• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
इकोनॉमी

टैक्स सेविंग के लिए ना करें ये गलतियां

    • आईचौक
    • Updated: 10 फरवरी, 2017 06:36 PM
  • 10 फरवरी, 2017 06:36 PM
offline
अब जबकि 2015-16 के टैक्स-सेविंग इंवेस्टमेंट में दो महीने से भी कम का वक्त बचा है तो सभी इंवेस्टमेंट की हड़बड़ी होंगे. इसलिए आइए हम बताएं आपको ऐसी गलतियां जो टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट के समय करने से बचें.

बजट पेश हो चुका है और अब नए टैक्स स्लैब के हिसाब से लोग अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में कर रहे हैं. हम टैक्स प्लानिंग का मतलब सिर्फ टैक्स सेविंग समझते हैं. जबकि असलियत में टैक्स प्लानिंग पूरे सालभर की आपके फाइनेंस की प्लानिंग होती है और इसे पूरे साल करते रहना चाहिए.

विडम्बना ये है कि फाइनेंशियल प्लानिंग हमें साल में एक ही बार याद आता है और वो भी अंत के तीन महीनों में. इस चक्कर में हम ये भी नहीं सोचते कि इससे आगे हमारे आगे की प्लानिंग पर क्या असर पड़ेगा. अंतिम समय में इंवेस्टमेंट की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि हम सिर्फ टैक्स बचाने के लिए कहीं भी इंवेस्टमेंट कर देते हैं. जिसका हमें आगे कोई फायदा नहीं मिलता. इसलिए हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि हम जो भी इंवेस्टमेंट करें उसका हमें आगे चलकर रिटर्न भी मिले.

टैक्स सेविंग की प्लानिंग अच्छे से करेंअब जबकि 2015-16 के टैक्स-सेविंग इंवेस्टमेंट में दो महीने से भी कम का वक्त बचा है तो सभी इंवेस्टमेंट की हड़बड़ी होंगे. इसलिए आइए हम बताएं आपको ऐसी गलतियां जो टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट के समय करने से बचें.

1- फिक्सड इन्कम में बहुत ज्यादा इंवेस्ट करनाफिक्सड डिपॉजिट, पीपीएफ, ईपीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट आपको स्थिरता तो देते हैं लेकिन इनमें बहुत ज्यादा इन्वेस्ट करना घाटे का सौदा है. इसलिए कोशिश करें की इस तरह के स्थाई निवेशों और ईक्विटी निवेश में बैलेंस बना रहे. अगर आपने पीपीएफ, ईपीएफ या एफडी में पहले ही अच्छा खासा इन्वेस्टमेंट कर रखा है तो अब ईक्विटी में निवेश करें.

2- सेक्शन 80C के बाहर भी देखिएहम में से ज्यादातर लोगों को पता है कि 80C के अन्तर्गत हम 1.5 लाख रुपए की छूट पा सकते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि अपने हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर भी आपको टैक्स में...

बजट पेश हो चुका है और अब नए टैक्स स्लैब के हिसाब से लोग अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में कर रहे हैं. हम टैक्स प्लानिंग का मतलब सिर्फ टैक्स सेविंग समझते हैं. जबकि असलियत में टैक्स प्लानिंग पूरे सालभर की आपके फाइनेंस की प्लानिंग होती है और इसे पूरे साल करते रहना चाहिए.

विडम्बना ये है कि फाइनेंशियल प्लानिंग हमें साल में एक ही बार याद आता है और वो भी अंत के तीन महीनों में. इस चक्कर में हम ये भी नहीं सोचते कि इससे आगे हमारे आगे की प्लानिंग पर क्या असर पड़ेगा. अंतिम समय में इंवेस्टमेंट की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि हम सिर्फ टैक्स बचाने के लिए कहीं भी इंवेस्टमेंट कर देते हैं. जिसका हमें आगे कोई फायदा नहीं मिलता. इसलिए हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि हम जो भी इंवेस्टमेंट करें उसका हमें आगे चलकर रिटर्न भी मिले.

टैक्स सेविंग की प्लानिंग अच्छे से करेंअब जबकि 2015-16 के टैक्स-सेविंग इंवेस्टमेंट में दो महीने से भी कम का वक्त बचा है तो सभी इंवेस्टमेंट की हड़बड़ी होंगे. इसलिए आइए हम बताएं आपको ऐसी गलतियां जो टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट के समय करने से बचें.

1- फिक्सड इन्कम में बहुत ज्यादा इंवेस्ट करनाफिक्सड डिपॉजिट, पीपीएफ, ईपीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट आपको स्थिरता तो देते हैं लेकिन इनमें बहुत ज्यादा इन्वेस्ट करना घाटे का सौदा है. इसलिए कोशिश करें की इस तरह के स्थाई निवेशों और ईक्विटी निवेश में बैलेंस बना रहे. अगर आपने पीपीएफ, ईपीएफ या एफडी में पहले ही अच्छा खासा इन्वेस्टमेंट कर रखा है तो अब ईक्विटी में निवेश करें.

2- सेक्शन 80C के बाहर भी देखिएहम में से ज्यादातर लोगों को पता है कि 80C के अन्तर्गत हम 1.5 लाख रुपए की छूट पा सकते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि अपने हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर भी आपको टैक्स में छूट मिलती है! तो आप चाहें तो अपना प्रीमियम बढ़ा लें.

इसी तरह आप समाज कल्याण और समाज सेवा के लिए भी डोनेशन करते हैं तो आपको टैक्स में छूट मिलती है. राजनीतिक पार्टियों को दिए गए चंदे, वैज्ञानिक रिसर्च, गांवो के विकास और सरकार के राहत कोष में डोनेशन देने पर भी टैक्स में छूट मिलती है. तो आगे आप डिडक्शन के बारे में पता कर लें. 80सी के अलावे भी कई ऑप्शन मिल जाएंगे.

3- ईक्विटी में एक ही बार में निवेश करनाकुछ लोग ऐसी ईक्विटी में इन्वेस्ट करते हैं जो टैक्स में  बचत कराती है. लेकिन यहां पर वो एक गलती कर जाते हैं. वो एक ही बार में ईक्विटी में इन्वेस्ट कर देते हैं. इससे उनके पैसे डूबने की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए सबसे अच्छा तरीका ये है कि पूरे साल आप अपने निवेश को अलग-अलग जगहों पर करें

4- सावधि बीमा योजनाओं में निवेशअभी अगर आप बैंक जाते हैं तो बैंक के रिप्रेजेन्टेटिव आपको कई प्रोडक्ट बेचने की कोशिश करते हैं. इन प्रोडक्ट्स से आपका तो बहुत फायदा नहीं होता पर बैंकों को ज्यादा कमीशन जरुर मिलता है. सावधि बीमा योजना ऐसे ही प्लान में से एक है.

ज्यादातर लोग ये समझ ही नहीं पाते कि सावधि बीमा योजनाएं 10 से 20 साल के मैच्योरिटी पीरियड के साथ आती हैं. अगर आप सिर्फ पांच साल प्रीमियम का भुगतान करते हैं और उसके बाद अपना पैसा निकालना चाहते हैं तो हो सकता है कि अपने असल से भी कम पैसे आपको मिलें. साथ ही लोगों को ये भी पता नहीं चलता कि उनके प्रीमियम का एक हिस्सा तो कमीशन और दूसरे तरह के चार्जेज के लिए काटे जाते हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    Union Budget 2024: बजट में रक्षा क्षेत्र के साथ हुआ न्याय
  • offline
    Online Gaming Industry: सब धान बाईस पसेरी समझकर 28% GST लगा दिया!
  • offline
    कॉफी से अच्छी तो चाय निकली, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग दोनों से एडजस्ट कर लिया!
  • offline
    राहुल का 51 मिनट का भाषण, 51 घंटे से पहले ही अडानी ने लगाई छलांग; 1 दिन में मस्क से दोगुना कमाया
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲