अपने देशों के सांडों की तरह होता है.

पता नहीं मंत्री जी ने कौन सा अध्ययन किया या करवाया था जो प्रदेश के सारे सांडो का चरित्र का निरीक्षण करने के बाद इस निष्कर्ष पे पहुंची की विदेशी सांडों का चरित्र ढीला है. इस तरह का अध्ययन करने एवं ऐसे निष्कर्ष पर पहुचने के लिए किसी व्यक्ति में विलक्षण प्रतिभा होनी चाहिए. लगता है ओम प्रकाश धनखड़ बहुत ही प्रतिभावान हैं!

इसे भी पढ़ें: देश को आहत करते अमर्यादित बयान

समय समय पर ये अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते रहते हैं. जैसे कि अतीत में उन्होंने आत्म हत्या करने वाले किसानों को कायर और अपराधी कहा है. हरियाणा विधान सभा चुनाव से पहले वो बोले की अगर राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो बिहार से लड़कियां लाकर कुंवारों को दुल्हनें दिलाएंगे.

भाजपा में इस तरह की अनेक प्रतिभाएं हैं. मसलन, अनिल विज, गिरिराज सिंह, साक्षी महाराज, साध्वी निरंजन ज्योति, महेश शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, योगी आदित्यनाथ इत्यादि.

 हरियाणा के मंत्री ने आवारा पशुओं पर दिया...

हरियाणा के पशुपालन मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने अपने राज्य में आवारा पशुओं के कारण हो रही परेशानी के लिए विदेशी सांडों को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि विदेशी सांड, प्रजनन चक्र का खयाल न रखते हुए भैंसों का शोषण करते हैं. और अगर आप सोच रहें हैं की वो चलते फिरते किसी मजाकिया माहौल में ये बोले हैं तो आप बिलकुल गलत हैं. उन्होंने ये बयान हरियाणा राज्य विधानसभा में दिया. धनखड़ ने तो यहाँ तक कहा कि विदेशी नस्ल वाले सांडों का चरित्र बिल्कुल अपने देशों के सांडों की तरह होता है.

पता नहीं मंत्री जी ने कौन सा अध्ययन किया या करवाया था जो प्रदेश के सारे सांडो का चरित्र का निरीक्षण करने के बाद इस निष्कर्ष पे पहुंची की विदेशी सांडों का चरित्र ढीला है. इस तरह का अध्ययन करने एवं ऐसे निष्कर्ष पर पहुचने के लिए किसी व्यक्ति में विलक्षण प्रतिभा होनी चाहिए. लगता है ओम प्रकाश धनखड़ बहुत ही प्रतिभावान हैं!

इसे भी पढ़ें: देश को आहत करते अमर्यादित बयान

समय समय पर ये अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते रहते हैं. जैसे कि अतीत में उन्होंने आत्म हत्या करने वाले किसानों को कायर और अपराधी कहा है. हरियाणा विधान सभा चुनाव से पहले वो बोले की अगर राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो बिहार से लड़कियां लाकर कुंवारों को दुल्हनें दिलाएंगे.

भाजपा में इस तरह की अनेक प्रतिभाएं हैं. मसलन, अनिल विज, गिरिराज सिंह, साक्षी महाराज, साध्वी निरंजन ज्योति, महेश शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, योगी आदित्यनाथ इत्यादि.

 हरियाणा के मंत्री ने आवारा पशुओं पर दिया विवादित बयान

ऐसा नहीं है की इस तरह के विलक्षण प्रतिभा वाले और लोग अन्य पार्टियों में नहीं है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के पास तो लगभग इसका पेटेंट है. पिछले हफ्ते ही बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए उन्होंने कहा की, 'हर किसी को आजकल गंगा का जल नहीं मिलता. आप लोग भाग्यशाली हैं, गंगा सबको बचाएगी. आप भाग्यशाली है कि गंगा आपके घर आई है.' लालू यादव के सम्बन्धी एवं समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव भी समय समय पर इस प्रतिभा का प्रदर्शन करते रहते हैं. जैसे, 'रेप के लिए फांसी देना गलत है, लड़कों से गलती हो जाती है'.

इसे भी पढ़ें: अगर गंगा मैया लालू के आंगन तक आ जाएँ?

ऐसा नहीं है की भारत की सबसे पुरानी पार्टी में इस प्रतिभा से संपन्न लोगों की कोई कमी है. इस पार्टी में शायद सबसे अव्वल नंबर पर दिग्विजय सिंह आते हैं. जैसे उन्होंने ने कहा की मिनाक्षी नटराजन "टंच माल है". पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल पता नहीं कौन सा अध्यन करके इस नतीजे पर पहुंचे थे की बीवी जब पुरानी हो जाती है तो मजा नहीं आता. अभिजीत मुख़र्जी एवं सुशिल कुमार शिंदे भी काफी प्रतिभा संपन्न हैं.

लगभग हर पार्टी में इस तरह के व्यक्ति हैं. इनकी राजनीतिक विचारधारा चाहे जो भी हो पर जब भी मौका मिलता है ये इस तरह के विवादस्पद बयान देने से नहीं चूकते हैं.

ऐसा नहीं ही की हमारी राजनीति में ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है. पॉलिटिक्स एक संगीन पेशा हैं, जहाँ पर गंभीर विषयों पर चर्चा होती रहती है. अगर धनखड़ एवं लालू सरीखे लोग इस पेशे में न हों तो ये बिलकुल नीरस हो जाएगी. आज की युवा पीढ़ी ऐसे भी राजनीति से विमुख होती जा रही है. अगर हमारे पास सांडों के चरित्र के अध्ययन करने वाले मंत्री हों तो शायद राजनीति कुछ हद तक युवाओं का ध्यान अपनी तरफ खींच पायेगी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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