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पापा की पीपीएफ पॉलिसी को बोलो बाय, अब इसका है जमाना...

    • सरबदीप सिंह
    • Updated: 04 जून, 2017 12:16 PM
  • 04 जून, 2017 12:16 PM
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ELSS हर साल न सिर्फ ज्यादा रिटर्न देते हैं बल्कि पीपीएफ की तुलना में तीन साल कम समय के लिए पैसे रखने होते हैं. ईएलएसएस में 12 साल के लिए पैसा जमा करते हैं तो पीपीएफ में 15 साल के लिए.

2006 में मेरी पहली नौकरी लगते ही पिता जी ने मुझे पहली सलाह तुरंत पीपीएफ अकाउंट खोलने और उसमें अपनी बचत का एक हिस्सा जमा करना शुरू करने की दी थी.

1968 में अपने लॉन्च के बाद से ही पीपीएफ (लोक भविष्य निधि) के खाते हर घर का हिस्सा बन गए हैं. या कहें कि ये एक परंपरा ही बन गया जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को संस्कारों की तरह हस्तांतरित किया गया. हमारे माता-पिता ने पीपीएफ में अपनी बचत को मैनेज किया और हमें भी ऐसा ही करने के लिए कहा.

ज्यादातर मामलों में, जब कोई बच्चा पैदा होता है, तो उसके नाम पर एक पीपीएफ खाता खोला जाता है, और हर साल 1.5 लाख रुपये उस अकाउंट में जमा किए जाते हैं. पीपीएफ खाते लंबी अवधि के निवेश करने और टैक्स बचाने के लिए फेवरेट ऑप्शन हैं. ये वो पैसा होता है जिसे आप अपने पॉकेट से निकाल कर अकाउंट में रखें और फिर भूल जाएं. लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लिए सबसे बढ़िया तरीका.

'80 और '90 के दशक में, पीपीएफ शायद बचत का सर्वश्रेष्ठ माध्यम था. क्योंकि तब इसमें रिटर्न भी खूब ज्यादा और टैक्स बचाने दोनों की सुविधा थी. लेकिन अगर मौजूदा समय में पीपीएफ से मिलने वाले रिटर्न को देखें तो पीपीएफ से ज्यादा रिटर्न देने वाले कई विकल्पों के मौजूद होने के कारण ये फायदे का सौदा नहीं लगता. यहां तक की अगर आप 15 सालों के लिए पीपीएफ में निवेश करते हैं, तो लगभग 20-30 लाख का नुकसान हो सकता है.

आइए अब आपको बताएं कि कैसे:

बाजार की ब्याज दरों के मुकाबले पीपीएफ की ब्याज दरें धीरे-धीरे कम हो रही है. पहले कभी-कभी पीपीएफ की ब्याज दरों को कृत्रिम रूप से उच्च रखा जाता था लेकिन अब इनको बाजार दरों से जोड़ दिया गया है जो बदले में प्रचलित मुद्रास्फीति से जुड़े होते हैं. वर्तमान में पीपीएफ की ब्याज दर आठ फीसदी है.

तो, मान लीजिए कि आप अपने पीपीएफ खाते में हर साल 1.5 लाख रुपये का निवेश करते हैं, जो 15 वर्षों के लिए है. तो 15 साल के बाद आपके पीपीएफ खाते में लगभग 40.72 लाख की राशि जमा होगी.

यह समझने के...

2006 में मेरी पहली नौकरी लगते ही पिता जी ने मुझे पहली सलाह तुरंत पीपीएफ अकाउंट खोलने और उसमें अपनी बचत का एक हिस्सा जमा करना शुरू करने की दी थी.

1968 में अपने लॉन्च के बाद से ही पीपीएफ (लोक भविष्य निधि) के खाते हर घर का हिस्सा बन गए हैं. या कहें कि ये एक परंपरा ही बन गया जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को संस्कारों की तरह हस्तांतरित किया गया. हमारे माता-पिता ने पीपीएफ में अपनी बचत को मैनेज किया और हमें भी ऐसा ही करने के लिए कहा.

ज्यादातर मामलों में, जब कोई बच्चा पैदा होता है, तो उसके नाम पर एक पीपीएफ खाता खोला जाता है, और हर साल 1.5 लाख रुपये उस अकाउंट में जमा किए जाते हैं. पीपीएफ खाते लंबी अवधि के निवेश करने और टैक्स बचाने के लिए फेवरेट ऑप्शन हैं. ये वो पैसा होता है जिसे आप अपने पॉकेट से निकाल कर अकाउंट में रखें और फिर भूल जाएं. लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लिए सबसे बढ़िया तरीका.

'80 और '90 के दशक में, पीपीएफ शायद बचत का सर्वश्रेष्ठ माध्यम था. क्योंकि तब इसमें रिटर्न भी खूब ज्यादा और टैक्स बचाने दोनों की सुविधा थी. लेकिन अगर मौजूदा समय में पीपीएफ से मिलने वाले रिटर्न को देखें तो पीपीएफ से ज्यादा रिटर्न देने वाले कई विकल्पों के मौजूद होने के कारण ये फायदे का सौदा नहीं लगता. यहां तक की अगर आप 15 सालों के लिए पीपीएफ में निवेश करते हैं, तो लगभग 20-30 लाख का नुकसान हो सकता है.

आइए अब आपको बताएं कि कैसे:

बाजार की ब्याज दरों के मुकाबले पीपीएफ की ब्याज दरें धीरे-धीरे कम हो रही है. पहले कभी-कभी पीपीएफ की ब्याज दरों को कृत्रिम रूप से उच्च रखा जाता था लेकिन अब इनको बाजार दरों से जोड़ दिया गया है जो बदले में प्रचलित मुद्रास्फीति से जुड़े होते हैं. वर्तमान में पीपीएफ की ब्याज दर आठ फीसदी है.

तो, मान लीजिए कि आप अपने पीपीएफ खाते में हर साल 1.5 लाख रुपये का निवेश करते हैं, जो 15 वर्षों के लिए है. तो 15 साल के बाद आपके पीपीएफ खाते में लगभग 40.72 लाख की राशि जमा होगी.

यह समझने के लिए कि आपका पैसा कैसे बढ़ता है, ग्राफ़ देखें:

पी एफ पुराना हुआ

तो 22.5 लाख रुपये की कुल राशि 15 सालों में 18.22 लाख रुपये की वृद्धि के साथ 40.72 लाख रुपये हो जाएगा.

इसके विपरीत, पिछले 10 वर्षों में शीर्ष इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) पर औसत रिटर्न सालाना 12-14 फीसदी के बीच दे रही है.

अगर ELSS योजनाओं में हर साल 1.5 लाख रुपये (मासिक एसआईपी का उपयोग करके) का निवेश करते हैं, तो 15 साल बाद आपको लगभग 63.1 लाख रुपये मिलेंगे. यह राशि पीपीएफ से रिटर्न की तुलना में लगभग 57 प्रतिशत अधिक है.

* ईएलएसएस हर साल न सिर्फ ज्यादा रिटर्न देते हैं बल्कि पीपीएफ की तुलना में तीन साल कम समय के लिए पैसे रखने होते हैं. ईएलएसएस में 12 साल के लिए पैसा जमा करते हैं तो पीपीएफ में 15 साल के लिए. वहीं ईएलएसएस कर बचत के मामले में पीपीएफ के समान ही सारे लाभ भी प्रदान करता है.

इसलिए अगर आप लंबे समय तक निवेश करने और साथ ही इंकम टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, तो अपने पिता जी की सलाह को भूल जाने और पीपीएफ से बाहर निकलने में ही भलाई है. इक्विटी लिंक्ड योजनाएं लगभग हर तरह से बेहतर होती हैं. वे न सिर्फ निवेश को बदले हाई रिटर्न, बेहतर लिक्विडिटी और कई तरह के ऑप्शन प्रदान करते हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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