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जानिए, बजट के पहले ब्रीफकेस के साथ वित्त मंत्री क्यों खिंचवाते हैं फोटो

    • आईचौक
    • Updated: 27 जनवरी, 2017 03:12 PM
  • 27 जनवरी, 2017 03:12 PM
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वित्त मंत्री को बजट के पहले ब्रीफकेस के साथ फोटो खिंचाना प्रथा बन गई है. इस फोटो के पीछे की परंपरा ब्रिटेन से हमारे देश में आई है, लेकिन बजट शब्‍द का रिश्‍ता फ्रांस से भी है.

1 फरवरी को वित्तमंत्री बजट पेश करेंगे. बजट पेश करने के पहले वित्तमंत्री संसद के गेट पर औपचारिक तौर पर अपने ब्रीफकेस के साथ फोटो खिंचवाएंगे. क्या आपने कभी ये सोचा है कि हर वित्तमंत्री बजट पेश करने के पहले ब्रीफकेस के साथ फोटो खिंचवाते हैं? इसका जवाब खुद Budget शब्द में ही है. बजट शब्द की उत्पति फ्रेंच शब्द Bougette से हुआ है. इसका मतलब होता है चमड़े का बैग. 

18वीं सदी में ब्रिटेन के बजट चीफ को बजट पेश करने के लिए कहा गया. अपने लंबे भाषणों के लिए जाने जाने वाले विलियम ई. ग्लैडस्टोन उस समय बजट चीफ थे. 1860 में बजट चीफ विलियम ई. ग्लैडस्टोन ने पहली बार ब्रीफकेस का प्रयोग किया. लाल रंग के इस ब्रीफकेस पर सोने से ब्रिटेन की महारानी का मोनोग्राम भी छपा हुआ था. ब्रिटेन के बजट चीफ की तरह भारत के वित्त मंत्री भी बजट पेश करने से पहले संसद के बाहर खड़े होकर अपने ब्रीफकेस के साथ फोटो खिंचवाते हैं. ब्रिटेन में चांसलर ऑफ एक्सचेकर अपना छोटा सा सूटकेस लेकर बजट भाषण के पहले 11 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर फोटोग्राफरों के लिए पोज देते हैं. 

भारत के वित्त मंत्री का लेदर सूटकेस भले ही अलग रंगों और शेप का होता है लेकिन ये ब्रिटिश ब्रीफकेस की कॉपी ही है. 1860 के बाद से ही ब्रिटिश मंत्री लाल रंग के ग्लैडस्टोन बैग को अपने बजट भाषण के समय इस्तेमाल करते थे. 2010 में उस बैग को रिटायर कर दिया गया. भारत में बजट पेश करने के दिन बैग लेकर जाने का रिवाज देश के पहले वित्त मंत्री आरके षणमुगम चेटी ने की. 26 नवंबर 1947 को बजट पेश करने जाते समय उनके हाथ में बैग था. तब से गांधी जैकेट और बंद गला की तरह हर बजट भाषण के पहले संसद के बाहर खड़े होकर ब्रीफकेस के साथ फोटो खिंचवाना भी एक प्रथा ही बन गई है.

देश के पहले वित्त मंत्री आरके षणमुगम

विभिन्न वित्त मंत्रियों ने अपनी...

1 फरवरी को वित्तमंत्री बजट पेश करेंगे. बजट पेश करने के पहले वित्तमंत्री संसद के गेट पर औपचारिक तौर पर अपने ब्रीफकेस के साथ फोटो खिंचवाएंगे. क्या आपने कभी ये सोचा है कि हर वित्तमंत्री बजट पेश करने के पहले ब्रीफकेस के साथ फोटो खिंचवाते हैं? इसका जवाब खुद Budget शब्द में ही है. बजट शब्द की उत्पति फ्रेंच शब्द Bougette से हुआ है. इसका मतलब होता है चमड़े का बैग. 

18वीं सदी में ब्रिटेन के बजट चीफ को बजट पेश करने के लिए कहा गया. अपने लंबे भाषणों के लिए जाने जाने वाले विलियम ई. ग्लैडस्टोन उस समय बजट चीफ थे. 1860 में बजट चीफ विलियम ई. ग्लैडस्टोन ने पहली बार ब्रीफकेस का प्रयोग किया. लाल रंग के इस ब्रीफकेस पर सोने से ब्रिटेन की महारानी का मोनोग्राम भी छपा हुआ था. ब्रिटेन के बजट चीफ की तरह भारत के वित्त मंत्री भी बजट पेश करने से पहले संसद के बाहर खड़े होकर अपने ब्रीफकेस के साथ फोटो खिंचवाते हैं. ब्रिटेन में चांसलर ऑफ एक्सचेकर अपना छोटा सा सूटकेस लेकर बजट भाषण के पहले 11 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर फोटोग्राफरों के लिए पोज देते हैं. 

भारत के वित्त मंत्री का लेदर सूटकेस भले ही अलग रंगों और शेप का होता है लेकिन ये ब्रिटिश ब्रीफकेस की कॉपी ही है. 1860 के बाद से ही ब्रिटिश मंत्री लाल रंग के ग्लैडस्टोन बैग को अपने बजट भाषण के समय इस्तेमाल करते थे. 2010 में उस बैग को रिटायर कर दिया गया. भारत में बजट पेश करने के दिन बैग लेकर जाने का रिवाज देश के पहले वित्त मंत्री आरके षणमुगम चेटी ने की. 26 नवंबर 1947 को बजट पेश करने जाते समय उनके हाथ में बैग था. तब से गांधी जैकेट और बंद गला की तरह हर बजट भाषण के पहले संसद के बाहर खड़े होकर ब्रीफकेस के साथ फोटो खिंचवाना भी एक प्रथा ही बन गई है.

देश के पहले वित्त मंत्री आरके षणमुगम

विभिन्न वित्त मंत्रियों ने अपनी पसंद के हिसाब से ब्रीफकेस का रंग और शेप पसंद किया. 1998-99 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने काले रंग का बैग लिया था. इस पर बकल्स और पट्टियां लगी थी. 1991 में बजट पेश करते समय वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने काले रंग की ही एक सिंपल ब्रीफकेस का प्रयोग किया. मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली पिछले दो सालों से जो ब्रीफकेस इस्तेमाल कर रहे हैं वो कांग्रेस के समय में वित्तमंत्री रहे पी. चिदंबरम के ब्रीफकेस से मिलता है. गांधी जैकेट और बंद गला जैसे कपड़े आज के समय में राजनीति की पहचान गए हैं. कहा जा सकता है कि बजट पेश करने के पहले ये ब्रीफकेस के साथ फोटो खिंचवाना एक अनऑफिशियल प्रथा बन चुकी है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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