• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
इकोनॉमी

ओला एटीएम, मोबाइल बैंक, ये ही काफी नहीं नोटबंदी के दौर में ?

    • ऑनलाइन एडिक्ट
    • Updated: 09 दिसम्बर, 2016 08:09 PM
  • 09 दिसम्बर, 2016 08:09 PM
offline
नोटबंदी का एक महीना तो पूरा हो चुका है. सरकार और विपक्ष सभी अपनी-अपनी राजनीति करके थक चुके हैं, लेकिन सवाल अभी भी यही है कि क्या जो कुछ भी सरकार ने किया वो काफी है? अगर हां तो लोग परेशान क्यों हैं?

नोटबंदी का एक महीना तो पूरा हो चुका है. सरकार और विपक्ष सभी अपनी-अपनी राजनीति करके थक चुके हैं. मोबाइल एटीएम के बाद अब पंजाब नेशनल बैंक ने ओला के साथ पार्टनरशिप करके मोबाइल एटीएम की सुविधा शुरू करने की बात कही है. सरकार की तरफ से भी काफी कोशिशें की जा रही हैं. जितने भी तरीकों से सरकार ये कोशिश कर रही है कि नोटबंदी को नॉर्मल किया जा सके क्या वो वाकई काफी हैं?

 सांकेतिक फोटो

क्या-क्या किया सरकार ने?

- नाबार्ड (नैशनल बैंक ऑफ एग्रिकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंच) से केंद्र सरकार ने सहकारी बैंकों को 21000 करोड़ रुपए देने की मांग की है जिससे किसानों को आसानी से कर्ज मिल सके और खेती के काम में फर्क ना पड़े.

- 30 करोड़ Rupay डेबिट कार्ड दिए गए हैं. जनधन अकाउंट होल्डरों को ये कार्ड दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- करोड़ों के नए नोट पकड़े जाने के मायने क्या हैं...

- शादियों के लिए 2.5 लाख तक बैंक से निकाल सकते हैं हालांकि, इसमें कुछ नियम भी हैं जैसे इतनी बड़ी रकम निकालने के लिए लोगों को एक डिक्लेरेशन देना होगा.

- ई-वॉलेट की लिमिट भी 10000 रुपए से बढ़ाकर 20000 रुपए कर दी गई है.

- डेबिट कार्ड को पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर दोनों में प्रमोट किया जा रहा है. कुछ प्राइवेट बैंकों ने MDR चार्ज 31 दिसंबर तक घटा दिए हैं.

- IRCTC से टिकट बुक करवाने पर सर्विस चार्ज हटा दिया है.

- TRAI ने SSD चार्ज...

नोटबंदी का एक महीना तो पूरा हो चुका है. सरकार और विपक्ष सभी अपनी-अपनी राजनीति करके थक चुके हैं. मोबाइल एटीएम के बाद अब पंजाब नेशनल बैंक ने ओला के साथ पार्टनरशिप करके मोबाइल एटीएम की सुविधा शुरू करने की बात कही है. सरकार की तरफ से भी काफी कोशिशें की जा रही हैं. जितने भी तरीकों से सरकार ये कोशिश कर रही है कि नोटबंदी को नॉर्मल किया जा सके क्या वो वाकई काफी हैं?

 सांकेतिक फोटो

क्या-क्या किया सरकार ने?

- नाबार्ड (नैशनल बैंक ऑफ एग्रिकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंच) से केंद्र सरकार ने सहकारी बैंकों को 21000 करोड़ रुपए देने की मांग की है जिससे किसानों को आसानी से कर्ज मिल सके और खेती के काम में फर्क ना पड़े.

- 30 करोड़ Rupay डेबिट कार्ड दिए गए हैं. जनधन अकाउंट होल्डरों को ये कार्ड दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- करोड़ों के नए नोट पकड़े जाने के मायने क्या हैं...

- शादियों के लिए 2.5 लाख तक बैंक से निकाल सकते हैं हालांकि, इसमें कुछ नियम भी हैं जैसे इतनी बड़ी रकम निकालने के लिए लोगों को एक डिक्लेरेशन देना होगा.

- ई-वॉलेट की लिमिट भी 10000 रुपए से बढ़ाकर 20000 रुपए कर दी गई है.

- डेबिट कार्ड को पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर दोनों में प्रमोट किया जा रहा है. कुछ प्राइवेट बैंकों ने MDR चार्ज 31 दिसंबर तक घटा दिए हैं.

- IRCTC से टिकट बुक करवाने पर सर्विस चार्ज हटा दिया है.

- TRAI ने SSD चार्ज घटा दिया है. इसे 1.50 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन से घटाकर 0.50 पैसे प्रति सेशन कर दिया गया है. ये चार्ज 31 दिसंबर तक ऐसा ही रहेगा.

- कुछ जगहों पर आधार पेमेंट, डिजिटल बैंकिंग जैसी सुविधाएं शुरू हो गई हैं. सभी सरकारी संस्थानों पर डिजिटल पेमेंट तरीके शुरू हो रहे हैं.

- मोबाइल एटीएम बसें शुरू हो गई हैं. हालांकि, ये सिर्फ कुछ शहरों तक ही सीमित हैं.

 सांकेतिक फोटो

हाल ही में डिजिटल पेमेंट को लेकर हुए ये सभी फैसले-

अरुण जेटली ने हाल ही में नोटबंदी के दौर में लोगों को आराम देने के लिए डिजिटल पेमेंट पर कुछ नए नियम लागू किए हैं.

- जैसे सरकारी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने पर 75 बेसिस प्वाइंट की छूट मिलेगी. दिल्ली में पेट्रोल 66.10 रुपए है और आपको दिल्ली में डिजिटल पेमेंट करने पर 50 पैसे की छूट मिलेगी.

- ट्रेन टिकट पर 50 बेसिस प्वाइंट की छूट मिली है. ये छूट 1 जनवरी तक चलेगी. रेलवे की बाकी सर्विसेज जैसे केटरिंग, रिटायरिंग रूम और बाकी पर 5 प्रतिशत की छूट होगी डिजिटल पेमेंट करने पर.

- नाबार्ड ने एक पीओएस डिवाइस प्रति गांव देने की घोषणा की है. ऐसा 1 लाख गावों के लिए किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- देश के लिए कितनी बड़ी है 2 लाख करोड़ की रकम

सरकार के ये सभी काम तो अच्छे हैं, लेकिन क्या ये काफी हैं? गावों और बड़े शहरों में तो फिर भी लोग आसानी से काम चला ले रहे हैं, लेकिन छोटे शहरों में पैसों की सबसे ज्यादा समस्या हो रही है. 1 या 2 एटीएम वाले शहरों में कैश नहीं है. ऐसी जगहों पर स्वाइप मशीने भी नहीं है. लोग पेटीएम जैसे ईवॉलेट का इस्तेमाल भी ठीक से करना नहीं जानते ऐसे शहरों के लिए क्या होगा. मध्यप्रदेश के बैतूल शहर से एक सज्जन का कहना है कि यहां तो सोना चांदी भी लोग कैश में खरीदते हैं ऐसे में ना एटीएम में पैसा है ना ही हर दुकान पर स्वाइप मशीन. जो एक दो सुपर मार्केट हैं उनमें अब इतनी भीड़ हो गई है कि कई घंटे लग जाएं और एक दिन में कम से कम 10 बार एटीएम के चक्कर काटने और 4 घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद ही एटीएम से पैसे निकल पाए हैं.

ऐसे में क्या वाकई सरकार के द्वारा किए जा रहे काम काफी हैं. ऐसे शहरों में तो ना ही मोबाइल एटीएम जा सकता है ना ही यहां आम एटीएम के लिए कैश मिल पा रहा है. स्वाइप मशीने ही नहीं हैं कई जगह. अब बताइए ऐसे शहरों का क्या होगा?

क्या कर सकती है सरकार-

कैश की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार छोटे शहरों में भी स्वाइप मशीनों का इंतजाम कर सकती है. ऐसे शहरों में लोगों के पास डेबिट कार्ड होते हैं. बैंक खुद भी इसपर ध्यान दे सकते हैं. सरकारी अस्पताल, रेलवे स्टेशन आदि पर भी स्वाइप मशीने लगवाई जा सकती हैं. इससे लोगों को और ज्यादा आसानी होगी. अब नोटबंदी को 1 महीना हो गया है तो अब पैसे निकालने के नियमों पर थोड़ी रिआयत भी देनी चाहिए.

फिलहाल जो भी काम किए जा रहे हैं वो नाकाफी साबित हो रहे हैं. ना ही बैंकों की लाइन कम हो रही है और ना ही एटीएम की लाइन. उम्मीद ही की जा सकती है कि सरकार ने जिस तरह नोटबंदी लागू करने में देर नहीं की वैसे ही अब इसके लिए काम करने में भी देर नहीं करेगी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    Union Budget 2024: बजट में रक्षा क्षेत्र के साथ हुआ न्याय
  • offline
    Online Gaming Industry: सब धान बाईस पसेरी समझकर 28% GST लगा दिया!
  • offline
    कॉफी से अच्छी तो चाय निकली, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग दोनों से एडजस्ट कर लिया!
  • offline
    राहुल का 51 मिनट का भाषण, 51 घंटे से पहले ही अडानी ने लगाई छलांग; 1 दिन में मस्क से दोगुना कमाया
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲