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अब मिलेगा PPF पर कम इंट्रेस्ट, ये हैं बाकी इन्वेस्टमेंट ऑप्शन

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 04 जुलाई, 2017 07:23 PM
  • 04 जुलाई, 2017 07:23 PM
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पिछले कुछ सालों में लगातार पीपीएफ का इंट्रेस्ट रेट गिरा है. अब अगर बाकी इन्वेस्टमेंट ऑप्शन पर गौर किया जाए तो आपके लिए अन्य कई विकल्प सामने हैं. चलिए देखते हैं भारत में निवेश के कुछ बेस्ट ऑप्शन

पीपीएफ का इंट्रेस्ट रेट अब कम हो गया है. इसी महीने से पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) के रेट में 10 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती की गई है. 100 बीपीएस का मतलब एक पर्सेंट और अगर जनरल इंट्रेस्ट रेट 25 बीपीएस कम हुआ है तो उसका मतलब ये कि 0.25 प्रतिशत कम हुआ है. यहां पीपीएफ के मामलते में इंट्रेस्ट रेट 0.10 प्रतिशत कम हो गया है.

पिछले कुछ सालों में लगातार पीपीएफ का इंट्रेस्ट रेट गिरा है. ये सही बात है कि बैंकों की कई स्कीम के मुकाबले पीपीएफ में ज्यादा ब्याज मिलता है, लेकिन अगर गौर किया जाए तो पीपीएफ 10-15 साल पहले सबसे बेहतर ऑप्शन था सेविंग्स का, लेकिन अब बहुत से अन्य ऑप्शन भी सामने आ गए हैं.

कौन से अन्य ऑप्शन है सेविंग्स के लिए....

1. म्यूचुअल फंड...

टीवी पर आपने एड जरूर देखा होगा जिसमें म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट के लिए प्रेरित किया जाता है. जो लोग इक्विटी और बॉन्ड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं और थोड़ा रिस्क उठा सकते हैं उनके लिए म्यूचुअल फंड एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है. स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए अगर आपके पास बेहतर इन्वेस्टमेंट प्लान होगा तो बेहतर रिटर्न मिलेगा.

2. डायरेक्ट इक्विटी या शेयर खरीदना....

म्यूचुअल फंड में अगर आपने इन्वेस्ट नहीं किया ना उनमें भिड़ना चाहते हैं तो सीधे कंपनी के शेयर भी खरीद सकते हैं. हालांकि, जब तक आपके पास अच्छे सलाहकार ना हो या आप मार्केट के एकदम अच्छे जानने वाले ना हों आपको सीधे इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए.

3. रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट....

सबसे ज्यादा फायदा रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट में ही है. आप ईएमआई देते रहिए और 2-4 साल बाद प्रॉपर्टी बेच दीजिए. आपका लोन पूरा भरने के पैसे तो आपको मिल ही जाएंगे साथ ही...

पीपीएफ का इंट्रेस्ट रेट अब कम हो गया है. इसी महीने से पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) के रेट में 10 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती की गई है. 100 बीपीएस का मतलब एक पर्सेंट और अगर जनरल इंट्रेस्ट रेट 25 बीपीएस कम हुआ है तो उसका मतलब ये कि 0.25 प्रतिशत कम हुआ है. यहां पीपीएफ के मामलते में इंट्रेस्ट रेट 0.10 प्रतिशत कम हो गया है.

पिछले कुछ सालों में लगातार पीपीएफ का इंट्रेस्ट रेट गिरा है. ये सही बात है कि बैंकों की कई स्कीम के मुकाबले पीपीएफ में ज्यादा ब्याज मिलता है, लेकिन अगर गौर किया जाए तो पीपीएफ 10-15 साल पहले सबसे बेहतर ऑप्शन था सेविंग्स का, लेकिन अब बहुत से अन्य ऑप्शन भी सामने आ गए हैं.

कौन से अन्य ऑप्शन है सेविंग्स के लिए....

1. म्यूचुअल फंड...

टीवी पर आपने एड जरूर देखा होगा जिसमें म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट के लिए प्रेरित किया जाता है. जो लोग इक्विटी और बॉन्ड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं और थोड़ा रिस्क उठा सकते हैं उनके लिए म्यूचुअल फंड एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है. स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए अगर आपके पास बेहतर इन्वेस्टमेंट प्लान होगा तो बेहतर रिटर्न मिलेगा.

2. डायरेक्ट इक्विटी या शेयर खरीदना....

म्यूचुअल फंड में अगर आपने इन्वेस्ट नहीं किया ना उनमें भिड़ना चाहते हैं तो सीधे कंपनी के शेयर भी खरीद सकते हैं. हालांकि, जब तक आपके पास अच्छे सलाहकार ना हो या आप मार्केट के एकदम अच्छे जानने वाले ना हों आपको सीधे इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए.

3. रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट....

सबसे ज्यादा फायदा रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट में ही है. आप ईएमआई देते रहिए और 2-4 साल बाद प्रॉपर्टी बेच दीजिए. आपका लोन पूरा भरने के पैसे तो आपको मिल ही जाएंगे साथ ही ऊपर से थोड़ा प्रॉफिट भी मिल जाएगा. हालांकि, ऐसा करने के लिए आपको काफी लंबा इन्वेस्टमेंट करना होगा.

4. NPS (नेशनल पेंशन स्कीम)...

नेशनल पेंशन स्कीम एक तरह की कॉन्ट्रिब्यूशन स्कीम होती है जिसमें आप इन्वेस्ट कर सकते हैं. इसे कुछ-कुछ पीपीएफ जैसा ही समझिए.

5. सोने में इन्वेस्टमेंट...

इसका मतलब ये नहीं कि आप सीधे जाएं और सोना खरीद लाएं. इसका मतलब गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड डिपॉजिट स्कीम, गोल्ड ETF आदि में इन्वेस्ट करें जो ज्यादा फायदेमंद होता है.

6. पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम...

भारत में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली कुछ इन्वेस्टमेंट स्कीम में से एक है पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम. इसमें भी मासिक किश्त देनी होती है और रिटायरमेंट के बाद नियमित आमदनी का एक अच्छा विकल्प है. ये सबसे बेस्ट इसलिए है क्योंकि भले ही इंट्रेस्ट कम हो, लेकिन इस सरकारी स्कीम में कोई रिस्क नहीं होता.

7. कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट...

ये आम बैंक एफडी से अलग होती है. इसमें इंट्रेस्ट रेट काफी ज्यादा होता है. हालांकि, इन्वेस्ट करने से पहले आपको अच्छे से देखना होगा क्योंकि इसे आप मेच्योरिटी से पहले तोड़ नहीं पाएंगे. जिन्हें काफी लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करना है और कुछ रिस्क उठा सकते हैं उनके लिए ये अच्छा ऑप्शन है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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