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चाइनीज झंडों और पटाखों से अमेरिका में आजादी मुबारक

    • राहुल मिश्र
    • Updated: 04 जुलाई, 2016 07:35 PM
  • 04 जुलाई, 2016 07:35 PM
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दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में राष्ट्रभक्ति का प्रतीक बना राष्ट्रध्वज एक ऐसे देश में बन रहा है जहां लोकतंत्र का नामोनिशान नहीं है. यह कहने से भी गुरेज नहीं करना चाहिए कि अमेरिकी लोकतंत्र के प्रदर्शन का सबसे अहम साधन चाइनीज हो चुका है.

दुनिया का सबसे पुराना काम कर रहा लोकतंत्र अमेरिका 4 जुलाई को आजादी दिवस मना रहा है. इस दिन अमेरिका में पूरी तरह से छुट्टी रहती है. स्कूल और ऑफिस जैसे सभी उपक्रम बंद कर दिए जाते हैं. आज के दिन देश के सभी नागरिकों से उम्मीद रहती है कि वह अपने पास-पड़ौस के लोगों के साथ मिलकर पूरी शिद्दत के साथ मनाएं.

4 जुलाई का थोड़ा इतिहास अमेरिका अपना इंडिपेंडेस डे 4 जुलाई को मनाता है. आज ही के दिन 240 साल पहले 1776 में 13 अमेरिकी राज्यों की कांग्रेस ने सर्वसम्मति से डेक्लरेशन ऑफ इंडिपेंडेस पारित करते हुए खुद को एक नया लोकतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया था. अब जब अमेरिका अपना 240वां जन्मदिन मना रहा है तो जिज्ञासा यह जानने की है कि कैसे दुनिया का सबसे लोकतंत्र इस दिन को देशभर में मनाता है?

झंडे की कहानी बीते साल के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में 4 जुलाई के दिन सबसे विशेष चीज अमेरिकी राष्ट्र ध्वज है जिसे देश के ज्यादातर नागरिक शान के साथ लहराते हैं. आज के दिन पूरे अमेरिका में चारों तरफ लाल, सफेद और नीलें रंगों से बना अमेरिकी ध्वज देखने को मिलता है. इस ध्वज से राष्ट्रवाद और शान को प्रदर्शित करने की अहमियत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अमेरिका में लगभग 64 फीसदी लोगों के पास राष्ट्रध्वज रहता है. लोग इसे साल भर अपने घर में सजाकर रखते हैं और 4 जुलाई के दिन इसे अपनी संपत्ति पर हर जगह फहराते हैं.

 अमेरिकी राष्ट्रध्वज

चाइनीज झंडे अमेरिका में 2015 में हुए झंडों के कारोबार के मुताबिक देश में लगभग 44 लाख डॉलर की कीमत के झंडों की बिक्री हुई है. खास बात यह है कि अधिकांश झंडे चीन में...

दुनिया का सबसे पुराना काम कर रहा लोकतंत्र अमेरिका 4 जुलाई को आजादी दिवस मना रहा है. इस दिन अमेरिका में पूरी तरह से छुट्टी रहती है. स्कूल और ऑफिस जैसे सभी उपक्रम बंद कर दिए जाते हैं. आज के दिन देश के सभी नागरिकों से उम्मीद रहती है कि वह अपने पास-पड़ौस के लोगों के साथ मिलकर पूरी शिद्दत के साथ मनाएं.

4 जुलाई का थोड़ा इतिहास अमेरिका अपना इंडिपेंडेस डे 4 जुलाई को मनाता है. आज ही के दिन 240 साल पहले 1776 में 13 अमेरिकी राज्यों की कांग्रेस ने सर्वसम्मति से डेक्लरेशन ऑफ इंडिपेंडेस पारित करते हुए खुद को एक नया लोकतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया था. अब जब अमेरिका अपना 240वां जन्मदिन मना रहा है तो जिज्ञासा यह जानने की है कि कैसे दुनिया का सबसे लोकतंत्र इस दिन को देशभर में मनाता है?

झंडे की कहानी बीते साल के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में 4 जुलाई के दिन सबसे विशेष चीज अमेरिकी राष्ट्र ध्वज है जिसे देश के ज्यादातर नागरिक शान के साथ लहराते हैं. आज के दिन पूरे अमेरिका में चारों तरफ लाल, सफेद और नीलें रंगों से बना अमेरिकी ध्वज देखने को मिलता है. इस ध्वज से राष्ट्रवाद और शान को प्रदर्शित करने की अहमियत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अमेरिका में लगभग 64 फीसदी लोगों के पास राष्ट्रध्वज रहता है. लोग इसे साल भर अपने घर में सजाकर रखते हैं और 4 जुलाई के दिन इसे अपनी संपत्ति पर हर जगह फहराते हैं.

 अमेरिकी राष्ट्रध्वज

चाइनीज झंडे अमेरिका में 2015 में हुए झंडों के कारोबार के मुताबिक देश में लगभग 44 लाख डॉलर की कीमत के झंडों की बिक्री हुई है. खास बात यह है कि अधिकांश झंडे चीन में निर्मित हैं. आंकड़ो के मुताबिक 2015 में कुल 43 लाख डॉलर के झंडे चीन से निर्मित होकर आए थे.

लिहाजा, आसानी से कहा जा सकता है कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में राष्ट्रभक्ति का प्रतीक बना राष्ट्रध्वज एक ऐसे देश में बन रहा है जहां लोकतंत्र का नामोनिशान नहीं है. तो यह कहने से भी हमें गुरेज नहीं करना चाहिए कि अमेरिकी लोकतंत्र के प्रदर्शन का सबसे अहम साधन चाइनीज हो चुका है.

आतिशबाजी की धूम अमेरिकी झंडे के बाद 4 जुलाई के दिन देशभर में जमकर आतिशबाजी की जाती है. आतिशबाजी का सबसे बेहतरीन नजारा न्यूयार्क शहर में हडसन नदी के किनारे देखा जा सकता है. इस आतिशबाजी को शहर में लगभग 30 लाख लोग देखते हैं वहीं 1 करोड़ से ज्यादा लोग टेलीवीजन पर इसका लाइव प्रसारण देखते हैं.

 4 जुलाई के मौके पर न्यूयार्क में आतिशबाजी

चाइनीज पटाखे अमेरिकी आतिशबाजी कंपनियों के संगठन के मुताबिक इस दिन देश में लगभग 100 करोड़ डॉलर के पटाखों की खपत होती है. इसमें लगभग 91 फीसदी पटाखे चीन में निर्मित रहते हैं. यानी एक बार फिर कह सकते हैं कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के जन्मदिन पर शमा बांधने का काम एक ऐसे देश में निर्मित पटाखे करते हैं जहां 21वीं सदी की दस्तक के बाद भी लोकतंत्र की बयार चलने का इंतजार है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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