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नोटबंदी : हिस्‍सा लीजिए नमो एप जैसे 9 सवालों के नए सर्वे में

    • धीरेंद्र राय
    • Updated: 25 नवम्बर, 2016 01:23 PM
  • 25 नवम्बर, 2016 01:23 PM
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नमो एप पर 9 सवाल पूछे गए थे. नतीजा 93 फीसदी मोदी के पक्ष में आया. उसी से मिलते-जुलते यह नए 9 सवाल हैं, क्‍या अब भी नतीजा वैसा ही रहेगा ?

नरेंद्र मोदी एप यानी नमो एप पर 9 सवालों का सर्वे सामने आया. सभी सवाल सरकार की नोटबंदी मुहिम से जुड़े थे. लेकिन इन सवालों को कुछ इस तरह बुना गया था कि नतीजा मोदी के फैसले के पक्ष में ही आना था. और ऐसा हुआ भी. 93 फीसदी लोगों ने सरकार के फैसले के साथ सहमति दिखाई. लेकिन इन सवालों में कुछ जायज आशंकाएं और जिज्ञासाएं बाकी रह गईं. जिसके बारे में बात रखने की वहां जगह ही नहीं थी. लोगों के मन में इस मुहिम से जुड़े 9 सवाल और हैं, जिन्‍हें यहां एक पोल के रूप में सामने रखा जा रहा है. उम्‍मीद है इस पोल का नतीजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की मदद ही करेगा, जो कालेधन, नकली नोट और भ्रष्‍टाचार की लड़ाई को अंजाम तक ले जाने का दावा कर रहे हैं.

1. क्‍या आपको ऐसा लगता है भारत में जिस पैसे का सरकार को पता नहीं है वह सब कालाधन है ?

[नमो एप का मूल सवाल: क्‍या आपको लगता है कि भारत में कालाधन है?]

2. क्‍या आपको ऐसा लगता है कि भ्रष्‍टाचार और कालेधन की लड़ाई की शुरुआत बड़े आसामियों की छोड़कर आम आदमी से ही शुरू करनी चाहिए ?

[नमो एप का मूल सवाल: क्‍या आपको ऐसा लगता है कि भ्रष्‍टाचार और कालेधन के खिलाफ जंग होनी चाहिए और उसे खत्‍म किया जाना चाहिए?]

3. क्‍या आपको ऐसा लगता है कि कालेधन के खिलाफ ये मुहिम और बेहतर ढंग से लागू की जा सकती थी ?

[नमो एप का मूल सवाल: कालेधन की समस्‍या से निपटने के लिए सरकार के प्रयास आपको कैसे लगे?]

नरेंद्र मोदी एप यानी नमो एप पर 9 सवालों का सर्वे सामने आया. सभी सवाल सरकार की नोटबंदी मुहिम से जुड़े थे. लेकिन इन सवालों को कुछ इस तरह बुना गया था कि नतीजा मोदी के फैसले के पक्ष में ही आना था. और ऐसा हुआ भी. 93 फीसदी लोगों ने सरकार के फैसले के साथ सहमति दिखाई. लेकिन इन सवालों में कुछ जायज आशंकाएं और जिज्ञासाएं बाकी रह गईं. जिसके बारे में बात रखने की वहां जगह ही नहीं थी. लोगों के मन में इस मुहिम से जुड़े 9 सवाल और हैं, जिन्‍हें यहां एक पोल के रूप में सामने रखा जा रहा है. उम्‍मीद है इस पोल का नतीजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की मदद ही करेगा, जो कालेधन, नकली नोट और भ्रष्‍टाचार की लड़ाई को अंजाम तक ले जाने का दावा कर रहे हैं.

1. क्‍या आपको ऐसा लगता है भारत में जिस पैसे का सरकार को पता नहीं है वह सब कालाधन है ?

[नमो एप का मूल सवाल: क्‍या आपको लगता है कि भारत में कालाधन है?]

2. क्‍या आपको ऐसा लगता है कि भ्रष्‍टाचार और कालेधन की लड़ाई की शुरुआत बड़े आसामियों की छोड़कर आम आदमी से ही शुरू करनी चाहिए ?

[नमो एप का मूल सवाल: क्‍या आपको ऐसा लगता है कि भ्रष्‍टाचार और कालेधन के खिलाफ जंग होनी चाहिए और उसे खत्‍म किया जाना चाहिए?]

3. क्‍या आपको ऐसा लगता है कि कालेधन के खिलाफ ये मुहिम और बेहतर ढंग से लागू की जा सकती थी ?

[नमो एप का मूल सवाल: कालेधन की समस्‍या से निपटने के लिए सरकार के प्रयास आपको कैसे लगे?]

4. क्‍या आपको लगता है कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि इस सरकार को रिलायंस और टाटा के खिलाफ भी कार्रवाई करनी पड़ी तो करेगी?

[नमो एप का मूल सवाल: भ्रष्‍टाचार की लड़ाई में मोदी सरकार के अब तक के प्रयास कैसे लगे?]

5. क्‍या आपको ऐसा लगता है कि इस मुहिम के कारण हो रही परेशानियों से निपटने के सरकारी प्रयास नाकाफी हैं ?

[नमो एप का मूल सवाल: क्‍या आपको लगता है कि नोटबंदी से कालाधन, भ्रष्‍टाचार और आतंकवाद को खत्‍म करने में मदद मिलेगी?]

6. सिर्फ पुराने 500 और 1000 रु. के नोट रातोंरात चलन से बाहर कर देना ही कालेधन के खिलाफ लड़ाई का एकमात्र हथियार था ?

[नमो एप का मूल सवाल: सरकार द्वारा 500 रु. और 1000 रु. के नोट को चलन से बाहर करने का कदम कैसा लगा?]

7. क्‍या आपको ऐसा लगता है कि कालेधन को ठिकाने लगाने के बाकी रास्‍तों को रोकने में सरकार विफल रही है, जैसे सोना, रियल स्‍टेट आदि.

[नमो एप का मूल सवाल: नोटबंदी से रियल एस्‍टेट, हायर एजुकेशन, स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं आम आदमी की पहुंच में आ जाएंगी?]

8. क्‍या आपको ऐसा लगता है कि लोगों ने ज्‍यादा परेशानी उठा ली और कालेधन वालों ने अपना पैसा आराम से ठिकाने लगा लिया ?

[नमो एप का मूल सवाल: भ्रष्‍टाचार, कालाधन, आतंकवाद और नकली करंसी के खिलाफ लड़ाई के कारण हो रही थोड़ी असुविधा से क्‍या आप तंग आ गए हैं?]

9. क्‍या आपको ऐसा लगता है कि सरकार की इस मुहिम की किसी भी आलोचना को सिरे से कालेधन की पैरवी मान लिया जा रहा है ?

[नमो एप का मूल सवाल: भ्रष्‍टाचार के खिलाफ बोलने वाले कुछ एक्टिविस्‍ट अब कालेधन, भ्रष्‍टाचार और आतंकवादियों की मदद करने वाले बयान दे रहे हैं?]

यदि इन सवालों से जुड़ी कोई प्रतिक्रिया हो तो उसे इस सर्वे के अंत में कमेंट बॉक्‍स में दर्ज करें. या फिर ichowk.in के फेसबुक पेज पर लिखें. आपके सुझाव प्रधानमंत्री जी और पीएमओ के साथ शेयर किए जाएंगे.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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