बॉलीवुड में हमेशा से ही रियल डॉन पर फिल्में बनती आई हैं. हर फिल्म में डॉन को एक हीरो की तरह बताया गया है. क्या हमारे देश में रियल हीरो की कमी है ? क्या उनपर फिल्म नहीं बन सकती ? क्या उनपर फिल्म बनाकर पैसा नहीं कमाया जा सकता ? मगर पता नहीं क्यों हमारे देश में बॉलीवुड में निर्देशकों को गुंडों को हीरो बनाने में मजा आता है. इन फिल्मों में डॉन को ऐसे दिखाया जाता है जैसे उसने कभी कोई गुनाह ही नहीं किया. वो जिसे जान से मरता है भले के लिए मरता है. फिल्म में वास्तविक दुनिया के डॉन को पर्दे पर कुछ ऐसा दिखाया जाता है मानो लोगों के लिए वो एक मिसाल हों, कि आप भी ऐसा कर सकते हैं.
हाल ही में श्रद्धा कपूर की फिल्म का टीज़र रिलीज़ हुआ है. इस फिल्म का नाम है 'हसीना पारकर'. इस फिल्म में श्रद्धा कपूर दाऊद की बहन का किरदार निभा रही हैं. मगर फिल्म में ऐसे दिखाया गया है जैसे हसीना पारकर एक महान महिला रही हो. जरा फिल्म के डायलॉग को सुनिए- 88 केसेस दर्ज मगर हाजिरी सिर्फ के बार, कोई उन्हें गॉड मदर कहता है तो कोई आपा.
यानी अब तक तो दाऊद पर फिल्में बनती थीं, उसे हीरो के तौर पर दिखाया जाता था मगर अब बॉलीवुड ने उसकी बहन को भी ढूंढ निकाला है. अब फिल्म में हसीना पारकर के चरित्र का गुणगान किया जाएगा. दिखाया जायेगा की उन पर अत्याचार हुए तब वो डॉन बनीं.
इससे पहले 'वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई' में अजय देवगन ने हाजी मस्तान का किरदार पर्दे पर निभाया था. इस फिल्म में अजय को गरीबों का रखवाला दिखाया गया. हाजी मस्तान के किरदार को ऐसे दिखाया गया जैसे उसने अपनी जीवन में कभी गुनाह किया ही न हो.
इसी फिल्म के अगले पार्ट में अक्षय कुमार ने दाऊद अब्राहिम का किरदार निभाया. इस फिल्म का पहला ही सीन शारजाह कप की...
बॉलीवुड में हमेशा से ही रियल डॉन पर फिल्में बनती आई हैं. हर फिल्म में डॉन को एक हीरो की तरह बताया गया है. क्या हमारे देश में रियल हीरो की कमी है ? क्या उनपर फिल्म नहीं बन सकती ? क्या उनपर फिल्म बनाकर पैसा नहीं कमाया जा सकता ? मगर पता नहीं क्यों हमारे देश में बॉलीवुड में निर्देशकों को गुंडों को हीरो बनाने में मजा आता है. इन फिल्मों में डॉन को ऐसे दिखाया जाता है जैसे उसने कभी कोई गुनाह ही नहीं किया. वो जिसे जान से मरता है भले के लिए मरता है. फिल्म में वास्तविक दुनिया के डॉन को पर्दे पर कुछ ऐसा दिखाया जाता है मानो लोगों के लिए वो एक मिसाल हों, कि आप भी ऐसा कर सकते हैं.
हाल ही में श्रद्धा कपूर की फिल्म का टीज़र रिलीज़ हुआ है. इस फिल्म का नाम है 'हसीना पारकर'. इस फिल्म में श्रद्धा कपूर दाऊद की बहन का किरदार निभा रही हैं. मगर फिल्म में ऐसे दिखाया गया है जैसे हसीना पारकर एक महान महिला रही हो. जरा फिल्म के डायलॉग को सुनिए- 88 केसेस दर्ज मगर हाजिरी सिर्फ के बार, कोई उन्हें गॉड मदर कहता है तो कोई आपा.
यानी अब तक तो दाऊद पर फिल्में बनती थीं, उसे हीरो के तौर पर दिखाया जाता था मगर अब बॉलीवुड ने उसकी बहन को भी ढूंढ निकाला है. अब फिल्म में हसीना पारकर के चरित्र का गुणगान किया जाएगा. दिखाया जायेगा की उन पर अत्याचार हुए तब वो डॉन बनीं.
इससे पहले 'वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई' में अजय देवगन ने हाजी मस्तान का किरदार पर्दे पर निभाया था. इस फिल्म में अजय को गरीबों का रखवाला दिखाया गया. हाजी मस्तान के किरदार को ऐसे दिखाया गया जैसे उसने अपनी जीवन में कभी गुनाह किया ही न हो.
इसी फिल्म के अगले पार्ट में अक्षय कुमार ने दाऊद अब्राहिम का किरदार निभाया. इस फिल्म का पहला ही सीन शारजाह कप की याद दिलाता है. जब दाऊद को स्टेडियम में देखा गया था. इस फिल्म में भी अक्षय कुमार क्रिकेट के स्टेडियम में बैठे होते हैं और उनकी मर्ज़ी पर ही सब कुछ तय होता है.
हाल ही में आई शाहरुख खान की फिल्म 'रईस' में शाहरुख ने एक गुजरती डॉन का किरदार निभाया. एक ऐसा डॉन जो शराब का धंधा एक ऐसे स्टेट में करता है जहां शराबबंदी है. ये किरदार गुजरती डॉन अब्दुल लतीफ़ से काफी मिलता जुलता भी है. मगर फिल्म में शाहरुख ने डॉन को ऐसे दिखाया मानो वो सुपरहीरो हो.
हालांकि गवली नहीं चाहते थे कि उनकी बायोपिक फिल्म बने. पर वो इसी बता पर अपनी फिल्म के लिए तैयार हुए कि उन्हें इस फिल्म में किसी हीरो की तरह ना दिखाया जाए, बस जैसे वो हैं वैसा ही दिखाया जाए. मगर ट्रेलर देख कर आप समझ सकते है कि फिल्म में वो ही हीरो हैं. ट्रेलर के अंत में वो कोर्ट में कहते है मैं निर्दोष हूं. आशिम अहलूवालिया की ये फिल्म 21 जुलाई को रिलीज हो रही है.
तो कुल मिलाकर बॉलीवुड के लिए रियल डॉन ही सबसे ज्यादा मह्त्व रखते है, बजाय रियल हीरो के.
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