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ठगों का जीएसटी, पुलिस का जीएसटी

    • मनीष दीक्षित
    • Updated: 18 जुलाई, 2017 12:57 PM
  • 18 जुलाई, 2017 12:57 PM
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नए कानून चाहे जितने बन जाएं-लागू करने वाला सिस्टम पुराना ही है. सरकारी सिस्टम की नीयत में कोई बदलाव नहीं आया है. सिस्टम की मानसिकता अभी भी पुराने जमाने की है.

जीएसटी लागू होने के बाद ठगों की बारात देश के कई शहरों में सड़क पर उतर आई है. वित्तमंत्री जेटली का जीएसटी पूरे देश में 30 जून की आधी रात को समारोहपूर्वक लागू किया गया. ठीक उसी वक्त अहमदाबाद से गुजरात जा रही गुजरात क्वीन ट्रेन में टीटीई आरडी सोनी ने जीएसटी लागू कर दिया और यात्रियों से जीएसटी वसूलने लगा. कुछ यात्रियों ने उसका वीडियो बनाकर डाला तो उसे रेलवे ने सस्पेंड कर दिया. जानकारी के लिए कि रेलवे पर जीएसटी लागू नहीं है.

ट्रेन में जीएसटी वसूलता टीटी

इसी तरह 30 जून को इंदौर में तीन ठगों को पकड़ा जो जीएसटी अफसर बनकर ट्रकवाले से जीएसटी के कागज के बहाने वसूली कर रहे थे, खलासी कूदकर भागा तो सामने से आ रहे पुलिसवालों को वाकया बताया और वे पकड़कर जेल भेजे गए.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ठगों ने एक कदम आगे जाते हुए बैंक खातादारों को फोन कर उनके डीटेल मांगे. पुलिस में हुई तीन शिकायतों के मुताबिक, ठग खातेदारों से कह रहे हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद बैंक खातों को अपडेट किया जा रहा है, इसलिए पिन-पासवर्ड समेत अन्य गोपनीय जानकारी पूछ रहे हैं. जानकारियां हासिल होने के बाद लोगों के खाते से पैसे उड़ा लिए गए. इसके बाद वारदात की जानकारी पुलिस को दी गई.

जीएसटी के बाद पुलिसवालों की भी चांदी

ये तो हुई ठगों और बदमाशों की बात लेकिन पुलिसवाले इनसे पीछे नहीं हैं. दिल्ली पुलिस के एक एएसआई, एक हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल यानी कुल पांच कर्मचारी जीएसटी के नाम पर वसूली करने में निलंबित किए गए हैं. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने वाट्सएप नंबर जारी कर व्यापारियों से...

जीएसटी लागू होने के बाद ठगों की बारात देश के कई शहरों में सड़क पर उतर आई है. वित्तमंत्री जेटली का जीएसटी पूरे देश में 30 जून की आधी रात को समारोहपूर्वक लागू किया गया. ठीक उसी वक्त अहमदाबाद से गुजरात जा रही गुजरात क्वीन ट्रेन में टीटीई आरडी सोनी ने जीएसटी लागू कर दिया और यात्रियों से जीएसटी वसूलने लगा. कुछ यात्रियों ने उसका वीडियो बनाकर डाला तो उसे रेलवे ने सस्पेंड कर दिया. जानकारी के लिए कि रेलवे पर जीएसटी लागू नहीं है.

ट्रेन में जीएसटी वसूलता टीटी

इसी तरह 30 जून को इंदौर में तीन ठगों को पकड़ा जो जीएसटी अफसर बनकर ट्रकवाले से जीएसटी के कागज के बहाने वसूली कर रहे थे, खलासी कूदकर भागा तो सामने से आ रहे पुलिसवालों को वाकया बताया और वे पकड़कर जेल भेजे गए.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ठगों ने एक कदम आगे जाते हुए बैंक खातादारों को फोन कर उनके डीटेल मांगे. पुलिस में हुई तीन शिकायतों के मुताबिक, ठग खातेदारों से कह रहे हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद बैंक खातों को अपडेट किया जा रहा है, इसलिए पिन-पासवर्ड समेत अन्य गोपनीय जानकारी पूछ रहे हैं. जानकारियां हासिल होने के बाद लोगों के खाते से पैसे उड़ा लिए गए. इसके बाद वारदात की जानकारी पुलिस को दी गई.

जीएसटी के बाद पुलिसवालों की भी चांदी

ये तो हुई ठगों और बदमाशों की बात लेकिन पुलिसवाले इनसे पीछे नहीं हैं. दिल्ली पुलिस के एक एएसआई, एक हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल यानी कुल पांच कर्मचारी जीएसटी के नाम पर वसूली करने में निलंबित किए गए हैं. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने वाट्सएप नंबर जारी कर व्यापारियों से ऐसे पुलिसवालों की शिकायत भेजने को कहा है. ये तो हुई वे घटनाएं जो मीडिया में आ गईं लेकिन रात को व्यापार कर विभाग की गाड़ियों में बैठे अफसरों-कर्मचारियों की हरकतों का जिक्र तक नहीं होता. रात को सामान लेकर निकलने वाली गाड़ियों के ड्राइवरों-कंडेक्टरों को माल भेजने वाले पुलिस व अफसरों के खर्चे के लिए अतिरिक्त पैसे देकर भेजते हैं ताकि माल सही वक्त पर पहुंच जाए.

जाहिर है नए कानून चाहे जितने बन जाएं-लागू करने वाला सिस्टम पुराना ही है. सरकारी सिस्टम की नीयत में कोई बदलाव नहीं आया है. सिस्टम की मानसिकता अभी भी पुराने जमाने की है. माना जाता है कि सरकारी नौकरी कर्मठता से करने के लिए नहीं होती और स्पष्ट कहा जाए तो पुलिस और व्यापार कर जैसे विभागों की भर्ती में जाने वाले ज्यादातर युवा घूस को नौकरी का अंग मानकर चलते हैं. कमाई के लिए सरकारी नौकरी की धारणा ने पूरे सिस्टम को चौपट किया है. सरकार जीएसटी का भविष्य चाहे जितना अच्छा मानकर चल रही हो, सरकारी तंत्र अगर इसे ईमानदारी से लागू नहीं करेगा तो नतीजे नकारात्मक ही रहेंगे.

जीएसटी सही तरीके से लागू करने की जरूरत

चांदनी चौक में बाथरूम फिनिशिंग के एक व्यापारी ने ये कहा, "अगर सरकार सख्ती करेगी तो हम जीएसटी का बिल देंगे. अभी दो महीने का समय है. अगले साल तक लगता है कोई सख्ती नहीं होगी और फिर तो चुनाव आ जाएंगे." व्यापारी की ये बातें सिस्टम के बारे में उसकी सामान्य और व्यवहारिक समझ जाहिर करती हैं. शायद ये एक कारोबारी की समझ हो अथवा ये ज्यादातर कारोबारियों की. कच्चे बिल का काम अभी तक तो बंद नहीं हुआ. जीएसटी इसी काम को बंद कराने के लिए है.

लेकिन समानांतर सिस्टम और उधार आधारित कारोबार पर आधारित हमारे बाजारों में टैक्स और बिल से जुड़ी चीजें ऑनलाइन धरातल पर लाना मौजूदा सिस्टम के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगा. शेयर बाजार पूरी तरह ऑनलाइन होने के बावजूद डिब्बा ट्रेडिंग हो रही है और लोग टैक्स चोरी कर रहे हैं इसलिए जीएसटी के भविष्य पर थोड़ा-थोड़ा शक तो होता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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