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1 जुलाई के बाद GST बदल देगा आपका यात्रा खर्च

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 29 जून, 2017 06:35 PM
  • 29 जून, 2017 06:35 PM
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1 जुलाई के बाद अगर आप कहीं यात्रा की तैयारी कर रहे हैं तो बस, ट्रेन, कैब, मेट्रो या लोकल के किराए में क्या अंतर आएगा ये गौर करने वाली बात है.

1 जुलाई के बाद अगर आप कहीं यात्रा की तैयारी कर रहे हैं तो बस, ट्रेन, कैब, मेट्रो या लोकल के किराए में क्या अंतर आएगा ये गौर करने वाली बात है. तो चलिए देखते हैं कैसे बदलेगा आपका ट्रैवल जीएसटी लगने के बाद..

फ्लाइट:

हवाई सफर में इकोनॉमी क्लास में बहुत कम अंतर होगा. मौजूदा टैक्स रेट 5.80-6% का है और जीएसटी लागू होने के बाद ये 5% हो जाएगा. इसके अलावा, बिजनेस क्लास वाले यात्रियों के लिए सफर महंगा हो जाएगा. अभी टैक्स रेट 9% का है और ये 12% हो जाएगा.

उदाहरण के तौर पर...

अगर किसी फ्लाइट टिकट का बेस चार्ज 1300 रुपए है तो उसपर पहले 78 रुपए सर्विस टैक्स लगता है फिर 7 रुपए कृषि कल्याण सेस. इसके बाद 150 रुपए पैसेंजर सर्विस फीस, इसके अलावा, सीट फीस, एयरलाइन फ्यूल चार्ज यूजर डेवलपमेंट फीस सब मिलाकर ये अगर 3000 होता है तो जीएसटी के बाद इकोनॉमी क्लास के लिए ये 2960 रुपए तक पहुंच जाएगा.

अगर विदेश जाना है तो....

अगर आपको विदेश जाना है तो ये यात्रियों के लिए थोड़ा पेचीदा गणित साबित हो सकता है. इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि स्टॉप ओवर फ्लाइट की तुलना में डायरेक्ट फ्लाइट के रेट में ज्यादा फर्क पड़ेगा. कारण ये है कि अगर कोई स्टॉप ओवर फ्लाइट होगी जैसे भारत से जर्मनी की फ्लाइट टर्की होते हुए तो उस फ्लाइट का किराया भारत से टर्की तक का जीएसटी के अंतरगत आएगा और बाकी आधा नहीं. अब यहीं अगर सीधे जर्मनी की फ्लाइट हो गई तो पूरी टिकट पर जीएसटी लागू होगा.

इसी के साथ, 1 जुलाई के बाद अगर आप एयर ट्रैवल करने का प्लान एकदम से बनाते हैं तो वो आपको थोड़ा महंगा पड़ जाएगा. अगर आपको अफोर्डेबल टिकट चाहिए तो जल्दी बुकिंग्स करवा लेनी होगी. कारण ये है कि बिजनेस क्लास की टिकट महंगी होने से इकोनॉमी क्लास में ट्रैवल...

1 जुलाई के बाद अगर आप कहीं यात्रा की तैयारी कर रहे हैं तो बस, ट्रेन, कैब, मेट्रो या लोकल के किराए में क्या अंतर आएगा ये गौर करने वाली बात है. तो चलिए देखते हैं कैसे बदलेगा आपका ट्रैवल जीएसटी लगने के बाद..

फ्लाइट:

हवाई सफर में इकोनॉमी क्लास में बहुत कम अंतर होगा. मौजूदा टैक्स रेट 5.80-6% का है और जीएसटी लागू होने के बाद ये 5% हो जाएगा. इसके अलावा, बिजनेस क्लास वाले यात्रियों के लिए सफर महंगा हो जाएगा. अभी टैक्स रेट 9% का है और ये 12% हो जाएगा.

उदाहरण के तौर पर...

अगर किसी फ्लाइट टिकट का बेस चार्ज 1300 रुपए है तो उसपर पहले 78 रुपए सर्विस टैक्स लगता है फिर 7 रुपए कृषि कल्याण सेस. इसके बाद 150 रुपए पैसेंजर सर्विस फीस, इसके अलावा, सीट फीस, एयरलाइन फ्यूल चार्ज यूजर डेवलपमेंट फीस सब मिलाकर ये अगर 3000 होता है तो जीएसटी के बाद इकोनॉमी क्लास के लिए ये 2960 रुपए तक पहुंच जाएगा.

अगर विदेश जाना है तो....

अगर आपको विदेश जाना है तो ये यात्रियों के लिए थोड़ा पेचीदा गणित साबित हो सकता है. इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि स्टॉप ओवर फ्लाइट की तुलना में डायरेक्ट फ्लाइट के रेट में ज्यादा फर्क पड़ेगा. कारण ये है कि अगर कोई स्टॉप ओवर फ्लाइट होगी जैसे भारत से जर्मनी की फ्लाइट टर्की होते हुए तो उस फ्लाइट का किराया भारत से टर्की तक का जीएसटी के अंतरगत आएगा और बाकी आधा नहीं. अब यहीं अगर सीधे जर्मनी की फ्लाइट हो गई तो पूरी टिकट पर जीएसटी लागू होगा.

इसी के साथ, 1 जुलाई के बाद अगर आप एयर ट्रैवल करने का प्लान एकदम से बनाते हैं तो वो आपको थोड़ा महंगा पड़ जाएगा. अगर आपको अफोर्डेबल टिकट चाहिए तो जल्दी बुकिंग्स करवा लेनी होगी. कारण ये है कि बिजनेस क्लास की टिकट महंगी होने से इकोनॉमी क्लास में ट्रैवल करने वालों की संख्या बढ़ सकती है.

ट्रेन टिकट:

जहां तक ट्रेन का सवाल है वहां एसी का किराया बहुत कम बढ़ेगा. मौजूदा रेट 4.5% का है और जीएसटी के लगने के बाद ये 5% हो जाएगा. सर्विस टैक्स सिर्फ AC और फर्स्ट क्लास के डब्बों में लगता है तो स्लीपर क्लास और जनरल को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

तो इस हिसाब से अगर पहले भोपाल से दिल्ली तक की कोई टिकट 2000 रुपए की पड़ती थी तो अब वो 2010 रुपए की पड़ेगी.

कैब:

आपकी कैब राइड अब कुछ हद तक सस्ती हो जाएगी जीएसटी के बाद. सरकार ने इसका रेट भी 6% से घटाकर 5% कर दी है.

तो अगर आप मिनी कैब बुक करते हैं जिसका बेस फेयर 50 रुपए है और उसके बाद 10 किलोमीटर गए थे तो 8 रुपए के हिसाब से 80 रुपए लगेगें. मतलब 140 रुपए किराए पर पहले 8.4 रुपए टैक्स लगता था. अब यही राइड 149 रुपए की जगह 147 रुपए लगेगी. अब अगर आपका बिल इससे ज्यादा आता है यानि 300 रुपए के आस-पास तो फर्क 3 रुपए का हो जाएगा यानि जहां पहले 318 का बिल लगता था वो अब 315 रुपए लगेगा.

बस:

बस (इंटर स्टेट और लोकल) सभी को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. यानी आपकी लोकल बस का किराया और एक शहर से दूसरे शहर से ले जाने वाली बस, पिक अप वैन का किराया आदि पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

मेट्रो और लोकल का किराया:

जैसा की बस के साथ है मेट्रो और लोकल के किराए पर भी कोई असर नहीं पड़ा है और ये भी पहले की तरह ही रहेंगे. पहले भी सर्विस टैक्स 0% लगता था और अब जीएसटी में भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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